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लखनऊ: उत्तर प्रदेश में रोडवेज बस का सफर साधारण बसों में दस पैसा प्रति किलोमीटर और एसी बसों में 22 पैसे तक महंगा हो गया। बढ़ा हुआ किराया गुरुवार की रात बारह बजे से लागू कर दिया गया है। ऐसे में साधारण बस से सौ किलोमीटर तक के सफर पर हर यात्री को दस रुपये ज्यादा किराया देना होगा। वहीं एसी बस का किराया सौ किलोमीटर तक के सफर पर 22 रुपये ज्यादा देना पड़ेगा।

परिवहन निगम बोर्ड ने 27 दिसंबर को बढ़े हुए किराये को मंजूरी दी थी। स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट अथॉर्रिटी ने गुरुवार को बढ़े हुए किराये को स्वीकृत प्रदान कर दी। ऐसे में रोडवेज बस का बढ़ा हुआ किराया तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया। पहले यह किराया 13 जनवरी को एसटीए की बैठक में मंजूरी होने के बाद लागू होना था। लेकिन किराया बढ़ाने के लिए गुपचुप ढंग से पहली जनवरी को ही एसटीए की बैठक कर ली गई। इसमें मंजूरी कराने के बाद तीन की रात से ही किराया लागू कर दिया गया।

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा की सरकार बदलने पर ही जनता के लिए नववर्ष आएगा। भाजपा न हिंदू धर्म को जानती है और न उसे मानती है। अखिलेश यादव ने यह बात गुरुवार को पार्टी मुख्यालय में कार्यकर्ताओं के बीच कही। उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार ने अपने पूरे कार्यकाल में समाज को बांटने और लोगों को परेशान करने का ही काम किया है। सीएए, एनआरसी और एनपीआर तीनों व्यवस्थाएं साजिश हैं और भारतीयों के विरूद्ध है।

अखिलेश यादव ने आव्हान किया कि सन् 2022 में समाजवादी सरकार बनाने के लिए अभी से सभी को जुट जाना चाहिए। नोटबंदी-जीएसटी ने जनता की मुसीबतें बढ़ाई हैं। बेरोजगारी बढ़ी है। उन्होंने कहा अब एनपीआर की मुसीबत आ गई है। जब आधार कार्ड में पूरा विवरण है तो एनपीआर की कवायद क्यो की जा रही है। उन्होने जनता का आव्हान किया कि वह सत्याग्रह आंदोलन के ढंग से एनपीआर फार्म नहीं भरे। भाजपा ने दुनिया में भारत की बदनामी कराई है।

लखनऊ: पावर कार्पोरेशन ने सभी श्रेणी की उपभोक्ताओं की दरों में चार पैसे लेकर 66 पैसे प्रति यूनिट तक की वृद्धि कर दी। यह वृद्धि इन्क्रीमेंटल कॉस्ट (बिजली खरीद लागत में वृद्धि की भरपाई) के नाम पर की गई। यही नहीं नए साल में जमा होने वाले बिलों में भी इस वृद्धि को जोड़ लिया गया जबकि पावर कार्पोरेशन की ओर से जारी आदेश में जनवरी 2020 के बिलों में इन्क्रीमेंटल कास्ट जोड़ने की बात कही गई है। इसकी भनक लगते ही राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने बृहस्पतिवार को नियामक आयोग में जनहित प्रत्यावेदन दाखिल कर दिया। नियामक आयोग ने प्रत्यावेदन पर तत्काल सुनवाई करते हुए पावर कार्पोरेशन की ओर से बिजली दरों में की गई वृद्धि पर रोक लगा दी।

इन्क्रीमेंटल कास्ट अब नियामक आयोग खुद तय करेगा। कोयले व तेल की कीमतों में वृद्धि या अन्य वजहों से बिजली खरीद लागत में होने वाली वृद्धि की भरपाई के लिए टैरिफ आर्डर में समय-समय पर इन्क्रीमेंटल कास्ट लगाने का प्रावधान है। लेकिन इसके लिए नियामक आयोग की मंजूरी जरूरी है। पावर कार्पोरेशन ने उपभोक्ताओं पर इन्क्रीमेंटल कास्ट का प्रस्ताव पिछले महीने आयोग के पास मंजूरी के लिए भेजा था।

कानपुर: पाकिस्तान के मशहूर शायर फैज अहमद फैज की नज्म में हिंदू विरोध की जांच का आदेश देने के बाद गुरुवार को आईआईटी प्रशासन इस मामले में बैकफुट पर आ गया है। संस्थान का कोई भी जिम्मेदार अधिकारी इस संबंध में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। गुरुवार को संस्थान के उपनिदेशक प्रो. मणींद्र अग्रवाल ने एक वीडियो जारी कर स्पष्ट किया कि संस्थान नज्म हिंदू विरोधी है या नहीं इसके बाजए सिर्फ विरोध-प्रदर्शन की जांच कर रहा है। सीएए और एनआरसी के विरोध के बीच दिल्ली के जामिया मिलिया विश्वविद्यालय के छात्रों पर पुलिस ने बर्बरता की थी।

इसके विरोध में 17 दिसंबर को आईआईटी कानपुर में लगभग 300 छात्र-छात्राओं ने विरोध किया था। अनुमति न मिलने के बावजूद छात्रों ने पहले सभा की और फिर एक शांति मार्च निकाला। सभा के दौरान कुछ छात्रों ने फैज की नज्म, ‘लाजिम है कि हम भी देखेंगे’ गाई। इसी बीच कुछ और छात्र वहां पहुंच गए, जिन्होंने नज्म का विरोध किया तो कहासुनी हो गई। हालांकि सिक्योरिटी के बीच-बचाव करने पर मामला शांत हो गया। 21 दिसंबर को संस्थान के छात्र वासी शर्मा ने ट्वीट के जरिए एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया।

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