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लखनऊ: कांग्रेस पार्टी ने लखनऊ में प्रियंका गांधी को उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा रोके जाने के मामले में जांच की मांग की है। कांग्रेस पार्टी की प्रवक्ता सुष्मिता देव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस ने कहा, 'ये तानाशाही है कि प्रियंका गांधी एक विरोधी दल के नेता होने के नाते डंडे के बल पर जेल में भर्ती किए गए लोगों के परिजनों से मिलने जा रही थीं, लेकिन उन्हें रोका गया। इसकी जांच होनी चाहिए। यूपी पुलिस की सर्किल ऑफिसर ने प्रियंका गांधी की गाड़ी को इस तरीके से रोका कि उनका एक्सिडेंट होते-होते बचा। उनकी गाड़ी में 5 लोगों से कम लोग मौजूद थे और इस तरह वो धारा 144 का उल्लंघन भी नहीं कर रही थीं। लेकिन उन्हें रोका गया।'

सुष्मिता देव ने कहा, 'यूपी पुलिस ने प्रियंका गांधी को टू व्हीलर पर भी घेरा और जिस तरीके से घेरा वो निंदनीय है।' उन्होंने कहा कि नागरिकता कानून के खिलाफ हुए प्रदर्शन के दौरान उत्तर प्रदेश में 18 लोगों की जान गई है जिसमें 12 लोगों को गोली मारी गई है। जिन अधिकारियों ने प्रर्दशनकारियों को और प्रियंका गांधी को रोका उनको बर्खास्त करनी चाहिए।

साथ ही उन्होंने कहा कि यूपी सरकार को भी बर्खास्त कर देना चाहिए। सुष्मिता देव ने कहा, 'उत्तर प्रदेश पुलिस ने प्रियंका गांधी को फिजिकली मैन हैंडल किया है। हम इस पूरे मामले की जांच की मांग करते हैं। यह एक तरह से तानाशाही है। उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाना चाहिए।'

दरअसल, शनिवार को कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी पार्टी के स्थापना दिवस समारोह के बाद पूर्व आईपीएस एसआर दारापुरी के घर जा रहीं थीं। उनके कफिले को पुलिस ने लखनऊ के पॉलीटेक्निक चौराहे पर रोक दिया गया। लेकिन वह कार से उतरकर पैदल मार्च करते हुए दारापुरी के घर की ओर बढ़ गईं और उनके परिजनों से मुलाकात की। नागरिक संशोधन कानून (सीएए) के विरोध के दौरान प्रदर्शनकारियों को भड़काने के आरोप में सेवानिवृत्त आईपीएस एसआर दारापुरी को गिरफ्तार किया गया है। प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर उनका गला दबाने का आरोप लगाया है।

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