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नई दिल्ली: लोकसभा ने 35 सरकारी संशोधनों को शामिल करने के बाद वित्त विधेयक 2025 पारित कर दिया। इससे पहले, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त विधेयक 2025 को करदाताओं के लिए अभूतपूर्व कर राहत देने वाला बताया। लोकसभा में बोलते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि इस विधेयक के जरिए मध्यम वर्ग और व्यवसायों को राहत मिलने की उम्मीद है।

इस दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा में महत्वपूर्ण कर सुधारों का संकेत दिया। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय आर्थिक अनिश्चितता को दूर करने के लिए ऑनलाइन विज्ञापनों पर लगने वाला समानीकरण शुल्क समाप्त किया जाएगा। इसके साथ ही वित्त मंत्री ने बताया कि एक लाख करोड़ रुपये के राजस्व नुकसान के बावजूद 2025-26 में व्यक्तिगत आयकर संग्रह में 13.14% की वृद्धि का अनुमान यथार्थवादी है।

सीतारमण ने यह भी कहा कि सीमा शुल्क में तर्कसंगत बदलाव से देश में विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा, निर्यात को गति मिलेगी और आम जनता को महंगाई से राहत मिलेगी।

नई दिल्ली: व्यापार शुल्कों को लेकर अनिश्चितता और विदेशी कोषों की सतत निकासी के बीच अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में बृहस्पतिवार को डॉलर के मुकाबले रुपये में तीन दिन से जारी तेजी पर विराम लगा और यह छह पैसे के नुकसान के साथ 87.12 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।

विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि भारतीय रुपये में गिरावट कई कारकों से प्रभावित हुई, जिसमें क्षेत्रीय मुद्राओं का कमजोर होना, विदेशी निवेशकों का बिकवाली दबाव और वैश्विक जिंस कीमतों में सुधार शामिल है, जिससे स्थानीय मुद्रा पर दबाव बढ़ा।

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 86.96 पर मजबूत खुला और दिन के कारोबार में 86.86 प्रति डॉलर की ऊंचाई को छू गया। बाद में रुपये में उतार-चढ़ाव देखने को मिला तथा 87.16 के दिन के निचले स्तर को छूने के बाद यह कारोबार के अंत में 87.12 प्रति डॉलर पर बंद हुआ, जो पिछले बंद स्तर से छह पैसे की गिरावट है।

मुंबई (जनादेश ब्यूरो): बॉम्बे हाई कोर्ट ने मंगलवार को विशेष अदालत के उस आदेश पर चार सप्ताह की रोक लगा दी, जिसमें भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) को सेबी की पूर्व अध्यक्ष माधवी पुरी बुच और पांच अन्य अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया गया था। विशेष अदालत ने शेयर बाजार में धोखाधड़ी और विनियामक उल्लंघन के आरोपों के बाद एफआईआर का आदेश जारी किया था, लेकिन हाई कोर्ट ने कहा कि आदेश विवरणों की उचित जांच किए बिना और अभियुक्तों की विशिष्ट भूमिकाएं बताए बिना जारी किया गया था।

न्यायमूर्ति शिवकुमार डिगे ने अपने फैसले में कहा कि विशेष अदालत के 1 मार्च के फैसले में "मामले की बारीकियों पर गौर नहीं किया गया और न ही अभियुक्तों द्वारा गलत काम किए जाने की स्पष्ट पहचान की गई।"

बॉम्बे हाई कोर्ट का यह फैसला बुच और अन्य संबंधित अधिकारियों द्वारा दायर याचिकाओं के बाद आया है। जिनमें सेबी के तीन वर्तमान निदेशक अश्विनी भाटिया, अनंत नारायण जी और कमलेश चंद्र वार्ष्णेय और बीएसई के प्रबंध निदेशक और सीईओ राममूर्ति और पूर्व अध्यक्ष प्रमोद अग्रवाल शामिल थे।

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): भारत में कम से कम 27 मिलियन महिलाएं बिजनेस चलाने के लिए लोन ले रही हैं और अपने क्रेडिट स्कोर की सक्रिय रूप से निगरानी कर रही हैं। हाल ही में जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है, जो सालाना आधार पर वृद्धि को भी दर्शाती है।

नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, दिसंबर 2024 तक 27 मिलियन महिलाएं अपने क्रेडिट की निगरानी कर रही थीं, जो पिछले वर्ष की तुलना में 42 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है, जो बढ़ती वित्तीय जागरूकता और सशक्तीकरण का संकेत देता है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि कुल स्व-निगरानी बेस में महिलाओं की हिस्सेदारी दिसंबर 2024 में बढ़कर 19.43 प्रतिशत हो गई, जो 2023 में 17.89 प्रतिशत थी।

गैर-मेट्रो क्षेत्रों की महिलाओं की संख्या में सक्रिय रूप से अपने क्रेडिट की स्वयं निगरानी करने की संख्या में 48 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि मेट्रो क्षेत्रों के मामले में यह 30 प्रतिशत बढ़ी है।

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