लखनऊ: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने पूर्व आईपीएस अधिकारी एसआर दारापुरी के घर जाकर उनके परिजनों से मुलाकात की। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा में यूपी पुलिस ने दारापुरी को हिरासत में ले लिया था। शनिवार को कांग्रेस के 135वें स्थापना दिवस के मौके पर पार्टी के कार्यक्रम में शामिल होने के बाद प्रियंका गांधी दारापुरी के परिजनों से मिलने पहुंची थीं। इससे पहले वे सामाजिक कार्यकर्ता सदफ जफर के परिजनों से भी मिलने जा रही थीं। लेकिन उत्तर प्रदेश पुलिस ने उन्हें रोक दिया। इसके बाद वे एसआर दारापुरी के परिजनों से मिलने पहुंची। इसी दौरान प्रियंका गांधी ने आरोप लगाया कि यूपी पुलिस ने उनसे बदसलूकी की और उन्हें रोका गया।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, 'मैं गाड़ी से उतरकर पैदल चलने लगी। मुझे घेरा गया और एक महिला पुलिसकर्मी ने मेरा गला दबाया। मुझे धक्का दिया गया और मैं गिर गई। आगे चलकर फिर मुझे पकड़ा तो मैं एक कार्यकर्ता के टू-व्हीलर से निकली। उसे भी गिरा दिया गया।' प्रियंका ने कहा कि दारापुरी 77 साल के पूर्व पुलिस अधिकारी हैं।
उन्होंने शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन के लिए फेसबुक पर पोस्ट डाली थी। इसके बावजूद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। प्रियंका गांधी ने कहा कि उनकी बीवी बहुत बीमार हैं। यह सब किस लिए? क्योंकि आपकी नीति उन्हें पसंद नहीं है?
कांग्रेस महासचिव ने अपने फेसबुक पेज पर भी यही बात लिखते हुए कहा, 'मगर मेरा निश्चय अटल है। मैं उत्तर प्रदेश में पुलिस दमन का शिकार हुए हरेक नागरिक के साथ खड़ी हूं। मेरा सत्याग्रह है। भाजपा सरकार कायरों वाली हरकत कर रही है। मैं उत्तर प्रदेश की प्रभारी हूं और मैं प्रदेश में कहां जाऊंगी ये भाजपा सरकार नहीं तय करेगी।'