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बाराबंकी: पंजाब से यूपी में आलू आने के कारण यूपी में आलू की कीमत एकदम गिर गई, जिससे नाराज किसानों ने बाराबंकी में शनिवार को सड़कों पर आलू फेंक कर प्रदर्शन किया। किसानों द्वारा सड़क पर बिखरा देने से आलू बटोरने के लिए लोगों में होड़ लग गई। भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले शहर के गन्ना दफ्तर परिसर में एकत्र हुए किसान एसपी ऑफिस, एडीएम कार्यालय, डीएम कार्यालय के सामने से गुजरते हुए हाईवे पर पहुंचे। इस दौरान किसान आलू बिखराते हुए चल रहे थे। ट्रैक्टर ट्रॉली पर लदी आलू की बोरियां एक के बाद एक खोली जा रही थी।

किसानों के प्रदर्शन की सूचना पाकर अधिकारी हलकान हो उठे। आनन-फानन अपर जिलाधिकारी संदीप गुप्ता मौके पर पहुंच गए। उन्होंने भारतीय किसान यूनियन के प्रांतीय महासचिव मुकेश सिंह से अनुरोध किया कि प्रदर्शन समाप्त करें। इस पर मुकेश सिंह ने एडीएम से बताया कि पंजाब का आलू यूपी भेजा जा रहा है लेकिन यूपी का धान पंजाब भेजने पर सरकार ने रोक लगा दी है। जिससे यूपी का किसान अपना आलू 2 से 3 रुपए प्रति कुंतल की दर से बेचने को मजबूर है।


मुकेश सिंह ने बताया कि कोल्ड स्टोरेज तक आलू लेने में किसान को प्रति कुंतल 300 रुपए तक का भाड़ा चुकाना पड़ रहा है। ऐसे में किसान को आलू की खेती करने से क्या फायदा हुआ यह समझ से परे है। एडीएम व अन्य अधिकारियों के समझाने पर भारतीय किसान यूनियन ने अपना प्रदर्शन काफी देर बाद शांत किया। कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन एडीएम को सौंपा। कार्यकर्ताओं ने कहा कि यदि सीएम योगी आदित्यनाथ ने जल्द इस पर कोई फैसला नहीं लिया तो भारतीय किसान यूनियन बड़ा आंदोलन करेगी।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सुरक्षा अब सिर्फ जमीन पर ही नहीं बल्कि आकाश और जल मार्गों पर भी की जाएगी। कैबिनेट के फैसले के बाद राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री की सुरक्षा की दिशा में यह कदम बढ़ाया है। सुरक्षा व्यवस्था में यह आंशिक बदलाव करने का फैसला कैबिनेट बाई सर्कुलेशन के जरिए किया गया है। यूपी के एक सीनियर अधिकारी ने बताया- “हाल के समय में खतरे की कुछ चेतावनी मिली थी और मुख्यमंत्री की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हए उनकी सुरक्षा बढ़ाई गई है।

मुख्यमंत्री को पहले से ही एनएसजी (नेशनल सिक्योरिटी गार्ड) की सुरक्षा मिली हुई है और अब वे आकाश में या फिर जल मार्गों में भी सुरक्षा के दौरान सुरक्षा घेरे में होंगे। हम इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं साझा कर सकते हैं क्योंकि यह अभी गुप्त रखा गया है।” इस वक्त, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को सड़क मार्ग के यात्रा के दौरान सुरक्षा घेरे में होते हैं लेकिन जब वे किसी अन्य मार्गों से यात्रा कर रहे होते हैं तो उस वक्त उनके पास सुरक्षा नहीं होती है।

सीतापुर: प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने कहा है कि पहले ऊंच-नीच का भेदभाव पैदा कर इंसानों को बांटा गया। अब भगवान की भी जाति तय की जाने लगी है। अगर भगवान हनुमान दलित हैं तो शंकर, विष्णु व अन्य देवताओं की जाति भी बताई जाए। श्री राजभर शनिवार को सीतापुर के पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस में संवाददाताओं से बात कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि बजरंग दल, शिवसेना व विश्वहिंदू परिषद संगठन संविधान विरोधी हैं। यह संगठन सुप्रीम कोर्ट को नहीं मानते। यही वजह है कि सुप्रीम कोर्ट में मंदिर प्रकरण चल रहा है और बजरंग दल, शिवसेना व विश्व हिंदू परिषद मंदिर बनाने की बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भगवान राम चुनाव के समय ही याद आते हैं। वर्ष 2014 का चुनाव होने के बाद राम भुला दिए गए थे। अब फिर याद आने लगे हैं।

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि किसान केन्द्र और यूपी की भाजपा सरकार के लूटतंत्र के जाल में गये हैं। अखिलेश यादव ने शुक्रवार को पार्टी कार्यालय में आए किसानों के प्रतिनिधिमंडल से बातचीत में यह बात कही। उन्होंने कहा कि फसल बिकने के इंतजार में खड़े किसानों के अंदर आक्रोश उफना रहा हैं।

उन्होंने कहा, फसल बीमा योजना के नाम पर भाजपा ने किसानों के साथ धोखा किया है। फसल बीमा योजना में सन् 2016 से 2018 दो वर्ष के दौरान बीमा की दो कम्पनियों को 15795 करोड़ रूपए की आमदनी हुई। किसान को लोन तभी मिलता है जब बीमा की प्रीमियम राशि को बैंक काट लेता है। किसान को मुआवजा मिलता नहीं और अगर मिल भी गया तो उसमें पहला शेयर बैंक का होता है क्योंकि बैंक ने पहले लोन दिया।

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