ताज़ा खबरें

लखनऊ: नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर अमित शाह के बहस की चुनौती पर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने पलटवार किया है। अखिलेश यादव ने अमित शाह की चुनौती को स्वीकार करते हुए कहा कि जगह तय कर लीजिए, हम विकास पर बहस करने को तैयार हैं। दरअसल, मंगलवार को लखनऊ में नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में एक रैली को संबोधित करते हुए अमित शाह ने अखिलेश यादव, राहुल गांधी और ममता बनर्जी को सीएए पर बहस करने की खुली चुनौती दी थी। लेकिन अखिलेश यादव ने सीएए पर नहीं, बल्कि विकास पर बहस करने की बात कही है।

बुधवार को अखिलेश यादव ने मीडिया से बातचीत में कहा, 'हम विकास पर बहस करने को तैयार हैं। उन्होंने कहा, देश बेरोजगारी में फंस गया है। इतने बड़े पैमाने पर बेरोजगारी पहले कभी नहीं आई। अगर यही हालात रहें तो बेरोजगारों की संख्या और बढ़ जाएगी। अब तो किसान के बाद नौजवान भी आत्महत्या करने लगे हैं।  वे (भाजपा) अर्थव्यवस्था, नौकरी, नोटबंदी के सवाल पर बहस नहीं करना चाहते हैं। इसलिए हम चाहते हैं कि विकास पर बहस करें।'

अमित शाह के बयान पर हल्ला बोलते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि 'जो भाषा राजनीति में इस्तेमाल हो रही है, वह राजनेताओं की भाषा नहीं हो सकती। इसी प्रदेश में यह भी कहा गया कि ठोक दिया जाएगा, यह राजनीति करने वालों की भाषा नहीं हो सकती। इसी प्रदेश में मर्यादा पुरुषोत्तम की मर्यादा को लांघते हुए यह भी कहा गया कि जुबान खींच ली जाएगी, यह राजनेताओं की भाषा नहीं हो सकती। जहां तक सीएए का सवाल है, इसका विरोध केवल समाजवादी पार्टी नहीं कर रही है, बल्कि भारत की आत्मा को समझने वाला हर नागरिक विरोध कर रहा है। मुझे खुशी है कि इस विरोध में महिलाओं ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया और नौजवानों ने भी हिस्सा लिया।'

दरअसल, अमित शाह ने कहा था कि 'मैं आज लखनऊ की भूमि से डंके की चोट पर कहने आया हूं कि जिसको विरोध करना है वो करता रहे, नागरिकता संशोधन कानून वापस नहीं होने वाला है।' शाह ने सीएए के समर्थन में राजधानी के बंग्लाबाजार स्थित कथा पार्क में आयोजित विशाल जनसभा में कहा, 'इस बिल को लोकसभा में मैंने पेश किया है। मैं विपक्षियों से कहना चाहता हूं कि आप इस बिल पर सार्वजनिक रूप से चर्चा कर लो। यदि ये अगर किसी भी व्यक्ति की नागरिकता ले सकता है, तो उसे साबित करके दिखाओ।'

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख