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लखनऊ (जनादेश ब्यूरो): समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रदेश में हो रही हिंसा को लेकर भाजपा सरकार पर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि भाजपा अर्थव्यवस्था, रोजगार और किसानों के मुद्दे पर पूरी तरह फेल साबित हुई है इसलिए जनता का ध्यान भटकाने के लिए दंगे फैलाए जा रहे हैं। दंगों से भाजपा को फायदा होता है। आज यही लोग सत्ता में हैं इसलिए दंगे भड़काए जा रहे हैं। अखिलेश यादव रविवार को प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि नागरिकता कानून देश के संविधान का उल्लंघन है। इसलिए सपा इसका विरोध कर रही है। हमने शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन किया। हिंसा भाजपा के इशारे पर की जा रही है। अखिलेश ने एनआरसी का विरोध करते हुए कहा कि गांवों में लोगों के पास दस्तावेज नहीं है। एनआरसी से पूरा देश एक बार फिर लाइन मे लग जाएगा। नोटबंदी लागू होने से जनता को बहुत मुश्किल हुई थी। एक बार फिर से वही माहौल बनाने की कोशिश की जा रही है। नोटबंदी लागू करते वक्त कहा गया था कि कालाधन खत्म हो जाएगा। आतंकवाद, नक्सलवाद खत्म हो जाएगा लेकिन कुछ नहीं हुआ। जनता परेशान हुई।

लखनऊ: नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ चल रहा उग्र विरोध-प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा है। शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के कई जिलों में हुए हिंसक प्रदर्शन में 16 लोगों की मौत हो गई, जिसमें एक आठ साल का बच्चा भी शामिल है। जानकारी के अनुसार मेरठ में चार, बिजनौर, कानपुर, संभल में दो-दो, मुजफ्फरनगर, फिरोजाबाद व वाराणसी में एक-एक की जान गई है। हालांकि आईजी कानून व्यवस्था ने आठ की मौत की पुष्टि की है। आज स्कूल कॉलेज बंद हैं। कई जिलों में इंटरनेट ठप है। वहीं दिनभर यूपी के गोरखपुर, अलीगढ़, संभल, बिजनौर, शामली, सहारनपुर समेत प्रदेश के कई जिलों में प्रदर्शन हुए। यूपी में आज सभी शैक्षणिक संस्थाओं को बंद कर दिया गया है। भारी उपद्रव के चलते यूपी टीईटी की परीक्षाएं भी स्थगित कर दी गईं हैं।

मेरठ में हुए हिंसक प्रदर्शन को काबू करने के लिए पुलिस को गोली चलानी पड़ी जिसमें चार लोगों की मौत हो गई। इस दौरान बिजनौर, संभल और कानपुर में दो-दो प्रदर्शनकारी की मौत हुई। वहीं, वाराणसी में आठ साल के बच्चे की मौत हो गई। कानपुर में हुई फायरिंग में 13 लोग घायल हो गए। बवाल के चलते 22 दिसंबर को होने वाली शिक्षक पात्रता परीक्षा रद्द कर दी गई है।

लखनऊ: संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के विरोध के दौरान लखनऊ में भड़की हिंसा के मामले में पुलिस ने शुक्रवार शाम एक राष्‍ट्रीय अंग्रेजी दैनिक 'हिंदू' के पत्रकार उमर राशिद को हिरासत में ले लिया। बाद में मुख्‍यमंत्री कार्यालय के हस्‍तक्षेप के बाद उन्‍हें छोड़ा गया। हजरतगंज पुलिस द्वारा हिरासत में लिए गए पत्रकार उमर राशिद ने बताया कि वह अपने कुछ पत्रकार साथियों के साथ भाजपा दफ्तर के बगल में स्थित एक होटल में नाश्‍ता कर रहे थे। तभी सादी वर्दी में आये पुलिसकर्मियों ने कुछ बात करने के लिये उन्‍हें अलग बुलाया और जबरन जीप में बैठा लिया। राशिद के मुताबिक उन्‍होंने पुलिसकर्मियों को बताया कि वह पत्रकार हैं और उन्‍होंने अपना परिचय पत्र वगैरह भी दिखाया।

उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिसकर्मियों ने उनका फोन छीन लिया और बदसलूकी की। उन्होंने कहा कि बाद में उन्हें हजरतगंज कोतवाली ले जाकर एक कमरे में बंद कर दिया और उनके साथ लाये गये उनके दोस्‍त रॉबिन वर्मा के साथ कथित तौर पर मारपीट की गयी। राशिद के अनुसार बाद में हजरतगंज के पुलिस क्षेत्राधिकारी अभय कुमार मिश्रा आये और माफी मांगते हुए कहा कि कुछ गलतफहमी की वजह से पुलिस उन्हें ले आयी।

लखनऊ: समाजवादी पार्टी कार्यालय में आज संत गाडगे का परिनिर्वाण दिवस सादगी से मनाया गया। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने संत गाडगे के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित किया। यादव ने कहा कि संत गाडगे त्याग की मिसाल थे। उन्होंने अपने अनुयायियों को अंधविश्वास से बचने तथा हर काम बुद्धि की कसौटी पर परख कर करना सिखाया। वे अपना उपदेश कीर्तन के साथ देते थे। उनके कीर्तन में सभी के प्रति प्रेम पर आधारित समतावाद के तत्वज्ञान का प्रचार कैसे करना चाहिए इसका सात्विक आदर्श देखने को मिलता है। उनका रास्ता समाजवाद का था।

अखिलेश यादव ने कहा कि अछूत छात्र-छात्राओं के लिए विद्यालय, दूर से आने वालों के लिए छात्रावास, भक्तों के लिए धर्मशाला, लाइब्रेरी, महिलाश्रम, वृद्धाश्रम, गौशाला के निर्माण जैसे युगांतरकारी कदम उन्होंने उठाए थे। स्वयं अनपढ़ होते हुए भी ज्ञानी थे और शिक्षा का महत्व समझते थे। उन्होंने दलित समाज को व्यसनों से दूर रहने के लिए कहा। उनके विचार आज भी प्रासंगिक हैं।

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