नई दिल्ली: केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में शनिवार को कई अहम एलान हुए। इनमें सबसे बड़ा फैसला एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) को लेकर रहा। सरकारी कर्मचारियों के लिए लाई गई इस योजना में कई बड़े एलान हैं। यूपीएस की सबसे बड़ी खास बात यह है कि इसमें पुरानी पेंशन स्कीम (ओपीएस) की तरह ही सरकारी कर्मियों को रिटायरमेंट के बाद औसत मूल वेतन की 50 फीसदी राशि मिलेगी। हालांकि, इसके लिए कई मानक और नियम भी तय किए गए हैं।
एकीकृत पेंशन योजना की सिफारिश को मंजूरी
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट के फैसले की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हमने एकीकृत पेंशन योजना यानी यूपीएस को मंजूरी दी है। सरकारी कर्मचारी देशभर में सामान्य नागरिकों की सेवा करते हैं। रेलवे, पुलिस, डाक सेवा, चिकित्सा जैसी सेवाओं में देशभर में सरकारी कर्मचारी सामान्य नागरिकों को अपनी सेवाएं देते हैं। इससे समाज की एक व्यवस्था चलती है। सरकारी कर्मचारियों का समाज में महत्वपूर्ण स्थान है। सरकारी कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा से जुड़े मुद्दे समय-समय पर उठते आए हैं, उस पर अच्छे निर्णय भी लिए गए हैं।
सेवानिवृत्त यानी सुपर एन्यूएशन के बाद मिलने वाली पेंशन सामाजिक सुरक्षा का महत्वपूर्ण भाग है। देशभर में सरकारी कर्मचारियों की तरफ से मांग आती रही कि नई पेंशन स्कीम यानी एनपीएस में सुधार किए जाएं। अप्रैल 2023 में डॉ. सोमनाथन की अध्यक्षता में इस पर समिति बनी और सौ से ज्यादा कर्मचारी संगठनों-यूनियन के साथ विस्तार से सलाह-मशविरा किया गया। रिजर्व बैंक से बात की गई। राज्यों के वित्त सचिव, राजनीतिक नेतृत्व, कर्मचारी संघों ने अपने सुझाव दिए। इसके बाद समिति ने एकीकृत पेंशन योजना की सिफारिश की गई। कैबिनेट ने इस स्कीम को अनुमोदित कर दिया है।
यूपीएस के पांच स्तंभ, योजना 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी
1. 50 फीसदी की सुनिश्चित पेंशन
यूपीएस अपनाने पर सुनिश्चित पेंशन मिलेगी। इसकी रकम सेवानिवृत्ति से पहले के 12 महीने के औसत मूल वेतन का 50 फीसदी होगी।
25 वर्ष तक की सेवा पर ही यह रकम मिलेगी। 25 वर्ष से कम और 10 साल से ज्यादा की सेवा पर उसके अनुपात में पेंशन मिलेगी।
2. पारिवारिक पेंशन
किसी भी कर्मचारी के निधन से पहले पेंशन की कुल रकम का 60 फीसदी हिस्सा परिवार को मिलेगा।
3. न्यूनतम पेंशन
कम से कम 10 साल की सेवा के बाद 10 हजार रुपये प्रतिमाह की न्यूनतम पेंशन सुनिश्चित होगी। महंगाई भत्तों को जोड़कर आज के हिसाब से यह रकम 15 हजार रुपये के आसपास होगी।
4. महंगाई दर के साथ इंडेक्सेशन
उपरोक्त तीनों तरह की पेंशन यानी सुनिश्चित पेंशन, पारिवारिक पेंशन और न्यूनतम पेंशन के मामलों में महंगाई राहत यानी DR के आधार पर इनफ्लेशन इंडेक्सेशन मिलेगा।
5. सेवानिवृत्ति पर ग्रेच्युटी के अतिरिक्त एकमुश्त भुगतान
छह महीने की सेवा के लिए (वेतन+डीए) की 10 फीसदी रकम का एकमुश्त भुगतान होगा। यानी अगर किसी की 30 साल की सर्विस है तो उसे छह महीने की सेवा के आधार पर एकमुश्त भुगतान (इमॉल्यूमेंट) होगा।
23 लाख कर्मचारियों को फायदा, एनपीएस और यूपीएस का विकल्प
केंद्र सरकार के 23 लाख कर्मचारियों को इसका फायदा मिलेगा। कोई एनपीएस में रहना चाहे तो उसमें रह सकता है। अगर यूपीएस अपनाना चाहे तो इसका विकल्प चुन सकता है। राज्य सरकारें भी इस संरचना को चुन सकती है। अगर राज्य सरकार के कर्मचारी इसमें शामिल होते हैं तो 90 लाख कर्मियों को इसका फायदा मिलेगा।
केंद्र का योगदान बढ़कर 18.5 फीसदी
कर्मचारियों पर इसका भार नहीं पड़ेगा। 10 वर्ष पहले तक कर्मचारी और सरकार 10-10 फीसदी का योगदान देते हैं। हमारी सरकार ने योगदान बढ़ाकर 14 फीसदी कर दिया था। यह अपने आप में बड़ा कदम था। अब केंद्र सरकार का योगदान बढ़कर 18.5 फीसदी हो जाएगा। यह स्कीम 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी।
किन्हें मिलेगा फायदा?
वित्त सचिव डॉ. टीवी सोमनाथन ने कहा कि जो कर्मचारी 2004 से अब तक और आगे 31 मार्च 2025 तक सेवानिवृत्त होंगे, वे भी यूपीएस के पांच बिंदुओं का फायदा ले सकेंगे। उन्हें एरियर्स भी मिलेंगे। जो राशि उन्हें मिल चुकी है, उसमें से नई गणना के मुताबिक रकम एडजस्ट होगी। एरियर्स के लिए 800 करोड़ रुपये रखे गए हैं। यह योजना पूरी तरह वित्त पोषित है। केंद्र का पेंशन में जो योगदान बढ़ेगा, उसके अतिरिक्त भार को वहन के लिए वार्षिक आधार पर 6250 करोड़ रुपये रखे गए हैं।
एरियर्स की गणना कैसे होगी?
वित्त सचिव डॉ. टीवी सोमनाथन ने कहा कि 2004 से अब तक 20 साल का वक्त गुजरा है। इस दौरान एनपीएस के तहत सेवानिवृत्त होने वाले कर्मियों की संख्या अपेक्षाकृत कम है। इनका पूरा रिकॉर्ड हमारे पास है। वे कब सेवा में आए, कब वे सेवानिवृत्त हुए, तब उन्हें रकम कितनी मिली है, यह सारी जानकारी हमारे पास है। अगर वे यूपीएस चुनते हैं तो उन्हें गणना के मुताबिक ब्याज जोड़कर जितना एरियर्स बनेगा, उतना दिया जाएगा।