नई दिल्ली: सरकार ने ओटीटी प्लेटफॉर्म 'नेटफ्लिक्स' के कंटेंट हेड को तलब किया है। उन्हें 'आईसी-814-द कंधार हाईजैक' सीरीज को लेकर जारी विवाद को लेकर समन किया गया है। सीरीज में आतंकियों के किरदारों के नाम को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। सूत्रों के मुताबिक, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने मंगलवार को नेटफ्लिक्स इंडिया के कंटेंट हेड को तलब किया है। उनसे ओटीटी सीरीज के कथित विवादास्पद पहलुओं पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।
दरअसल, विमान हाईजैक को छह आतंकियों ने हाईजैक किया था। सभी आतंकी मुस्लिम थे। उनके नाम इब्राहिम अख्तर, शाहिद अख्तर, सन्नी, अहमद काजी, जहूर मिस्त्री और शाकिर थे, इस ओटीटी सीरीज में इन आतंकयों के नाम बदल दिए गए हैं। इसी पर विवाद खड़ा हो गया है। सोशल मीडिया पर यूजर्स फिल्म को बायकॉट करने की मांग भी कर रहे हैं।
दरअसल, काठमांडू से दिल्ली जा रहे इंडियन एयरलाइंस के विमान के हाईजैकर्स के किरदारों के परिवर्तित नाम को लेकर विवाद खड़ा किया है। दर्शकों के बहुत बड़े वर्ग ने आतंकियों के 'मानवीय' चित्रण पर आपत्ति जताई है।
मालवीय ने जताई आपत्ति
भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि आईसी-814 के हाईजैकर्स खूंखार आतंकी थे। उन्होंने अपनी मुस्लिम पहचान छिपाने के लिए काल्पनिक नाम अपनाए थे। मालवीय ने एक्स पर पोस्ट किया कि फिल्म निर्माता अनुभव सिन्हा ने उनके गैर-मुस्लिम नामों को आगे बढ़ाकर उनके नापाक इरादों को सही बनाने का काम किया है। दशकों बाद लोग सोचेंगे कि हिंदुओं ने आईसी-814 का अपहरण किया था। मालवीय ने कहा कि सभी आतंकी मुसलमान थे। अनुभव ने गलत काम को छिपाने के वामपंथियों के एजेंडे ने काम किया। यह सिनेमा की ताकत है, जिसका कम्युनिस्ट 70 के दशक से ही आक्रामक तरीके से इस्तेमाल कर रहे हैं। शायद इससे भी पहले। उन्होंने कहा कि यह न भारत के सुरक्षा तंत्र को कमजोर करेगा, उस पर सवाल खड़ा करेगा, बल्कि उस वर्ग को निर्दोष करार देने का काम करेगा, जो इसके लिए जिम्मेदार था।
उमर अब्दुल्ला ने किया पलटवार
मामले में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि यह देखना वाकई मजेदार है कि जो लोग 'कश्मीर फाइल्स' जैसी फिल्मों को सच मानते थे, वे नेटफ्लिक्स सीरीज में 'आईसी-814' की घटनाओं के चित्रण से निराश हो गए हैं। अब्दुल्ला ने एक्स पर कहा, 'अब अचानक वे स्क्रिप्ट में सटीकता और बारीकियों को शामिल करना चाहते हैं।'