ताज़ा खबरें

बेंगलुरु:कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने विधानसभा में अपना रिकॉर्ड 16वां बजट पेश किया। इस बार अपने बजट भाषण में सिद्धारमैया ने सामाजिक न्याय पर जोर दिया है। बजट में सीएम सिद्दारमैय्या ने सामाजिक न्याय पर जोर देते हुए मुस्लिम, सिक्ख, बौद्ध, जैन समेत अल्पसंख्यक समुदायों के विकास के लिए कई योजनाओंं की घोषणा की है। बजट पेश करने से पहले सीएम सिद्धारमैया बजट दस्तावेज लेकर विधानसभा पहुंचे। उनके साथ उनके कैबिनेट के अन्य सदस्य भी मौजूद थे। इस बीच, कर्नाटक के नेता प्रतिपक्ष आर अशोक ने दावा किया कि सीएम सिद्धारमैया का यह आखिरी बजट है, क्योंकि अब उनकी कुर्सी जाने वाली है।

दूसरी ओर, डीके शिवकुमार ने बजट से पहले विपक्षी दल पर हमला करते हुए कहा, "कर्नाटक पर बोलने का उनके पास कोई नैतिक अधिकार नहीं है। केंद्रीय बजट में कर्नाटक को कुछ भी नहीं दिया गया... उन्हें शर्म आनी चाहिए। उन्हें जो करना है करने दीजिए। यह लोगों की इच्छा है। हम कर्नाटक के लोगों की रक्षा के लिए हैं। अपने कार्यकाल में हमने कर्नाटक के लोगों से जो भी वादा किया था, उसे पूरा किया है।"

सरकारी योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए 51034 करोड़ रुपये आवंटित

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए राज्य का बजट पेश किया, जिसमें चालू वित्त वर्ष में विभिन्न गारंटी योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए 51,034 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई।

सीएम सिद्धारमैया ने जोर देकर कहा कि सरकार ने राजकोषीय अनुशासन बनाए रखते हुए इन गारंटियों का प्रबंधन किया है। बजट में पिछले दो बजटों में जीएसडीपी के 3 प्रतिशत के राजकोषीय घाटे के मानदंड और 25 प्रतिशत के ऋण-से-जीएसडीपी अनुपात का पालन किया गया है।

कृषि क्षेत्र, जिसने पिछले वर्ष-4.9 प्रतिशत की नकारात्मक विकास दर का सामना किया था, ने 2024-25 में 4 प्रतिशत की वृद्धि के साथ वापसी की है, यह राष्ट्रीय कृषि विकास दर 3.8 प्रतिशत से आगे है। इस सुधार का श्रेय खरीफ की बुवाई को बढ़ावा देने वाली सरकारी पहल, अनुकूल मानसून की स्थिति और जलाशय के स्तर में सुधार को दिया गया है। कृषि क्षेत्र का बजट पिछले साल के 44,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 51,339 करोड़ रुपये कर दिया गया है।

कर्नाटक में संतुलित बुनियादी ढांचे के विकास को सुनिश्चित करने के लिए, सरकार ने 8,000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ मुख्यमंत्री बुनियादी ढांचा विकास कार्यक्रम (सीएमआईडीपी) शुरू किया है। यह पहल सभी विधानसभा क्षेत्रों में लघु सिंचाई, सड़क नेटवर्क और शहरी बुनियादी ढांचे को बढ़ाने पर केंद्रित होगा।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख