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नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): अगले साल होने वाले असम विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने दिल्ली में प्रदेश कांग्रेस के नेताओं के साथ बैठक की। सूत्रों के मुताबिक बैठक में मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर घेरने की रणनीति बनाई गई। साथ ही कांग्रेस नेतृत्व ने असम के नेताओं को अनुशासन में रहकर और एकजुट होकर चुनाव लड़ने की नसीहत दी। महाराष्ट्र, हरियाणा और दिल्ली चुनावों से सबक लेते हुए कांग्रेस नेतृत्व ने बूथ स्तर पर वोटर लिस्ट में बदलावों पर नजर रखने के निर्देश भी दिए।

सूत्रों के अनुसार बैठक में राहुल गांधी ने असम प्रभारी जितेंद्र सिंह को स्पष्ट निर्देश दिए कि यदि कोई नेता पार्टी के अनुशासन का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। बैठक में कुछ नेताओं ने शिकायत की थी कि कांग्रेस के कुछ नेता मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के संपर्क में रहते हैं।

इसके साथ ही राहुल गांधी ने प्रदेश के नेताओं से असम में नए परिसीमन के बाद बने राजनीतिक समीकरण को ध्यान में रखकर ज्यादा मेहनत करने के निर्देश दिए।

असम में कांग्रेस सामूहिक नेतृत्व में लड़ेगी चुनाव

इस बार असम का विधानसभा चुनाव नए परिसीमन के तहत हो रहा है, जिससे मुस्लिम बहुल सीटों की संख्या में कमी आई है। हालांकि बैठक में प्रदेश नेतृत्व परिवर्तन और मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई। बैठक के बाद कांग्रेस नेताओं ने स्पष्ट किया कि पार्टी सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी।

भ्रष्टाचार और बेरोजगारी रहेगा कांग्रेस का मुद्दा

असम से कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि कांग्रेस बीजेपी के अत्याचार और गुंडागर्दी से लोगों को मुक्ति दिलाएगी। उन्होंने भ्रष्टाचार, महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों को प्रमुख चुनावी एजेंडा बनाने की बात कही। वहीं बैठक के बाद कांग्रेस के असम प्रभारी जितेंद्र सिंह ने कहा कि कांग्रेस का संगठन मजबूत है और पार्टी लोगों के मुद्दे उठाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने ये भी स्पष्ट किया कि कांग्रेस का हर कार्यकर्ता पार्टी का चेहरा होगा।

छोटे दलों के साथ गठबंधन की तैयारी

बीजेपी ने 2016 में कांग्रेस को हराकर असम में सरकार बनाई थी। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने एआईयूडीएफ के साथ मिलकर चुनाव लड़ा, लेकिन सफलता नहीं मिली। इस बार कांग्रेस वामदलों और क्षेत्रीय छोटे दलों के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ने की रणनीति बना रही है हालांकि सीटों के बंटवारे की तस्वीर अभी साफ नहीं हुई है।

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