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(नरेन्द्र भल्ला): हमारी सरकार ने पिछले एक दशक से देश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई घोषणाएं की हैं,खासकर विदेशी पर्यटकों को लुभाने के लिये। लेकिन लगता है कि इस मामले में दुनिया की सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाले देश इंडोनेशिया ने हमसे बाजी मार ली है। अपने यहां पर्यटन को बढ़ावा देने के जरिये इकोनॉमी को मजबूत करने के मकसद से इंडोनेशिया ने 96 देशों के लिए वीजा फ्री ट्रैवल की घोषणा की है।

इंडोनेशिया की आबादी करीब 28 करोड़ 42 लाख है और इसमें तकरीबन 87 प्रतिशत मुस्लिम हैं। तकरीबन 17 हजार द्वीपों से बना यह देश बेहद ही खूबसूरत माना जाता है,जिसके समुद्री किनारे पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। यह दुनिया का सबसे बड़ा द्वीप समूह है और जहां की आधी से ज्यादा आबादी यानि करीब 15 करोड़ लोग जावा द्वीप पर रहते हैं।

पर्यटन को और अधिक बढ़ावा देने के लिए इंडोनेशिया ने नई वीजा पॉलिसी लागू कर दी है जिसके चलते अब 96 देशों के पर्यटकों को इंडोनेशिया जाने के लिए किसी तरह के वीजा की जरूरत नहीं होगी।

हालांकि 23 अप्रैल 2024 से भारतीय नागरिकों को बाली (इंडोनेशिया) में 30 दिनों तक की यात्रा के लिए वीज़ा-मुक्त प्रवेश की अनुमति का एलान पहले ही कर दिया गया था। जाहिर है कि ये एक बड़ा फैसला है, जो वहां की बेरोज़गारी को दूर करने में भी काफी हद तक कारगर साबित हो सकता है। वीज़ा फ्री वाले देशों में अमेरिका, ब्रिटेन, जापान, मैक्सिको और संयुक्त अरब अमीरात जैसे प्रमुख देश भी शामिल हैं, जिसके पर्यटक इंडोनेशिया की अर्थव्यवस्था को रॉकेट जैसी उड़ान दे सकते हैं।

बता दें कि इसी साल बीते मई महीने में इंडोनेशिया जाने वाले पर्यटकों की संख्या में जबरदस्त उछाल देखने को मिला था, जब उनकी संख्या करीब साढ़े 11 लाख हो गई थी, जो अप्रैल के मुकाबले 7.36 फ़ीसदी से ज्यादा थी। जबकि मई 2023 से इसकी तुलना की जाये, तो यह 20 प्रतिशत से भी ज्यादा थी। यानि विदेशी सैलानियों को यह देश अपनी प्राकृतिक सौंदर्यता के कारण खूब पसंद आ रहा है।

पर्यटकों की बढ़ती संख्या का आकलन करें,तो साफ पता लगता है कि ग्लोबल टूरिस्ट डेस्टिनेशन के लिहाज से इंडोनेशिया की लोकप्रियता में लगातार इज़ाफ़ा हो रहा है। लेकिन यहां पहुंचने वाले सैलानियों में पड़ोसी देशों की संख्या ही ज्यादा है। मसलन,मलेशिया से करीब साढ़े 17 प्रतिशत,ऑस्ट्रेलिया से करीब 12 फीसदी जबकि सिंगापुर से आने वाले सैलानियों की तादाद तकरीबन 10 फीसदी थी। इससे पता चलता है कि इंडोनेशिया ने अपने पड़ोसी देशों के साथ क्षेत्रीय संबंधों को काफ़ी मजबूत बना रखा है।

पर्यटन की दुनिया से जुड़े विशेषज्ञ मानते हैं कि विदेशी सैलानियों को अपनी तरफ आकर्षित करने की एक बड़ी वजह ये भी है कि इस मुल्क ने न सिर्फ अंतराष्ट्रीय उड़ानों को बढ़ाया है,बल्कि आतिथ्य-सत्कार के तौर-तरीकों को भी और बेहतर व आधुनिक बनाया है। यही कारण है कि बाली और जकार्ता जैसे शहर बीते कुछ सालों में पर्यटन-नक़्शे पर बेहद तेजी से लोकप्रिय हुए हैं। हालांकि वहां की सरकार ने पर्यटन-उद्योग को बढ़ावा देने के मकसद से ही इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने में कोई कंजूसी नहीं बरती है और कानून-व्यवस्था कायम रखने को सबसे अधिक तवज्जो दी है,ताकि बाहर से आये पर्यटकों को जरा भी डर का माहौल महसूस न हो। जाहिर है कि नई वीज़ा पॉलिसी से देश की आर्थिक सेहत तो दुरुस्त होगी ही,साथ ही उसकी ग्लोबल कनेक्टिविटी भी बेतहाशा बढ़ेगी।

 

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