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नई दिल्ली: आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआरसीपी के राज्यसभा के दो सांसदों ने इस्तीफा दे दिया है। बीडा मस्थान राव जादव और वेंकटारमन राव मोपीदेवी का इस्तीफा उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने स्वीकार कर लिया है।

बीडा मस्थान राव का कार्यकाल जून 2028 में समाप्त होना था। वह तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) छोड़कर वाईएसआरसीपी में शामिल हुए थे। अब उनके वापस तेदेपा में जाने की अटकलें हैं।

राज्यसभा में घट जाएगी वाईएसआरसीपी की संख्या

सूत्रों के मुताबिक मोपीदेवी का कार्यकाल जून 2026 तक था। वह भी तेदेपा में शामिल हो सकते हैं। इन दोनों सदस्यों के इस्तीफे के बाद राज्यसभा में वाईएसआरसीपी के सदस्यों की संख्या 11 से घटकर नौ रह गई है। राजग की प्रमुख सहयोगी तेदेपा का राज्यसभा में कोई प्रतिनिधित्व नहीं है। ऐसी जानकारी मिली है कि तेदेपा मस्तान राव को उपचुनाव में मैदान में उतार सकती है लेकिन मोपीदेवी राज्यसभा में वापसी के इच्छुक नहीं हैं।

उपचुनाव में एनडीए की सीटें बढ़ना तय

उपचुनाव की स्थिति में दोनों ही सीट तेदेपा के खाते में जाना लगभग तय माना जा रहा है। नतीजतन, राज्य सभा में सत्तारूढ़ राजग के सदस्यों की संख्या और दो बढ़ जाएगी। वर्तमान में राज्यसभा में भाजपा की संख्या 96 हो गई है। वहीं राजग की संख्या की बात करें तो ये भी बढ़कर 112 हो गई है। 245 सदस्यों की राज्यसभा में अभी आठ सीटें और रिक्त हैं। इनमें चार जम्मू-कश्मीर की और चार मनोनीत सदस्यों की सीटें शामिल हैं।

राजग ने छूआ बहुमत का आंकड़ा

मौजूदा समय में राज्यसभा में वर्तमान में बहुमत का आंकड़ा 119 सदस्यों का है। राजग को छह मनोनीत और एक निर्दलीय का भी समर्थन प्राप्त है और इस तरह राजग बहुमत के आंकड़े को छू चुकी है। उच्च सदन में तेदेपा के अलावा भाजपा के सहयोगी दलों में जदयू, राकांपा (अजीत पवार), जदएस, आरपीआई-ए), शिव सेना (शिंदे), रालोद, एनपीपी, पीएमके और यूपीपीएल शामिल हैं।

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