मुंबई: मुंबई पुलिस ने 122 करोड़ रुपये के गबन मामले में न्यू इंडिया सहकारी बैंक के महाप्रबंधक हितेश मेहता को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने हितेश व उनके सहयोगियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है और जांच अपनी आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) को सौंपी है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि उन्हें रविवार को स्थानीय अदालत में पेश किया जाएगा।
एक अधिकारी ने बताया कि मेहता को शहर पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने तीन घंटे से अधिक समय तक पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया। अधिकारी ने बताया कि मेहता को इस मामले के संबंध में जांच एजेंसी के दक्षिण मुंबई कार्यालय में अपना बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया गया था।
आरबीआई ने सहकारी बैंक पर कई प्रतिबंध लगा दिए, जिसमें जमाकर्ताओं की ओर से धन निकासी पर भी प्रतिबंध शामिल है। शुक्रवार को आरबीआई ने ऋणदाता के बोर्ड को भंग कर दिया और मामलों के प्रबंधन के लिए एक प्रशासक नियुक्त किया और उसकी सहायता के लिए सलाहकारों की एक समिति भी नियुक्त की।
बैंक के कार्यवाहक मुख्य कार्यकारी अधिकारी देवर्षि घोष ने शुक्रवार को मध्य मुंबई के दादर पुलिस थाने में जाकर धन की हेराफेरी की शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद शनिवार तड़के मेहता और अन्य के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज किया। मेहता को दक्षिण मुंबई स्थित ईओडब्ल्यू कार्यालय लाया गया और उसके अधिकारी उनसे पूछताछ कर रहे हैं। उन्होंने बताया, शिकायत के अनुसार बैंक के महाप्रबंधक और लेखा प्रमुख हितेश मेहता ने अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर साजिश रची और बैंक के प्रभादेवी और गोरेगांव कार्यालयों की तिजोरियों में रखे धन से 122 करोड़ रुपये का गबन किया।
इन धारों में दर्ज हुआ केस
पुलिस ने बताया कि शिकायत के आधार पर मेहता और अन्य के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 316 (5) (लोक सेवकों, बैंकरों और भरोसेमंद पदों पर बैठे अन्य लोगों द्वारा आपराधिक विश्वासघात), धारा 61 (2) (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया कि जांच के दायरे को देखते हुए मामले को ईओडब्ल्यू को सौंप दिया गया है। एजेंसी ने जांच शुरू कर दी है। इस सहकारी बैंक की 28 शाखाओं में ज्यादातर मुंबई महानगर में हैं। गुजरात के सूरत में इसकी दो शाखाएं और पुणे में एक शाखा है।