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मुंबई: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में पिछले महीने सीएए विरोधी प्रदर्शन के दौरान कथित रूप से भड़काऊ भाषण देने के मामले में गिरफ्तार बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. कफील खान ने गुरुवार को यहां एक अदालत में आशंका जताई कि उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा 'मुठभेड़' में उन्हें मारा जा सकता है। उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा ट्रांजिट हिरासत के लिये जब कफील खान को उपनगरीय बांद्रा की अदालत में पेश किया गया तो उन्होंने यह आशंका व्यक्त की। बाल रोग विशेषज्ञ को उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष कार्यबल और मुंबई पुलिस ने बुधवार को संयुक्त अभियान के दौरान गिरफ्तार किया था।

डॉ. कफील मुंबई में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ आयोजित होने वाले एक प्रदर्शन में शामिल होने आए थे। खान के वकील ने कहा कि उन्हें अदालत में पेश किया गया जिसने उन्हें तीन दिन की ट्रांजिट रिमांड पर भेज दिया। उनके वकील के मुताबिक, खान ने अदालत में दावा किया कि उप्र पुलिस ने उन्हें मामले में गलत तरीके से फंसाया है। वकील के मुताबिक, खान ने अदालत को बताया, ''इस बात की आशंका है कि उन्हें अगर ट्रांजिट (रिमांड) पर भेजा जाता है तो मुठभेड़ में उनकी हत्या कर दी जाएगी और जोर दिया कि उन्हें मुंबई में रखा जाए।

फर्रुखाबाद: फर्रुखाबाद के मोहम्मदाबाद कोतवाली के करथिया गांव में शातिर अपराधी सुभाष बाथम ने गुरुवार (30 जनवरी) शाम जन्म दिन के बहाने 25 बच्चों को घर बुलाकर बंधक बना लिया था। पुलिस ने 10 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद बदमाश को ढेर कर सभी बच्चों को रात लगभग 1 बजे सुरक्षित निकाल लिया गया। सीएम ने इसे 'ऑपरेशन मासूम' नाम दिया था। उन्होंने खुद इस पूरे ऑपरेशन पर नजर रखी थी। करथिया गांव निवासी सुभाष बाथम एक शातिर बदमाश था।

उसने गुरुवार दोपहर घर पर अपनी बेटी गौरी का जन्मदिन होने के नाम पर गांव के बच्चों को बुलाया था। दोपहर तीन बजे तक उसने गांव के 25 बच्चों को इकट्ठा कर लिया। फिर उसने सभी बच्चो को घर में बंद कर लिया। काफी देर तक जब बच्चे घर नहीं लौटे तो पड़ोसी आदेश की पत्नी बबली अपनी पुत्री खुशी और बेटे आदित्य को बुलाने के लिए उसके घर पहुंच गई। उसने दरवाजा खटखटाया तो सुभाष ने खोलने से मना कर दिया। जब उसने ज्यादा जिद की तो उसने कहा कि पहले गांव के लालू को बुलाकर लाओ।

फर्रुखाबाद: उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले में एक शातिर अपराधी ने गुरुवार शाम जन्मदिन के बहाने 25 बच्चों को घर बुलाकर बंधक बना लिया। इस घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस से लेकर जिला प्रशासन तक सकते में आ गया। घटना जिले के मोहम्मदाबाद कोतवाली स्थित करथिया गांव की है। सूचना पाकर पहुंची पुलिस पर बदमाश ने पहले गोलियां चलाई फिर हैंड ग्रेनेड से हमला कर दिया। जिसमें इंस्पेक्टर सहित तीन पुलिस कर्मी घायल हो गए। समझाने पहुंचे विधायक पर भी उसने फायरिंग की जिससे एक ग्रामीण घायल हो गया।

एडीजी लॉ एंड ऑर्डर पीवी रामशास्त्री ने बताया कि क्विक रिस्पॉन्स टीम और स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप की टीम मौके पर मौजूद है। एटीएस भी पहुंच रही है। करथिया गांव निवासी सुभाष बाथम एक शातिर बदमाश है। उसने गुरुवार दोपहर घर पर अपनी बेटी गौरी का जन्मदिन होने के नाम पर गांव के बच्चों को बुलाया था। दोपहर तीन बजे तक उसने गांव के 25 बच्चों को इकट्ठा कर लिया। फिर उसने सभी बच्चो को घर में बंद कर लिया।

बिजनौर: देशभर में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का लगातार विरोध हो रहा है। दिल्ली के शाहीन में 15 दिसंबर, 2019 से मुस्लिम महिलाएं इस कानून के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रही हैं। महाराष्ट्र, बिहार समेत कई अन्य राज्यों में भी महिलाएं धरना प्रदर्शन और भूख हड़ताल पर हैं। वह केंद्र सरकार से इस कानून को वापस लेने की मांग कर रही हैं। साथ ही उनकी मांग है कि सरकार लिखित तौर पर आश्वासन दे कि वह राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) को देश में लागू नहीं करेगी। दरअसल बीते साल दिसंबर में जब नागरिकता संशोधित बिल दोनों सदनों से पास हुआ तो कई राज्यों में इसका विरोध शुरू हो गया।

जज ने पुलिस से पूछा- कहां हैं सबूत?

20 दिसंबर को उत्तर प्रदेश के कई जिलों में सीएए का प्रदर्शन हिंसक हो गया। बिजनौर के नगीना में भी हिंसा हुई। इसमें दो लोगों की मौत हो गई थी। पुलिस ने इस मामले में कई लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर गिरफ्तार किया था। बीते बुधवार अदालत ने इस मामले में गिरफ्तार किए गए 83 लोगों में से 48 को जमानत दे दी।

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