अहमदाबाद: लोकसभा में नेता विपक्ष और कांग्रेस नेता राहुल गांधी शनिवार को गुजरात दौरे पर पहुंचे। उन्होंने अहमदाबाद में आयोजित कार्यकर्ता संवाद कार्यक्रम को संबोधित किया। राहुल ने कहा, गुजरात की जनता विकल्प चाहती है। बी टीम नहीं चाहती है। मेरी जिम्मेदारी इन दो ग्रुप्स को छानने की है। राहुल ने कहा कि उनकी पार्टी में उन कार्यकर्ताओं और नेताओं की पहचान करने की जरूरत है, जो बीजेपी के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने ऐसे कार्यकर्ताओं और नेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी।
अपने दो दिवसीय गुजरात दौरे के दूसरे दिन पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए गांधी ने कहा कि पार्टी का पहला काम कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं के दो समूहों को अलग करना है- पहला जो पार्टी की विचारधारा को अपने दिल में रखते हैं और जनता के साथ खड़े हैं और दूसरे जो जनता से कटे हुए हैं, ‘‘जिनमें से आधे बीजेपी के साथ हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘गुजरात कांग्रेस में नेतृत्व और कार्यकर्ता स्तर पर दो तरह के लोग हैं। एक वो जो लोगों के प्रति ईमानदार हैं, वे उनके लिए लड़ते हैं, उनका सम्मान करते हैं और उनके दिल में कांग्रेस की विचारधारा है। और दूसरे वो हैं, जो लोगों से कटे हुए हैं, उनका सम्मान नहीं करते हैं और उनमें से आधे बीजेपी के साथ हैं।’’
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि पार्टी का पहला काम इन दोनों समूहों का पता लगाना है, भले ही इसके लिए लोगों को हटाने की सख्त कार्रवाई करनी पड़े।
उन्होंने कहा कि जब तक दोनों समूहों को अलग नहीं किया जाता, तब तक गुजरात के लोग पार्टी पर विश्वास नहीं करेंगे।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, ‘‘हमारे जिला, ब्लॉक अध्यक्षों और वरिष्ठ नेताओं के दिलों में पार्टी के लिए जगह होनी चाहिए। उन्हें अपनी रगों में कांग्रेस को लेकर चलना चाहिए। चुनाव जीतने और हारने के मुद्दे को एक तरफ रख दें। जैसे ही हम ऐसा करेंगे, गुजरात के लोग हमारे संगठन से जुड़ना चाहेंगे और हम उनके लिए दरवाजे खोल देंगे।’’
उन्होंने दावा किया कि राज्य के लोग ‘‘फंस’’ गए हैं और हीरा, कपड़ा और सिरेमिक उद्योग खस्ताहाल है।
राहुल गांधी ने कहा, ‘‘गुजरात के किसानों को देखिए। वे एक नए दृष्टिकोण का आह्वान कर रहे हैं। पिछले 20-25 वर्षों का दृष्टिकोण विफल हो गया है और कांग्रेस आसानी से यह दृष्टिकोण प्रदान कर सकती है। लेकिन यह तब तक संभव नहीं है, जब तक कि इन दो प्रकार के लोगों को अलग नहीं किया जाता।’’
उन्होंने कहा कि गुजरात आगे बढ़ना चाहता है, लेकिन उसे आगे का रास्ता नहीं दिख रहा है और कांग्रेस उसे रास्ता दिखाने में असमर्थ है।
गांधी ने कहा, ‘‘मैं शर्म या डर से नहीं बोल रहा हूं, लेकिन मैं आपके सामने यह बात रखना चाहता हूं कि हम गुजरात को रास्ता दिखाने में असमर्थ हैं।’’
उन्होंने कहा कि कांग्रेस तीन दशक से गुजरात में सत्ता से बाहर है और जब भी वह राज्य का दौरा करते हैं, तो चर्चा चुनावों के इर्द-गिर्द घूमती है।
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘लेकिन सवाल चुनावों का नहीं है। जब तक हम अपनी जिम्मेदारियां पूरी नहीं करेंगे, गुजरात के लोग हमें चुनाव नहीं जिताएंगे। जब तक हम अपनी जिम्मेदारियां पूरी नहीं करते, तब तक हमें लोगों से सत्ता सौंपने के लिए नहीं कहना चाहिए। जिस दिन हम अपनी जिम्मेदारियां पूरी कर लेंगे, मैं गारंटी दे सकता हूं कि गुजरात के सभी लोग हमारा समर्थन करेंगे।’’
गांधी ने कहा कि पिछले 30 वर्षों से गुजरात के कांग्रेस नेताओं से जो उम्मीदें थीं, वो पार्टी पूरी नहीं कर सकी है। उन्होंने कहा कि गुजरात ने कांग्रेस को महात्मा गांधी के रूप में उसका मूल नेतृत्व, सोच, संघर्ष और जीने का तरीका दिया।
राहुल ने कहा, ‘‘गांधी के बिना कांग्रेस देश को आजादी नहीं दिला पाती।’’
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पांच महानतम नेताओं में से एक सरदार पटेल भी गुजरात से थे।
राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस में जिला, ब्लॉक और उच्च स्तर पर नेताओं की कोई कमी नहीं है, लेकिन ‘‘वे जंजीरों में जकड़े हुए हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे नेताओं को, जिनमें मैं भी शामिल हूं, गुजरात के लोगों के बीच जाना होगा, उनकी आवाज सुननी होगी, उन्हें मुझसे क्या उम्मीदें हैं, हम उनके लिए क्या कर सकते हैं - उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य और भविष्य के लिए। हम आपकी बात सुनने के लिए यहां हैं।’’
उन्होंने तेलंगाना का उदाहरण देते हुए कहा कि अगर पार्टी अपने वोट प्रतिशत में पांच फीसदी की बढ़ोतरी करने में सफल होती है, तो वह गुजरात में सत्ता में आ सकती है।
तेलंगाना में पार्टी वोट प्रतिशत में 22 फीसदी की बढ़ोतरी करने में सफल रही।
गांधी ने शुक्रवार को अपने दौरे के पहले दिन पार्टी नेताओं और जिला और ब्लॉक स्तर के अध्यक्षों के साथ बैठकें की थीं।