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लखनऊ: सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी कुर्सी बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। भाजपा के 200 से ज्यादा विधायक अपनी ही सरकार के खिलाफ धरने पर बैठ गए थे। हालत ये है कि भाजपा के करीब 300 विधायक सरकार के खिलाफ हैं इसलिए जानबूझकर प्रदेश में बवाल के बहाने मुद्दों से जनता का ध्यान हटाने की कोशिश की जा रही है। अखिलेश यादव रविवार को लखनऊ में सपा मुख्यालय पर पार्टी नेताओं को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य है भाजपा को हटाना है। भाजपा के लोग समाज में भेदभाव बढ़ाकर उसका लाभ लेने की कोशिश करते हैं। हम संविधान का सम्मान करते हैं और वो संविधान को नहीं मानते। आज जब देश की अर्थव्यवस्था आईसीयू में पहुंच गई है और इनके पास देश को दिखाने के लिए कुछ नहीं है तो समाज में एक दूसरे को लड़वाना चाहते हैं। अखिलेश ने कहा कि समाजवादी लोग अन्याय के खिलाफ हैं। हम उनसे संघर्ष करेंगे। भाजपा सरकार को बताना चाहिए कि प्रदेश के अलग-अलग जिलों में हुई हिंसा में कितने लोगों के खिलाफ कार्रवाई हुई?

नई दिल्ली: मेरठ के एसपी सिटी अखिलेश नारायण सिंह का एक वीडियो शनिवार को वायरल हो गया। वीडियो वायरल होने के बाद दिग्गज नेताओं के बीच भी बहस छिड़ गई। वहीं, केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि अगर यह वीडियो सच है तो यह निंदनीय है और इस पर तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए। मंत्री ने कहा है, 'अगर यह सच है कि एसपी ने वीडियो में यह बयान दिया है, तो यह निंदनीय है। उनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए।' उन्होंने कहा, 'किसी भी स्तर पर हिंसा, पुलिस द्वारा हो या भीड़ द्वारा, यह अस्वीकार्य है। यह लोकतांत्रिक देश का हिस्सा नहीं हो सकता। पुलिस को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि जो निर्दोष हैं, वे पीड़ित न हों।'

मायावती ने की न्यायिक जांच की मांग

बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने मेरठ एसपी सिटी अखिलेश नारायण के वायरल वीडियो को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। साथ ही उन्होंने मेरठ एसपी सिटी को बर्खास्त करने की भी मांग की है। मायावती ने ट्वीट कर कहा कि उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में वर्षों से रह रहे मुसलमान भारतीय है ना कि पाकिस्तानी।

लखनऊ: कांग्रेस पार्टी ने लखनऊ में प्रियंका गांधी को उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा रोके जाने के मामले में जांच की मांग की है। कांग्रेस पार्टी की प्रवक्ता सुष्मिता देव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस ने कहा, 'ये तानाशाही है कि प्रियंका गांधी एक विरोधी दल के नेता होने के नाते डंडे के बल पर जेल में भर्ती किए गए लोगों के परिजनों से मिलने जा रही थीं, लेकिन उन्हें रोका गया। इसकी जांच होनी चाहिए। यूपी पुलिस की सर्किल ऑफिसर ने प्रियंका गांधी की गाड़ी को इस तरीके से रोका कि उनका एक्सिडेंट होते-होते बचा। उनकी गाड़ी में 5 लोगों से कम लोग मौजूद थे और इस तरह वो धारा 144 का उल्लंघन भी नहीं कर रही थीं। लेकिन उन्हें रोका गया।'

सुष्मिता देव ने कहा, 'यूपी पुलिस ने प्रियंका गांधी को टू व्हीलर पर भी घेरा और जिस तरीके से घेरा वो निंदनीय है।' उन्होंने कहा कि नागरिकता कानून के खिलाफ हुए प्रदर्शन के दौरान उत्तर प्रदेश में 18 लोगों की जान गई है जिसमें 12 लोगों को गोली मारी गई है। जिन अधिकारियों ने प्रर्दशनकारियों को और प्रियंका गांधी को रोका उनको बर्खास्त करनी चाहिए।

लखनऊ: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने पूर्व आईपीएस अधिकारी एसआर दारापुरी के घर जाकर उनके परिजनों से मुलाकात की। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा में यूपी पुलिस ने दारापुरी को हिरासत में ले लिया था। शनिवार को कांग्रेस के 135वें स्थापना दिवस के मौके पर पार्टी के कार्यक्रम में शामिल होने के बाद प्रियंका गांधी दारापुरी के परिजनों से मिलने पहुंची थीं। इससे पहले वे सामाजिक कार्यकर्ता सदफ जफर के परिजनों से भी मिलने जा रही थीं। लेकिन उत्तर प्रदेश पुलिस ने उन्हें रोक दिया। इसके बाद वे एसआर दारापुरी के परिजनों से मिलने पहुंची। इसी दौरान प्रियंका गांधी ने आरोप लगाया कि यूपी पुलिस ने उनसे बदसलूकी की और उन्हें रोका गया।

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, 'मैं गाड़ी से उतरकर पैदल चलने लगी। मुझे घेरा गया और एक महिला पुलिसकर्मी ने मेरा गला दबाया। मुझे धक्का दिया गया और मैं गिर गई। आगे चलकर फिर मुझे पकड़ा तो मैं एक कार्यकर्ता के टू-व्हीलर से निकली। उसे भी गिरा दिया गया।' प्रियंका ने कहा कि दारापुरी 77 साल के पूर्व पुलिस अधिकारी हैं।

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