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मेरठ: नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर जारी प्रदर्शन के बीच केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने जामिया और जेएनयू में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के छात्रों को 10 फीसदी आरक्षण दिए जाने की वकालत की है। उत्तर प्रदेश के मेरठ में नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में कार्यक्रम को संबोधित करते वक्त संजीव बाल्यान ने केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मांग की है कि जामिया यूनिवर्सिटी और जेएनयू में जो देश के विरोध में नारे लगाते हैं, उनके इलाज के लिए पश्चिम उत्तर प्रदेश को दस फीसदी आरक्षण दे दीजिए।

एक समाचार एजेंसी ने संजीव बाल्यान का एक वीडियो जारी किया है। इस वीडियो में संजीव बाल्यान कहते हैं, 'मैं राजनाथ जी से निवेदन करूंगा, जो जेएनयू, जामिया में देश के विरोध में नारे लगाते हैं, इनका इलाज एक ही है, पश्चिम उत्तर प्रदेश का वहां 10 फीसदी रिजर्वेशन करवा दो, सबका इलाज कर देंगे, किसी की जरूरत नहीं पड़ेगी।' दरअसल, जेएनयू और जामिया में बीते दिनों हुए प्रदर्शनों को लेकर संजीव बाल्यान 22 जनवरी को मेरठ में एक कार्यक्रम के दौरान ये बातें कहीं। कुछ समय पहले नागरिकता कानून को लेकर जामिया में प्रदर्शन हुआ।

मेरठ: संशोधित नागरिकता कानून के समर्थन में भारतीय जनता पार्टी की ओर से आयोजित रैली को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार (22 जनवरी) को यहां कहा कि किसी भी भारतीय मुसलमान को कोई छू तक नहीं पाएगा और उन्होंने इस आशंकाओं को नकारा कि अगर एनपीआर और एनआरसी को लाया जाता है तो समुदाय को निशाना बनाया जाएगा। उन्होंने कहा, ''हम सरकार नहीं, बल्कि देश बनाने के लिए राजनीति करते हैं।"

मेरठ के माधवकुंज मैदान में संशोधित नागरिकता कानून के समर्थन में आयोजित जन जागरण रैली को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि हमने (पिछली सरकार में) नागरिकता संशोधन कानून बनाया था लेकिन उस दौरान यह लागू नहीं हो सका था और इस बार हमने इसे कर दिखाया। उन्होंने कहा, ''इस कानून को अब हिन्दू मुस्लिम के नजरिए से देखा जा रहा है। हमारे प्रधानमंत्री धर्म से इतर न्याय की बात करते हैं। गांधी जी ने भी कहा था कि धर्म के आधार पर विभाजन नहीं होना चाहिए। टुकड़े टुकड़े करने के नारे लगाए जा रहे हैं। सारी दुनिया भारत की ताकत स्वीकार कर रही है।"

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने बुधवार को नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों को चेतावनी देते हुए कहा कि आजादी के नारे लगाना देशद्रोह माना जाएगा और उसी के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। कानपुर के साकेतनगर स्थित मैदान में बुधवार को सीएए के समर्थन में आयोजित एक रैली को संबोधित करते हुए मुख्‍यमंत्री ने कहा, 'अगर किसी ने प्रदर्शन के नाम पर आजादी के नारे लगाए, इसे देशद्रोह की तरह माना जाएगा और सरकार सख्‍त कार्रवाई करेगी। यह स्‍वीकार नहीं किया जा सकता। लोगों को भारत की मिट्टी से ही भारत के खिलाफ साजिश करने की इजाजत नहीं दी जा सकती।

उत्तर प्रदेश में कई जगहों पर इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं और प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की कार्रवाई की भी लगातार खबरें आती रही हैं। लखनऊ के मशहूर क्‍लॉक टावर के पास नागरिकता कानून के खिलाफ अनिश्चित कालीन प्रदर्शन कर रहे लोगों, जिनमें ज्‍यादातर महिलाएं थीं, उनके खिलाफ दंगा करने और गैरकानूनी रूप से इकट्ठा होने के आरोप लगे हैं। पुलिस ने मामले में तीन एफआईआर दर्ज की हैं जिनमें मशहूर उर्दू शायर मुनव्‍वर राणा की बेटी सुमैया राणा और फौजिया राणा को भी नामजद किया गया है।

लखनऊ: नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर अमित शाह के बहस की चुनौती पर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने पलटवार किया है। अखिलेश यादव ने अमित शाह की चुनौती को स्वीकार करते हुए कहा कि जगह तय कर लीजिए, हम विकास पर बहस करने को तैयार हैं। दरअसल, मंगलवार को लखनऊ में नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में एक रैली को संबोधित करते हुए अमित शाह ने अखिलेश यादव, राहुल गांधी और ममता बनर्जी को सीएए पर बहस करने की खुली चुनौती दी थी। लेकिन अखिलेश यादव ने सीएए पर नहीं, बल्कि विकास पर बहस करने की बात कही है।

बुधवार को अखिलेश यादव ने मीडिया से बातचीत में कहा, 'हम विकास पर बहस करने को तैयार हैं। उन्होंने कहा, देश बेरोजगारी में फंस गया है। इतने बड़े पैमाने पर बेरोजगारी पहले कभी नहीं आई। अगर यही हालात रहें तो बेरोजगारों की संख्या और बढ़ जाएगी। अब तो किसान के बाद नौजवान भी आत्महत्या करने लगे हैं।  वे (भाजपा) अर्थव्यवस्था, नौकरी, नोटबंदी के सवाल पर बहस नहीं करना चाहते हैं। इसलिए हम चाहते हैं कि विकास पर बहस करें।'

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