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नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने खासकर पत्रकारों और नेताओं के लिए तथ्य जानने की महत्ता पर बल देते हुए गुरुवार को कहा कि लोग अनिश्चितकाल तक इस सोच के साथ नहीं रह सकते कि उन्हें अधिकतर चीजों के बारे में जानकारी है। उन्होंने ‘इंडिया-2016’ के विमोचन के अवसर पर यह बात कही। ‘इंडिया-2016’ एक पुस्तक है जिससें सरकार की उपलब्धियों, उसकी नीतियों, कार्यक्रमों और विकास संबंधी अन्य पक्षों की विस्तृत जानकारी दी गई है। जेटली ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि ‘इंडिया-2016’ में जो जानकारी हैं, उसे देखते हुए हर किसी को, विशेषकर पत्रकारों और राजनेताओं को यह किताब अवश्य पढनी चाहिए। यह बहुत जरूरी है। क्योंकि हम कई तथ्यों से अनभिज्ञ हैं जिनका जिक्र इसमें किया गया है। हम अनिश्चितकाल तक इस सोच के साथ नहीं रह सकते कि हमें अधिकतर चीजों के बारे में पता है क्योंकि एक बार किताब पढने के बाद आपको एहसास होगा कि हम कितना कुछ नहीं जानते।’’

नई दिल्ली: जेएनयू मामले में गिरफ्तार किए गए कन्हैया ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल की है। इस पर शुक्रवार को सुनवाई होगी। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाए गए वकीलों के पैनल ने भी सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट सौंप दी है। साथ ही वीडियो भी सौंपे हैं। हाईकोर्ट रजिस्ट्रार ने भी रिपोर्ट सौंप दी है। जमानत याचिका में कन्हैया ने कहा कि वह बेगुनाह है। पुलिस को अब हिरासत की जरूरत नहीं है। रिपोर्ट कहती है कि उसके खिलाफ ठोस सबूत नहीं मिले हैं और पहले ही उसके खिलाफ ठोस सबूत नहीं मिले हैं और पहले ही उसके साथ गुनाहगार जैसा बर्ताव किया गया। पटियाला हाउस में उसे पीट-पीटकर मार डालने की कोशिश की गई। उसके अधिकारों का हनन किया गया। याचिका में यह भी लिखा गया है कि पटियाला हाउस कोर्ट में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बावजूद सुरक्षा नहीं हो पाई। वहां उसे फेयर ट्रायल नहीं मिलेगा। इसलिए ऐसे हालात में सुप्रीम कोर्ट जमानत दे।

नई दिल्ली: जेएनयू मामले को लेकर कन्हैया कुमार की पटियाला हाउस कोर्ट में पेशी के दौरान वकीलों के एक समूह द्वारा जेएनयू के छात्रों, शिक्षकों और पत्रकारों पर हमले को लेकर बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने कहा कि यह घटना शर्मनाक है। कुछ वकीलों की वजह से देशभर के वकीलों की छवि खराब हुई है। बार काउंसिल ने मीडिया से माफी मांगते हुए कहा है कि दोषी वकीलों के खिलाफ कार्रवाई होगी। जरूरत पड़ी तो लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है। इसके लिए उन्होंने हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी भी गठित की है। यह कमेटी तीन हफ्तों में रिपोर्ट देगी। पटियाला हाउस कोर्ट में पत्रकारों, जेएनयू के छात्रों और शिक्षकों पर 15 जनवरी को वकीलों के एक समूह ने हमला किया था। इस मामले में तीन वकीलों को समन भी किया गया था,लेकिन तीनों में से कोई भी पेश नहीं हुआ।

नई दिल्ली: कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में पार्टी के एक प्रतिनिधि मंडल ने जेएनयू विवाद पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की और उन्हें ज्ञापन सौंपा। इस मुलाकात में राहुल ने जेएनयू विवाद और देश के विभिन्न हिस्सों में कथित तौर पर छात्रों को निशाना बनाये जाने के मुद्दे को उठाया। मुलाकात के बाद राहुल गांधी ने मीडिया से बातचीत में सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि देश भर में छात्रों की आवाज़ को दबाने की कोशिश की जा रही है। राहुल ने कहा 'देशप्रेम मेरे खून में है। मेरे परिवार ने इस देश के लिए बार बार कुर्बानी दी है। अगर किसी ने इस देश के खिलाफ कुछ बोला है तो उसे कानून के मुताबिक सज़ा मिलनी चाहिए।' लेकिन इसके साथ ही राहुल ने यह भी कहा कि 'सरकार का काम संस्थानों को बंद करना या खत्म करना नहीं है।' आरएसएस पर निशाना साधते हुए राहुल ने कहा कि पूरे देश पर एक तरह की विचारधारा को थोपने की कोशिश की जा रही है।

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