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लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ और संभल में प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा पर सपा और कांग्रेस पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि किसी भी विरोध प्रदर्शन या धरने में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है। उन्होंने कहा कि हमने हमेशा नागरिकता संशोधन विधेयक का विरोध किया है, हम शुरू से ही इसका विरोध करते रहे हैं, लेकिन अन्य पार्टियों की तरह हम सार्वजनिक संपत्ति और हिंसा को नष्ट करने में विश्वास नहीं करते हैं।

मायावती ने कहा कि मैं अपनी पार्टी के लोगों से अपील करती हूं कि इस समय में देश में व्याप्त इमर्जेंसी के दौरान सड़कों पर न उतरें, इसकी जगह विरोध के दूसरे तरीकों को अपना जाएं। गौरतलब है कि पिछले दिनों बसपा के सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति से मुलाकात करके सीएए को वापस लेने की मांग की थी। पार्टी ने लोकसभा और राज्यसभा के सभी 13 सांसदों का हस्ताक्षरयुक्त एक ज्ञापन को राष्ट्रपति को दिया गया था। बाद में लोकसभा में बसपा नेता दानिश अली ने कहा था कि सीएए संविधान के मौलिक अधिकार का उल्लंघन करता है।

लखनऊ: नागरिकता संशोधन कानून को लेकर उत्तर प्रदेश में शुक्रवार को भी हिंसक प्रदर्शन जारी रहा। हिंसक विरोध-प्रदर्शन को लेकर सुरक्षा के मद्देनजर प्रदेश के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को 21 दिसंबर तक के लिए बंद रखने का आदेश दिया गया है। राज्य सरकार के प्रवक्ता ने यह जानकारी दी। इससे पहले उत्तर प्रदेश में संशोधित नागरिकता कानून और प्रस्तावित एनआरसी के खिलाफ शुक्रवार को हिंसक प्रदर्शनों के दौरान पुलिस के साथ झड़प में कम से कम छह लोगों की मौत हो गई।

कानपुर, मेरठ, मुजफ्फरनगर और बिजनौर में शुक्रवार को भारी बवाल हुआ है। जहां मेरठ में गोली लगने से तीन की मौत हो गई है। तो वहीं बिजनौर में गोली लगने से दो लोगों की मौत हो गई। मुजफ्फरनगर में भी एक की मौत हो गई है। कानपुर में 8 लोगों को गोली लगी। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी हजारों लोगों ने रैलियां निकालीं तथा शाम होते होते यहां भी हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गए जिसके बाद पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ा। कई राज्यों में सीएए और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं।

लखनऊ: नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में चल रहा प्रदर्शन शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के दो दर्जन से ज्यादा शहरों में हिंसक हो गया। पूरे प्रदेश में 6 लोगों की मौत हुई है।  दर्जनों पुलिस कर्मी जख्मी हुए हैं। शुक्रवार को पूरे प्रदेश में इंटरनेट सेवाएं बंद रहीं, जिससे लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। प्रदेश सरकार ने जिलों में सतर्कता बढ़ा दी है। सरकार के प्रवक्ता ने कहा है कि हर जिले में पीएसी व रैपिड एक्शन फोर्स की अतिरिक्त टुकड़ियां तैनात करने का फैसला किया गया है।

गुरुवार को लखनऊ में हुई जबरदस्त हिंसा के बाद शुक्रवार को पूरे प्रदेश में हाई अलर्ट कर दिया गया था। शुक्रवार को जुमे की नमाज़ के मद्देनज़र संवेदनशील इलाकों में भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक जुमे की नमाज़ तो शांति पूर्ण ढंग से हुई लेकिन बाद में भीड़ धरना-प्रदर्शन पर अड़ गई। कई स्थानों पर जुलूस निकालने की मांग की गई, जिसे पुलिस ने सख्ती से रोका। प्रदर्शनकारी नागरिक संशोधन कानून वापस लेने की मांग के साथ ही प्रदेश व केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे।

लखनऊ: नागरिकता कानून पर उत्तर प्रदेश में हिंसा की आग एक बार फिर से भड़क गई है। पहले कानपुर फिर फिरोजाबाद और अब बहराइच में बवाल हुआ है। कानपुर में उपद्रवियों ने पुलिस पर पथराव किया है। पुलिस ने भीड़ पर लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले भी छोड़े हैं। कानपुर में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच फायरिंग में 3 को लगी गोली है। वहीं, फिरोजाबाद में धार्मिक स्थल से इबादत के बाद निकले लोग पुलिस से भिड़ गए। पुलिस पर जबरदस्त पथराव किया गया। कई गाड़ियों में आग लगा दी गई। कुछ उपद्रवियों ने फायरिंग भी की है। इसके अलावा गोरखपुर और हापुड़ जिले में भी पथराव हुआ है। हापुड़ में वाहनों में तोड़फोड़ की गई है। यहां उपद्रवियों ने पथराव भी किया है।अमरोहा में उपद्रवियों ने पुलिस पर पथराव किया है। वहीं, बुलंदशहर में भी उपद्रवियों ने पुलिस पर पथराव किया और फिर तोड़फोड़ की।

कानपुर में पथराव-लाठीचार्ज और फायरिंग

कानपुर के परेड चौराहे पर नागरिकता कानून का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों ने उपद्रव मचाया और पुलिस पर पथराव किया। उपद्रवियों ने कई वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया।

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