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प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ धरना दे रहे प्रदर्शनकारियों ने पुलिस वालों के साथ धक्का मुक्की की। मंसूर अली पार्क में चल रहे धरना को पुलिस खत्म कराने पहुंची थी। लेकिन भारी विरोध के बाद उसे बैरंग लौटना पड़ा। बताया जा रहा है कि पुलिस ने धरना स्थल को तीन तरफ से घेर लिया था, लेकिन वहां मौजूद लोगों के विरोध के आगे पुलिस को झुकना पड़ा। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ पूरे देश में जगह-जगह प्रदर्शन चल रहा है। इसके खिलाफ आज बहुजन क्रांति मोर्चा ने भारत बंद का ऐलान किया है।

उत्तर प्रदेश में बंद का मिलाजुला असर दिखाई दे रहा है। राजधानी लखनऊ समेत राज्य के मुस्लिम बहुल इलाकों में दुकानें बंद हैं जबकि राज्य सरकार ने बंद के दौरान किसी भी हालात से निपटने के लिए पुख्ता इंतजाम किए हैं। सभी जिलों को अलर्ट कर दिया गया है। राजधानी के पुराने लखनऊ इलाके में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने अपनी छोटी बड़ी दुकानों पर ताला डाला हुआ है लेकिन आम दुकाने रोज की तरह खुली हैं।

शाहजहांपुर: लॉ स्टूडेंट से दुराचार मामले में जेल में बंद पूर्व गृह राज्यमंत्री चिन्मयानंद बुधवार को शाहजहांपुर में एमपी एमएलए कोर्ट में पेशी पर पहुंचे। बुधवार दोपहर 2 बजे के बाद चिन्मयानंद को कारागार से कोर्ट लाया गया। बेहद कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच चिन्मयानंद कोर्ट में गए और वहां जरूरी औपचारिकताएं पूरी कींं। इसके बाद कोर्ट की ओर से उन्हें 12 फरवरी को पुनः पेशी की डेट दी गई।

चिन्मयानंद को इसके बाद कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में पुनः जेल में दाखिल कर दिया गया। बता दें कि चिन्मयानंद की जमानत पर सुनवाई हुए करीब 2 माह हो गए हैं, लेकिन अभी तक कोर्ट ने उनकी जमानत पर कोई फैसला नहीं दिया है।

प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को गंगा यात्रा में शामिल होने के बाद यहां एक जनसभा में विपक्षी समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि भारत के प्रति जिनकी भाषा दुश्मनों जैसी है, वे गंगा यात्रा का महत्व नहीं समझ पाएंगे। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा गंगा यात्रा का मजाक उड़ाए जाने पर योगी आदित्यनाथ ने कहा, 'भारत की परंपरा पुरुषार्थ पर विश्वास करती है और अगर धर्म उसका आधार है तो अर्थ उसकी दूसरी श्रेणी में आता है। इसके बाद ही कामनाओं की सिद्धि होती है और तभी व्यक्ति को मोक्ष भी मिलता है।'

मुख्यमंत्री ने कहा, 'जिन्हें भारत की परंपरा, संस्कृति का ज्ञान नहीं, जिन्होंने देश की कीमत पर राजनीति की हो, जिन्होंने गरीबों को उनकी सुविधाओं से वंचित किया हो, उन लोगों से यह उम्मीद नहीं की जा सकती कि वे गंगा के अर्थ को समझ पाएंगे, भारत की सांस्कृतिक विरासत के बारे में कुछ जान पाएंगे।' उन्होंने सपा के शासनकाल में 2013 में प्रयाग में हुए कुम्भ का 2019 के कुम्भ से तुलना करते हुए कहा कि 2013 में कुम्भ के आयोजन पर सरकार ने हजारों करोड़ रुपये खर्च किए और कुल 12 करोड़ श्रद्धालु आए थे।

मेरठ: लखनऊ और प्रयागराज के बाद उत्तर प्रदेश के देवबंद में भी नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ महिलाओं के एक समूह ने मोर्चा खोल दिया है। सहारनपुर जिले में देवबंद का दारुल उलूम जो कि इस्लामिक मदरसों के लिए लोकप्रिय है वैसे तो काफी संवेदनशील समझा जाता है, लेकिन ऐसे में जबकि देशभर में सीएए को लेकर प्रदर्शन हो रहे हैं यहां शांति है। हालांकि, सोमवार (27 जनवरी) को मुरताहिदा खवातीन समिति के नेतृत्व में महिलाओं का एक समूह ईदगाह मैदान में जमा हुआ और सीएए व एनआरसी के खिलाफ अनिश्चितकालीन प्रदर्शन करने का एलान किया।

एक स्थानीय नागरिक ने दावा किया, प्रदर्शन के आरंभ में महिलाओं की संख्या कम थी, लेकिन कुछ ही घंटों में यह बढ़ती चली गई। मुरताहिदा खवातीन समिति की सलमा अहसान ने कहा, "महिलाओं की तकलीफों को दूर करने के उद्देश्य से कुछ ही साल पहले समिति को बनाया गया है, लेकिन अब हम सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।" उन्होंने दावा किया कि हमारे इस आंदोलन को स्थानीय लोगों का भी सहयोग मिल रहा है। अहसान ने कहा कि समिति ने यह फैसला किया है कि हमारे इस मंच को किसी भी राजनीतिक दल के साथ साझा नहीं किया जाएगा।

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