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लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सुरक्षा अब सिर्फ जमीन पर ही नहीं बल्कि आकाश और जल मार्गों पर भी की जाएगी। कैबिनेट के फैसले के बाद राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री की सुरक्षा की दिशा में यह कदम बढ़ाया है। सुरक्षा व्यवस्था में यह आंशिक बदलाव करने का फैसला कैबिनेट बाई सर्कुलेशन के जरिए किया गया है। यूपी के एक सीनियर अधिकारी ने बताया- “हाल के समय में खतरे की कुछ चेतावनी मिली थी और मुख्यमंत्री की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हए उनकी सुरक्षा बढ़ाई गई है।

मुख्यमंत्री को पहले से ही एनएसजी (नेशनल सिक्योरिटी गार्ड) की सुरक्षा मिली हुई है और अब वे आकाश में या फिर जल मार्गों में भी सुरक्षा के दौरान सुरक्षा घेरे में होंगे। हम इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं साझा कर सकते हैं क्योंकि यह अभी गुप्त रखा गया है।” इस वक्त, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को सड़क मार्ग के यात्रा के दौरान सुरक्षा घेरे में होते हैं लेकिन जब वे किसी अन्य मार्गों से यात्रा कर रहे होते हैं तो उस वक्त उनके पास सुरक्षा नहीं होती है।

जब वह आकाश में सफर कर रहे होते हैं, उनके सुरक्षाकर्मी तब तक उनके साथ होते हैं जब तक वे विमान/हेलीकॉप्टर में नहीं चढ़ जाते हैं। एक सुरक्षा दल उनके साथ एयरपोर्ट या हैलीपैड तक जाता है और फिर उनके गंतव्य स्थान पर एक सुरक्षा टीम उनके लिए खड़ी रहती है। इस तरह वह हेलीकॉप्टर या हवाई जहाज से यात्रा के दौरान बिना सुरक्षा के होते हैं। ऐसी यात्राओं के दौरान दोनों पायलटों व उनके सहायकों के अलावा मुख्यमंत्री के डे अफसर (विशेष सचिव स्तर के अधिकारी) व ओएसडी या कभी-कभी कोई मंत्री, मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव या कोई निजी व्यक्ति भी साथ होते हैं।

अधिकारी ने बताया- “हम यह नहीं बता सकते हैं कि कोई अतिरिक्त हवाई जहाज या फिर पानी जहाज की व्यवस्था की जाएगी। लेकिन, यह साफ है कि चाहे वो आसमान में हों या फिर पानी जहाज में, सुरक्षा घेरे में रहेंगे.” एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने इस बात की पुष्टि की है कि राज्य सरकार ने मुख्यमत्री की सुरक्षा को लेकर 2002 के ‘ग्रीन बुक’ में संशोधन किया है।

सूत्रों के अनुसार यह बदलाव खासकर हेलीकॉप्टर से यात्रा के दौरान सुरक्षा को लेकर किया गया है, क्योंकि कभी-कभी यह संभव है कि किसी आपात स्थिति में उसे कहीं उतारना पड़े और वहां अचानक कोई सुरक्षा प्रबंध किया जाना संभव नहीं होगा। मुख्यमंत्री जहां जा रहे होते हैं, वहां तो उनकी निजी सुरक्षा दस्ते के अलावा जिले की पुलिस भी होती है लेकिन ऐसी किसी आपात स्थिति में मुख्यमंत्री बिना किसी सुरक्षा के हो सकते हैं।

नई व्यवस्था के तहत मुख्यमंत्री के साथ हर वक्त सुरक्षा गार्ड मौजूद रहेंगे। हालांकि हेलीकॉप्टर में बमुश्किल दो सुरक्षा गार्ड ही बैठाए जा सकेंगे, क्योंकि मुख्यमंत्री के साथ कम से कम उनके डे अफसर तो रहेंगे ही। शासन के एक अधिकारी सुरक्षा कारणों से हमेशा दो हेलीकॉप्टर लेकर चलने की संभावना को खारिज किया।

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