नागपुर: केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने शनिवार को नागपुर में एक समोराह के दौरान प्रधानमंत्री पद को लेकर नया खुलासा किया। उन्होंने कहा कि एक नेता ने उनके सामने यह प्रस्ताव रखा था कि अगर वे प्रधानमंत्री बनते हैं तो उनका समर्थन किया जाएगा। हालांकि, गडकरी ने यह खुलासा नहीं किया कि प्रस्ताव रखने वाले नेता किस पार्टी से थे।
'मैं आपसे समर्थन क्यों लूंगा?': गडकरी
गडकरी ने विदर्भ गौरव प्रतिष्ठान के कार्यक्रम में कहा, ''एक घटना मुझे याद आती है। एक नेता थे। मैं उनका नाम नहीं बताऊंगा। उन्होंने मुझसे कहा कि अगर आप प्रधानमंत्री बनते हैं तो हम आपका समर्थन करेंगे। तब मैंने उनसे कहा कि आप मेरा समर्थन क्यों करेंगे? और मैं आपसे समर्थन क्यों लूंगा? प्रधानमंत्री बनना मेरे जीवन का लक्ष्य नहीं है। मैं अपनी संस्था और अपने दृढ़ विचारों के लिए प्रतिबद्ध हूं। मैं किसी पद के लिए उससे समझौता नहीं करूंगा। मेरा दृढ़ संकल्प मेरे लिए सर्वोपरि है। मुझे लगता है कि दृढ़ निश्चय होना ही लोकतंत्र की ताकत है।''
'ईमानदारी से विरोध करने वालों का सम्मान होना चाहिए'
गडकरी ने एक और वाकये के बारे में बताया। उन्होंने कहा, ''करीब 15 दिन पहले माकपा पोलित ब्यूरो के एक नेता मुझसे मिलने आए। उनसे मुलाकात के दौरान एबी बर्धन साहब (भाकपा के दिवंगत नेता) की बात निकली। मैंने उन्हें बताया कि विदर्भ के इतिहास में उनके जैसा बड़ा इंसान नहीं था। तब उन्होंने मुझसे कहा कि नितिन जी, वो तो आरएसएस के विरोधी थे। तब मैंने कहा कि ईमानदारी से विरोध करने वालों का सम्मान करना चाहिए क्योंकि उसके विरोध में ईमानदारी है। जिसके विरोध में बेईमानी है, उसका सम्मान करने की आवश्यकता नहीं है। बर्धन साहब अपने विचारों के प्रति ईमानदार थे। मुझे प्रसन्नता होती है कि राजनीति में ऐसे लोग भी रहे। हालांकि, राजनीति में ऐसे लोगों की कमी है।''