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नई दिल्ली: पटियाला हाउस कोर्ट में पत्रकारों, छात्रों और शिक्षकों की पिटाई में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने में पुलिस की निष्क्रियता की शिकायत करने वाली और जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार के लिए हिंसा के डर और पूर्वाग्रह से मुक्त निष्पक्ष सुनवाई की मांग करने वाली याचिका पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान 'वंदे मातरम' के नारे लगाए गए। सुनवाई के दौरान वकील राजीव ने कोर्ट में वंदे मातरम के नारे लगाए। इस पर जजों ने कहा कि शीर्ष कोर्ट में यह क्या हो रहा है? हालांकि बाद में राजीव ने माफी मांग ली। इससे पहले कोर्ट ने पटियाला हाउस अदालत कक्ष में सीमित प्रवेश का आदेश दिया, जहां आज जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार को पेश किया जाना है। अदालत कक्ष में कार्यवाही के दौरान आरोपी और अभियोजन के वकीलों को छोड़कर कोई अन्य वकील मौजूद नहीं रहेगा।

कोर्ट ने अदालत कक्ष में आरोपी के परिवार के दो सदस्यों या जेएनयू संकाय के एक सदस्य और पांच पत्रकारों को मौजूद रहने की अनुमति दी है। गौरतलब है कि जेएनयू के पूर्व छात्र एन डी जयप्रकाश द्वारा दायर याचिका में आरोप लगाया गया था कि पुलिस हिंसा के इस निर्लज्ज प्रदर्शन और अदालत परिसर में जमा निर्दोष लोगों पर बर्बरता से बल का प्रयोग किए जाने के दौरान मूकदर्शक बनी हुई थी। याचिका में कहा गया है, यह याचिका महज आरोपी, उसके रिश्तेदारों, मित्रों, वकीलों और पत्रकारों की अपने वैधानिक और पेशागत दायित्वों का निर्वहन करने के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग करती है। याचिकाकर्ता ने कहा कि अदालत परिसर में अत्यधिक भीड़ और दूषित वातावरण आरोपी के निष्पक्ष सुनवाई के मौलिक अधिकार की राह में आड़े आएगा।

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