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पटना (जनादेश ब्यूरो): बिहार विधान मंडल के बजट सत्र का आज छठा दिन है। बिहार विधानसभा सत्र की शुरुआत होते ही विपक्ष के विधायकों ने महिला हिंसा के खिलाफ जमकर हंगामा किया। विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें समझाने की कोशिश की लेकिन वह नहीं माने। इसी बीच भाकपा माले के विधायक वेल में आ गए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। विधायकों ने नालंदा में महिला के साथ हुए बर्बरता का मुद्दा उठाया।

सीएम नीतीश का विपक्ष पर तीखा वार

इसी बीच अचानक सीएम नीतीश कुमार खड़े हो गए और हंगामा कर रहे विधायकों के सामने हाथ जोड़कर कहा कि हम आप लोग के सामने हाथ जोड़ते हैं। आप लोग बैठ जाइए। मुख्यमंत्री ने विपक्षी विधायकों को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा, “ए सुनो, फालतू बात मत करो… किसी भी घटना पर तुरंत कार्रवाई होती है। जो गड़बड़ करेगा उस पर एक्शन होगा। जब भी कोई घटना होती है मैं तुरंत अधिकारियों से कहता हूं कि देखो क्या हुआ। आप लोगों को प्रदर्शन की कोई जरूरत नहीं है।”

उनके इस कड़े रुख के बाद विपक्षी सदस्य शांत हुए और अपनी सीट पर लौट आए।

स्पीकर का तंज- महिलाओं का विरोध किया तो खाना नहीं मिलेगा

कार्यवाही के दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने महिला दिवस की बधाई देते हुए महिला विधायकों को प्राथमिकता देने की घोषणा की। विपक्ष के हंगामे पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा, “महिलाओं का विरोध करेंगे तो खाना नहीं मिलेगा, महिला पीड़ित लोग ज्यादा हल्ला कर रहे हैं।”

बजट पेश करने की तैयारी

आज नीतीश सकार विधानसभा में पथ निर्माण विभाग, पंचायती राज विभाग, कला, संस्कृति एवं युवा विभाग, पर्यटन विभाग, अनुसूचित जाति- अनुसूचित जनजाति विभाग, कल्याण विभाग और खेल विभाग समेत विभागों का बजट पेश करेगी। वहीं प्रश्न काल दौरान स्वास्थ्य, आपदा प्रबंधन, ऊर्जा पर्यटन से संबंधित मामलों पर एनडीए सरकार के मंत्री जवाब देंगे। खास बात यह है कि आज केवल महिला सदस्य सवाल ही पूछेंगी। इधर, महागठबंधन ने सरकार को अलग-अलग मुद्दो पर घेरने का प्लान बनाया है। विधानसभा में इसको लेकर हंगामा के भी आसार हैं। पांचवे दिन यानी बुधवार को वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने लालू परिवार पर जमकर हमला बोला था।

विधायक प्रमोद कुमार ने पूछा कि क्या मंत्री, स्वास्थ्य विभाग, यह बतलाने की कृपा करेंगे कि न्या यह बात सही है कि मोतिहारी जिला में अवस्थित रविन्द्र नाथ मुखर्जी आयुर्वेद चिकित्सा महाविद्यालय तिहारी, पूर्वी चम्पारण विगत 20 वर्षों से बंद पड़ा है जिसका तत्कालीन मुख्यमंत्री स्व. वन्देश्वरी दूबे द्वारा सरकारीकरण की घोषणा के बावजूद सरकारीकरण नहीं हो सका, जिस कारण सरकारी सम्पत्ति जीर्ण-शीर्ण हो रही है, यदि हाँ, तो सरकार बंद पड़ी महाविद्यालय की परिसंपत्ति की सरकारी भूमि को महात्मा गांधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय को स्थानांतरित कर बंद पड़े आयुर्वेद चिकित्सा महाविद्यालय को बालू कराने का विचार रखती है, यदि हां, 'तो कबतक, नहीं, तो क्यों? इस पर मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि सरकारी महाविद्यालय नहीं है। वह निजी कॉलेज है। सरकार का इसपर सीधा नियंत्रण नहीं होता है।

नीतीश को वक्फ बिल का विरोध करना चाहिए: अख्तरूल ईमान

एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरूल ईमान ने वक्फ बोर्ड बिल का विरोध किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार दुबारा काला बिल ला रही है। यह देश जितना जितना हिंदुओं का है, उतना ही मुसलमानों है। यह देश किसी के बाप का नहीं है। वक्फ बिल के मामले पर सीएम नीतीश कुमार और चंद्र बाबू नायडू को संज्ञान लेना चाहिए। नहीं तो इसका परिणाम उनके वोट बैंक पर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि सीएम नीतीश कुमार सेक्युलेरिज्म का वादा निभाना चाहिए। हमलोग वक्फ बिल 2025 का विरोध कर रहे हैं।

 

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