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मेरठ: लखनऊ और प्रयागराज के बाद उत्तर प्रदेश के देवबंद में भी नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ महिलाओं के एक समूह ने मोर्चा खोल दिया है। सहारनपुर जिले में देवबंद का दारुल उलूम जो कि इस्लामिक मदरसों के लिए लोकप्रिय है वैसे तो काफी संवेदनशील समझा जाता है, लेकिन ऐसे में जबकि देशभर में सीएए को लेकर प्रदर्शन हो रहे हैं यहां शांति है। हालांकि, सोमवार (27 जनवरी) को मुरताहिदा खवातीन समिति के नेतृत्व में महिलाओं का एक समूह ईदगाह मैदान में जमा हुआ और सीएए व एनआरसी के खिलाफ अनिश्चितकालीन प्रदर्शन करने का एलान किया।

एक स्थानीय नागरिक ने दावा किया, प्रदर्शन के आरंभ में महिलाओं की संख्या कम थी, लेकिन कुछ ही घंटों में यह बढ़ती चली गई। मुरताहिदा खवातीन समिति की सलमा अहसान ने कहा, "महिलाओं की तकलीफों को दूर करने के उद्देश्य से कुछ ही साल पहले समिति को बनाया गया है, लेकिन अब हम सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।" उन्होंने दावा किया कि हमारे इस आंदोलन को स्थानीय लोगों का भी सहयोग मिल रहा है। अहसान ने कहा कि समिति ने यह फैसला किया है कि हमारे इस मंच को किसी भी राजनीतिक दल के साथ साझा नहीं किया जाएगा।

लखनऊ: बसपा सुप्रीमो मायावती ने पाकिस्तान मूल के गायक अदनान सामी को भारत की नागरिकता देने पर बयान दिया। उन्होंने कहा कि जब केंद्र सरकार अदनान सामी को भारत की नागरिकता और पद्मश्री से सम्मानित कर सकती है तो वहां जुल्म-ज्यादती के शिकार बाकी के मुसलमानों को भारत में पनाह क्यों नहीं दे सकती? उन्होंने केंद्र सरकार से एक बार फिर नागरिकता संशोधन कानून पर विचार करने को कहा है। बता दें कि अदनान सामी को नागरिकता देने पर केंद्र सरकार पर सवाल उठ रहे हैं।

कांग्रेस ने कहा, मोदी सरकार की चमचागिरी का फायदा

दरअसल, अदनान सामी को पद्मश्री देने के एलान के बाद राजनीतिक छींटाकशी का दौर शुरू हो गया है। कांग्रेस ने इसे मोदी सरकार की चमचागिरी का फायदा तो एनसीपी ने 130 करोड़ भारतीयों का अपमान बताया है। वहीं, भाजपा ने इस मामले में पलटवार करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की नागरिकता पर ही सवाल उठा दिया है।

नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उत्तर प्रदेश में नागरिकता कानून के विरोध में हुए हिंसक प्रदर्शनों की कड़ी पॉपुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआई) से जोड़ी है। ईडी ने एक रिपोर्ट में दावा किया है कि पीएफआई ने 73 खातों में बड़ी रकम ट्रांसफर की गई। इनमें देश के कई नामी वकीलों के नाम भी लिए गए हैं। गृह मंत्रालय को पत्र लिखते हुए ईडी ने बैंक खातों में ट्रांसफर पैसा और हिंसा की तारीखों के बीच संबंध जोड़ने की कोशिश की है। पिछले साल दिसंबर में यूपी के कई स्थानों पर सीएए के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया था। गृह मंत्रालय को भेजे गए पत्र में ईडी ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ उत्तर प्रदेश में हुए प्रदर्शन और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के बीच सीधा संबंध बताया है। ईडी ने बैंक खातों में धन जमा करने की तारीखों और सीएए विरोध की तारीखों के बीच परस्पर संबंध दिखाया है।

हादिया केस के लिए प्रोफेशनल फीस ली: सिब्बल

इस मामले में नाम आने पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर स्पष्टीकरण दिया है। उन्होंने सीधे तौर पर इन आरोपों से इनकार किया है।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में नागरिकता कानून (सीएए) लागू होने के बाद से हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान पुलिस की कार्रवाई को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्‍य सरकार से रिपोर्ट तलब की है। सीएए लागू होने के बाद यूपी के कई शहरों में उग्र प्रदर्शन देखने को मिले थे और पुलिस की ओर से कड़ी कार्रवाई के कई वीडियो भी सामने आए थे। कई शहरों में प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा की न्यायिक जांच की मांग को लेकर कई याचिकाएं दायर की गई थीं। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सभी याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई की और राज्य सरकार ने हलफनामा के साथ जवाब दाखिल किया। लेकिन अदालत राज्‍य सरकार के हलफनामे से संतुष्‍ट नहीं हई। हाईकोर्ट ने कई बिन्दुओं पर राज्य सरकार से रिपोर्ट की मांग की।

कोर्ट ने पूछा कि प्रदर्शनकारियों की ओर से अब तक कितनी शिकायतें की गई हैं और उनमें से कितनी शिकायतों पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। अदालत ने हिंसा में मारे गए 23 प्रदर्शनकारियों की मौत के मामले में दर्ज एफआईआर और पोस्‍टमॉर्टम रिपोर्ट भी तलब की है। इसके अलावा अदालत ने घायलों की मेडिकल रिपोर्ट और हिंसा में घायल पुलिस वालों का ब्‍योरा भी तलब किया।

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