बैतूल: मध्य प्रदेश के बैतूल जिले की कोयला खदान में बड़ा हादसा सामने आया। कोयला खदान में स्लैब गिरने से कई मजदूर मलबे में दब गए। यहां पर वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड की कोयला खदान में छत हिस्सा ढहने में कई लोगों की मौत हो गई। यहां मौके पर पुलिस और रेस्क्यू टीमें पहुंच रही हैं। मलबे में दबे लोगों को बाहर निकाले का काम हो रहा है। ऐसा बताया जा रहा है कि कोयला खदान के एक फेज की स्लैब अचानक से ढह गई। इस खबर में लगातार अपडेट जारी है। इस दौरान सूचना मिलते ही रेस्क्यू टीम, एसडीआरएफ और पुलिस दल तुरंत मौके पर पहुंच गया। इसके साथ ही रेस्क्यू टीम ने खदान के अंदर घुसकर राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया। मलबे में फंसे मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने का प्रयास हो रहा है।
हादसा बैतूल जिले की सारणी में बागडोना-छतरपुर खदान में गुरुवार शाम को हुआ। यह हादसा वेस्टर्न कोल फील्ड्स लिमिडेट के पाथाखेड़ा में हुआ। ऐसा बताया जा रहा है कि खदान की दस मीटर की छत ढह गई। इसमें खदान की छत धंसने से तीन मजदूरों की मौत हो गई।
इस घटना की जानकारी प्राप्त होते ही विधायक डॉ.योगेश पंडाग्रे, कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी और पुलिस अधीक्षक (एसपी) निश्चल झारिया तुरंत मौके पर पहुंचे। यहां पर उन्होंने हालात का जायजा लिया। इस दौरान तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हुआ। इसमें खदान में कार्यरत अन्य मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।
मृतकों के परिजनों को मिलेगी सहायता राशि
इस हादसे में गोविंद कोसरिया (37) शिफ्ट इंचार्ज, हरि चौहान (46) ओवरमैन, रामदेव पंडोले (49) माइनिंग सरदार की मृत्यु हो गई। विधायक डॉ. पंडाग्रे और कलेक्टर सूर्यवंशी ने वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (डब्ल्यूसीएल) के जीएम को ये निर्देश दिए कि मृतकों के परिजनों को तुरंत लाइफ कवर स्कीम के तहत 1.5 लाख रुपए की मदद राशि दी जाए।
हादसे की जांच में लगा प्रशासन
घटना के बाद प्रशासन ने माइनिंग सुरक्षा मानकों की समीक्षा के निर्देश दिए हैं। भविष्य में इस तरह के हादसों को रोका जा सके। रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा हो चुका है। अधिकारियों की ओर से हादसे की जांच जारी है।