नई दिल्ली: देशद्रोह के आरोप में जेल भेजे गए जेएनयू के छात्र नेता कन्हैया कुमार ने अपील जारी करते हुए कहा है, 'मैं भारत के संविधान में विश्वास रखता हूं और भारत की एकता-अखंडता को मानता हूं।' कन्हैया ने कहा कि 'जेएनयू में 9 फरवरी की सभा में बाहरी लोगों ने असंवैधानिक नारे लगाए थे और मैं उस घटना का समर्थन नहीं करता हूं।' कन्हैया ने सभी से शांति बनाए रखने की अपील भी की। कन्हैया ने एक पत्र में यह सारी बातें कहीं। उन्होंने पत्र की शुरुआत में अपने बारे में विस्तार से बताते हुए लिखा, मैं भारत के संविधान में विश्वास रखता हूं और मेरा सपना है कि इसकी प्रस्तावना को अक्षरश: लागू करने में अपना हर संभव योगदान कर पाऊं। मैं भारत की एकता और अखंडता को मानता हूं एवं इसके विपरित किसी भी असंवैधानिक कार्य का समर्थन नहीं करता।
9 फरवरी 2016 को हमारे विश्वविद्यालय में एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी, जिसकी मैं निंदा करता हूं। विभिन्न सूत्रों से प्राप्त वीडियो को देखने के बाद पता चलता है कि जेएनयू में, कुछ जेएनयू के तथा कुछ बाहरी लोग असंवैधानिक नारे लगा रहे हैं। अत: मैं अपनी संवैधानिक प्रतिबद्धता के साथ उन नारों का समर्थन नहीं करता हूं तथा आप सभी से अपील करना चाहता हूं कि इस संबंध में देश, समाज तथा विश्वविद्यालयों की शांति न भंग की जाए।'