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लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को उत्तर प्रदेश के 11 वीर अमर शहीद सैनिकों के आश्रितों को शासकीय सेवा में नियोजित किए जाने हेतु नियुक्ति पत्र वितरित किए। सरकारी आवास पर आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा, 'आज दूसरी बार शहीद सैनिकों के आश्रितों को नियुक्ति पत्र वितरित करने का कार्य किया जा रहा है। देश के लिए शहीद होने वालों के परिवारों का सम्मान करना हम सबका साझा दायित्व है। प्रदेश सरकार सैनिकों के प्रति संवेदनशील होकर काम कर रही है। इसके साथ ही हर संभव सहायता के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।'

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रदेश में पहली बार फरवरी में राजधानी लखनऊ में भव्य डिफेंस एक्सपो का आयोजन किया जा रहा है, जिससे सभी को रक्षा क्षेत्र की अत्याधुनिक तकनीक और शस्त्रों का अवलोकन करने का मौका मिलेगा। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही रक्षा गलियारे में निवेश का भी अवसर उपलब्ध होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि रक्षा उत्पादन गलियारे के माध्यम से प्रदेश में व्यापक पैमाने पर रोजगार के अवसरों का सृजन होगा। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही पीएम मोदी की 'मेक इन इंडिया' की भावना के अनुरूप सेना को शस्त्रों से सुसज्जित करने में भी सफलता प्राप्त होगी।

मुजफ्फरनगर: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी आज उत्तर प्रदेश में हैं। शनिवार सुबह वह मुजफ्फरनगर पहुंचीं। प्रियंका का काफिला नहर की पटरी के रास्ते मुजफ्फरनगर पहुंचा था। बीते साल दिसंबर में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध प्रदर्शन के दौरान मुजफ्फरनगर के रहने वाले नूर मोहम्मद की मौत हो गई थी। प्रियंका ने नूर व अन्य मृतकों के परिजनों से मुलाकात की। प्रियंका ने रुकैया परवीन नामक उस युवती से भी मुलाकात की जिसकी शादी होने वाली है। रुकैया के परिवार का आरोप है कि पुलिस उनके घर में घुसी और बहुत सारा सामान ले गई।

प्रियंका गांधी ने पीड़ित परिवारों से मुलाकात के बाद कहा, 'मैंने यहां मौलाना असद हुसैनी से मुलाकात की। उन्हें पुलिस ने बेरहमी से पीटा था। पुलिस ने मदरसे के छात्रों जिनमें नाबालिग भी थे, को बिना किसी वजह के हिरासत में ले लिया। उनमें से कुछ लोगों को छोड़ दिया गया है और कुछ लोग अभी भी पुलिस कस्टडी में हैं।' बताते चलें कि पिछले साल 20 दिसंबर को उत्तर प्रदेश के कई शहरों में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में प्रदर्शन हुए थे। इन प्रदर्शनों ने हिंसक रूप ले लिया था। इस दौरान राज्य में 21 लोगों की मौत हुई थी। पुलिसकर्मियों समेत सैकड़ों प्रदर्शनकारी घायल हुए।

वाराणसी: नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में जुलूस निकालते हुए बेनियाबाग से गिरफ्तार 56 मेंं से 40 लोगों की 15 दिनों बाद शुक्रवार को जेल से रिहाई हुई। रिहाई के बाद सभी कचहरी स्थित आंबेडकर प्रतिमा के पास पहुंचे और संविधान की रक्षा के साथ इंकलाबी संकल्प लेते हुए नारे लगाए। सभी ने शांतिपूर्ण तरीके से नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ आंदोलन जारी रखने का संकल्प दोहराया। एनआरसी या किसी भी कानून में अगर कोई भी दस्तावेज मांगे जाएंगे तो नहीं देने का भी नारा बुलंद किया।

नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में बेनियाबाग से प्रदर्शन के दौरान 19 दिसंबर को 56 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। 40 लोगों को शुक्रवार को रिहा किया गया। रिहा होने वालों में सवा साल की बच्ची चंपक के पिता महमूरगंज निवासी रवि शेखर भी शामिल रहे। चंपक की मां एकता शेखर समेत 12 लोगों को गुरुवार को रिहा किया गया था। इस मामले में 56 में से अब तक 52 को रिहा किया जा चुका है। जिला जेल के जेलर पीके त्रिवेदी ने बताया कि अब इस मामले में चार अन्य जेल में है। इसमें से तीन की रिहाई नहीं होगी। वे अन्य मामलों में गिरफ्तार हैं।

लखनऊ: भारत को बदनाम करने के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री अब खुद भी फेक न्यूज फैलाने में लग गए हैं। ननकाना साहिब गुरुद्वारे पर भीड़ के हमले की घटना से लोगों का ध्यान हटाने के लिए पाक पीएम ने शुक्रवार को कई वीडियो पोस्ट कर ‘भारत में मुस्लिमों पर पुलिस अत्याचार’ का झूठा दावा किया। बांग्लादेश के करीब सात साल पुराने वीडियो को ट्वीट कर इमरान ने दावा किया कि भारतीय पुलिस मुस्लिमों पर अत्याचार कर रही है। हालांकि, सोशल मीडिया पर जब इमरान की किरकिरी होने लगी तो उन्होंने ये वीडियो हटा दिए।

वहीं, यूपी पुलिस ने भी ट्वीट कर साफ किया है कि ये वीडियो यूपी के नहीं हैं। यूपी पुलिस ने ट्वीट किया, यह यूपी से नहीं है बल्कि मई, 2013 में बांग्लादेश की राजधानी ढाका की घटना का है। वीडियो में इमरान जिन्हें यूपी पुलिस के जवान के तौर पर बता रहे थे, उनकी वर्दी पर साफ-साफ आरएबी लिखा हुआ देखा जा सकता है। आरएबी (रैपिड एक्शन बटालियन) बांग्लादेश पुलिस की आतंक निरोधी इकाई है। इमरान ने जिस वीडियो को ट्वीट किया, वही वीडियो यू-ट्यूब पर 10 सितंबर 2013 को अपलोड किया गया है।

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