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लखनऊ: प्रदेश में हिंसात्मक गतिविधियों में शामिल रही पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआई) पर प्रतिबंध के लिए डीजीपी मुख्यालय ने सिफारिश की है। इस सिफारिश को राज्य के गृह विभाग के माध्यम से भारत सरकार को भेजा जा रहा है। सूत्रों के अनुसार प्रदेश में हाल के दिनो में हुई हिंसा के दौरान पीएफआई के 22 सदस्य पुलिस के हत्थे चढ़े थे। इसमें लखनऊ और शामली में सबसे अधिक थे। इससे पहले भी लखनऊ, मेरठ, शामली, वाराणसी और अन्य स्थानों पर पीएफआई के सदस्यों के पास से आपत्तिजनक साहित्य व सामग्री बरामद की गई थी।

उक्त जिलों में पूर्व में दर्ज मुकदमे का हवाला देते हुए सिफारिश में कहा गया है कि किस तरह से 2010 से यह संगठन यूपी के विभिन्न जिलों में सक्रिय रहा है और माहौल खराब करने की कोशिश करता रहा है। सिफारिश में प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट आफ इंडिया (सिमी) के सदस्यों ने पीएफआई जॉइन कर ली थी। अब तक प्रकाश में आए कई ऐसे नाम हैं जो पूर्व में सिमी के सदस्य रहे हैं। डीजीपी मुख्यालय ने यह सिफारिश गृह विभाग को भेज दी है। गृह विभाग इसका अध्ययन करने के बाद केंद्र सरकार को भेजेगा।

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई प्रदेश कैबिनेट की बैठक में कई अहम प्रस्ताव पर मुहर लगी। बैठक में प्रदेश सरकार ने श्रम विभाग में कर्मचारी राज्य बीमा योजना के अंतर्गत काम करने वाले एलोपैथिक चिकित्सा अधिकारियों को चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण व चिकित्सा शिक्षा विभाग के चिकित्सकों की तरह प्राइवेट प्रैक्टिस बंदी भत्ता देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी।

श्रम विभाग के प्रस्ताव के मुताबिक कर्मचारी बीमा अस्पताल के 200 डॉक्टरों को नॉन प्रैक्टिस भत्ता मूल वेतन का 20 फीसदी मिलेगा। यानि डॉक्टरों का मूल वेतन एक लाख रुपए है तो 20 हजार रुपए नॉन प्रैक्टिस भत्ता मिलेगा। अभी तक कर्मचारी बीमा अस्पताल के डॉक्टर 10 हजार रुपए फिक्स नॉन प्रैक्टिस भत्ता पाते हैं। अब उन्हें मूल वेतन का 20 फीसदी नॉन प्रैक्टिस भत्ता मार्च से मिलेगा। मार्च से लेकर दिसंबर तक उन्हें एरियर भी मिलेगा।

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधायिका में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के आरक्षण की अवधि दस वर्ष बढ़ाने के लिए संसद से पारित संविधान के 126वें संशोधन विधेयक-2019 के समर्थन में मंगलवार को विधानमंडल के विशेष सत्र में पेश किए गए संकल्प पर चर्चा के दौरान विपक्ष पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि दलितों, वंचितों और गरीबों के वोट बैंक के नाम पर राजनीति करने वाले सपा, बसपा और कांग्रेस यानी ‘सबका’ ही वास्तव में उनके सबसे बड़े विरोधी है।

मुख्यमंत्री ने इन दलों पर गरीबों के हितों पर डकैती डालने और शासन की योजनाओं में बाधक बनने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने केवल नारे नहीं दिए बल्कि बल्कि नारों को हकीकत में बदलने काम किया है। मुख्यमंत्री ने दलितों, वंचितों, गरीबों, आदिवासियों के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की ओर से लागू योजनाओं की जानकारी भी दी। नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी, बसपा नेता लालजी वर्मा और कांग्रेस के अजय कुमार लल्लू ने मुख्यमंत्री के बयानों को चर्चा से अलग बताते हुए विरोध किया।

अमेठी: अमेठी में भारतीय जनता पार्टी जिला उपाध्यक्ष और उनके भाई के साथ कोतवाली के अंदर मारपीट किए जाने के आरोप में एक दारोगा समेत पांच पुलिसकर्मियों को निलम्बित कर दिया गया है। अपर पुलिस अधीक्षक दयाराम ने मंगलवार को बताया कि भाजपा जिला उपाध्यक्ष रवि सिंह और उनके भाई मानवेंद्र से मारपीट करने के आरोप में दारोगा विजय सिंह और सिपाहियों सुनील कुमार यादव, चंद्रभान, सत्य बिंद और दीपक यादव को निलंबित कर दिया गया है। पूरे मामले की विभागीय जांच के आदेश भी दिए गए हैं।

मानवेंद्र का आरोप है कि सोमवार शाम बाजार में बच्चों के बीच मोबाइल फोन को लेकर झगड़ा हो रहा था। बात बढ़ते देख वह बीच-बचाव करने पहुंचे तभी पुलिस भी आ गई। दारोगा विजय सिंह बच्चों के साथ उन्हें भी जीप में लादकर कोतवाली ले आए। आरोप है कि थानाध्यक्ष के संरक्षण में विजय सिंह ने शराब पीकर उनके साथ मार पीट की। उन्होंने कहा कि इसकी खबर सुनकर भाजपा जिला उपाध्यक्ष रवि सिंह कोतवाली पहुंचे। उनके साथ भी दारोगा ने मारपीट की और भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को लेकर अभद्र टिप्पणी की।

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