हैदराबाद: तेलंगाना के नागरकुरनूल जिले में श्रीसैलम सुरंग नहर परियोजना (एसएलबीसी) का निर्माणाधीन हिस्सा ढह जाने के कारण 8 श्रमिक अंदर ही फंसे हैं। सुरंग में फंसे श्रमिकों के रेस्क्यू के लिए एनडीआरएफ के साथ सेना भी जुटी है। श्रमिक करीब 14 किलोमीटर अंदर मौजूद हैं।
कीचड़-मलबे की वजह से रेस्क्यू अटका
टनल में मजदूरों के फंसे होने के 45 घंटे से ज्यादा का वक्त बीत चुका है। रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर एजेंसियां हर तरीका आजमा रही हैं। तमाम कोशिशों के बाद भी अभी सफलता नहीं मिल पाई है।
सुरंग के आखिरी 200 मीटर के हिस्से में पानी और कीचड़ भर गया है, जिससे बचाव दल को वहां तक पहुंचने में भारी कठिनाइयां हो रही है।
सुरंग के अंदर भारी मशीनरी को ले जाना संभव नहीं है। इसलिए अन्य तरीकों से मलबा हटाने की कोशिश की जा रही है। बचावकर्मी मलबे में से गुजरने के लिए रबर ट्यूब और लकड़ी के तख्तों का उपयोग कर रहे हैं।'
मजदूरों के बचने की संभावना को लेकर मंत्री ने कहा, 'हम कुछ नहीं कह सकते। हमें उम्मीद है, लेकिन जो घटना हुई वह बहुत गंभीर थी। बचने की संभावना के बारे में हम भविष्यवाणी नहीं कर सकते, संभावनाएं उतनी अच्छी नहीं हैं।'
प्रदेश सरकार की तरफ से जारी वीडियो में बचावकर्मी मिट्टी की मोटी परतों, लोहे की उलझी हुई छड़ों और सीमेंट के बीच से गुजरते नजर आ रहे हैं।
मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी ने कहा कि शनिवार की सुबह जब सुरंग का हिस्सा ढहा तब लगभग 70 लोग सुरंग में काम कर रहे थे और उनमें से अधिकतर बच निकलने में सफल रहे।
सुरंग में फंसे लोगों की पहचान यूपी के मनोज कुमार और श्रीनिवास, जम्मू-कश्मीर के सन्नी सिंह, पंजाब के गुरप्रीत सिंह और झारखंड के संदीप साहू, जगता जेस, संतोष साहू और अनुज साहू के रूप में हुई है।
बचाव अभियान की निगरानी कर रहे नागरकुरनूल के जिलाधिकारी बी. संतोष ने कहा, 'राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की चार टीमें लगी हैं। जिनमें 1 हैदराबाद से और 3 विजयवाड़ा से हैं, जिनमें 138 सदस्य हैं। इसके अलावा सेना के 24 कर्मी, एसडीआरएफ के कर्मी, एससीसीएल के 23 सदस्य उपकरणों के साथ बचाव अभियान में लगे हुए हैं।
एनडीआरएफ के एक अधिकारी ने एक टीवी चैनल को बताया, 'एक टीम कल रात सुरंग के अंदर गई थी। वहां बहुत सारा मलबा है और सुरंग खोदने वाली मशीन (टीबीएम) भी क्षतिग्रस्त है और उसके हिस्से अंदर बिखरे पड़े हैं।'