वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि भारत टैरिफ में कटौती करने के लिए सहमत हो गया है। ट्रंप ने कहा, "भारत हम पर बहुत ज्यादा टैरिफ लगाता है। आप भारत में कुछ भी बेच नहीं सकते हैं।" इससे पहले ट्रंप ने कहा था कि अमेरिका से ज्यादा टैक्स वसूलने वाले सभी देशों पर 2 अप्रैल 2025 से रेसिप्रोकल टैरिफ लागू हो जाएंगे। ट्रंप का कहना है कि टैरिफ से अमेरिकी मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार बढ़ेगा।
टैरिफ को लेकर चीन और अमेरिका आमने-सामने
टैरिफ को लेकर अमेरिका और चीन इस समय आमने-सामने हैं। चीन ने चेतावनी देते हुए है कि वो इसके लिए तैयार हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीनी वस्तुओं पर टैरिफ बढ़ा दिया है। इसे लेकर अब दोनों देश खुलकर आमने-सामने आ गये हैं। अमेरिका ने चीनी इंपोर्ट पर 20 प्रतिशत टैरिफ का एलान किया, जिसके बाद चीन की निगाहें भारत पर टिक गई है। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने शुक्रवार को भारत और चीन को मिलकर काम करने आधिपत्यवाद और सत्ता की राजनीति का विरोध करने में अहम भूमिका निभाने की अपील की है।
उन्होंने कहा कि यदि चीन और भारत हाथ मिलाते हैं, तो अंतरराष्ट्रीय मामलों में अधिक लोकतांत्रिक व्यवस्था और मजबूत ग्लोबल साउथ की संभावना में काफी सुधार होगा। ग्लोबल साउथ से तात्पर्य उन देशों से है जिन्हें अक्सर विकासशील, कम विकसित या अविकसित कहा जाता है और जो मुख्य रूप से अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका में स्थित हैं।
यूक्रेन से निपटना ज्यादा मुश्किल-ट्रंप
डोनाल्ड ट्रंप ने रूस-यूक्रेन पर भी बयान दिया। उन्होंने कहा, अगर वे समझौता नहीं करना चाहते हैं तो फिर हम वहां से बाहर हैं, क्योंकि हम चाहते हैं कि वे समझौता करें। मैं मौत को रोकने के लिए कह रहा हूं। दूसरी बात ये भी है कि आगे चलकर पैसों की जरूरत होगी।" उन्होंने कहा, "मुझे यूक्रेन से निपटना ज्यादा मुश्किल लग रहा है। हम उनकी मदद करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन यूक्रेन को आगे आकर काम करना होगा।"