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नई दिल्ली: देशद्रोह के आरोप में जेल भेजे गए जेएनयू के छात्र नेता कन्हैया कुमार ने अपील जारी करते हुए कहा है, 'मैं भारत के संविधान में विश्वास रखता हूं और भारत की एकता-अखंडता को मानता हूं।' कन्हैया ने कहा कि 'जेएनयू में 9 फरवरी की सभा में बाहरी लोगों ने असंवैधानिक नारे लगाए थे और मैं उस घटना का समर्थन नहीं करता हूं।' कन्हैया ने सभी से शांति बनाए रखने की अपील भी की। कन्हैया ने एक पत्र में यह सारी बातें कहीं। उन्‍होंने पत्र की शुरुआत में अपने बारे में विस्तार से बताते हुए लिखा, मैं भारत के संविधान में विश्वास रखता हूं और मेरा सपना है कि इसकी प्रस्तावना को अक्षरश: लागू करने में अपना हर संभव योगदान कर पाऊं। मैं भारत की एकता और अखंडता को मानता हूं एवं इसके विपरित किसी भी असंवैधानिक कार्य का समर्थन नहीं करता।

नई दिल्ली: देशद्रोह के मामले में जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार को 14 दिन के लिए जेल भेजा गया है। 2 मार्च तक कन्हैया न्यायिक हिरासत में रहेगा। दिल्ली पुलिस ने पटियाला हाउस कोर्ट में कन्हैया की रिमांड नहीं मांगी। कन्हैया को मेडिकल जांच के लिए ले जाया जाएगा और उसके बाद उसे जेल भेजा जाएगा। कन्हैया 2 मार्च तक तिहाड़ जेल में रहेगा। गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस ने दावा किया था कि विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम के दौरान कन्हैया ने भारत-विरोधी नारे लगाये थे। कोर्ट के इस आदेश से पहले सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बावजूद दिल्ली पुलिस पटियाला हाउस कोर्ट में आज सुरक्षा व्यवस्था कायम करने में नाकाम रही। पटियाला हाउस कोर्ट परिसर में जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार की पेशी के दौरान बुधवार दोपहर एक बार फिर अराजकता दिखी।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने पटियाला हाउस कोर्ट में जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार की पेशी की कार्रवाई को टालने का आदेश दिया है। आज (बुधवार) जब कन्हैया कुमार को कोर्ट में पेश किया जा रहा था तो वकीलों के समूह ने उन पर हमला कर दिया। हालांकि पुलिस ने उन्हें बचा लिया। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस को पटियाला हाउस कोर्ट परिसर को पूरी तरह खाली कराने का आदेश दिया है। कोर्ट ने पांच वकीलों और एक पुलिस अधिकारी की टीम बनाई है, जो तुरंत पटियाला हाउस कोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था की जांच करेगी और रिपोर्ट सौंपेगी। इस टीम में दुष्यंत दवे, एके सिन्हा, कपिल सिब्बल, एडी राव, हरिन रावल और राजीव धवन के नाम शामिल हैं। गौरतलब है कि कोर्ट परिसर में आज फिर एक पत्रकार की पिटाई और वकीलों के हंगामे से सुप्रीम कोर्ट नाराज हो गया। कोर्ट ने नोटिस देकर दिल्ली पुलिस को फिर हाजिर होने का आदेश दिया। कोर्ट ने पुलिस को 10 मिनट में हाजिर होने का आदेश दिया था और कहा कि आखिर क्यों नहीं आदेश का पालन हुआ।

नई दिल्ली: पटियाला हाउस कोर्ट में पत्रकारों, छात्रों और शिक्षकों की पिटाई में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने में पुलिस की निष्क्रियता की शिकायत करने वाली और जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार के लिए हिंसा के डर और पूर्वाग्रह से मुक्त निष्पक्ष सुनवाई की मांग करने वाली याचिका पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान 'वंदे मातरम' के नारे लगाए गए। सुनवाई के दौरान वकील राजीव ने कोर्ट में वंदे मातरम के नारे लगाए। इस पर जजों ने कहा कि शीर्ष कोर्ट में यह क्या हो रहा है? हालांकि बाद में राजीव ने माफी मांग ली। इससे पहले कोर्ट ने पटियाला हाउस अदालत कक्ष में सीमित प्रवेश का आदेश दिया, जहां आज जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार को पेश किया जाना है। अदालत कक्ष में कार्यवाही के दौरान आरोपी और अभियोजन के वकीलों को छोड़कर कोई अन्य वकील मौजूद नहीं रहेगा।

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