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वाराणसी: नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में जुलूस निकालते हुए बेनियाबाग से गिरफ्तार 56 मेंं से 40 लोगों की 15 दिनों बाद शुक्रवार को जेल से रिहाई हुई। रिहाई के बाद सभी कचहरी स्थित आंबेडकर प्रतिमा के पास पहुंचे और संविधान की रक्षा के साथ इंकलाबी संकल्प लेते हुए नारे लगाए। सभी ने शांतिपूर्ण तरीके से नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ आंदोलन जारी रखने का संकल्प दोहराया। एनआरसी या किसी भी कानून में अगर कोई भी दस्तावेज मांगे जाएंगे तो नहीं देने का भी नारा बुलंद किया।

नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में बेनियाबाग से प्रदर्शन के दौरान 19 दिसंबर को 56 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। 40 लोगों को शुक्रवार को रिहा किया गया। रिहा होने वालों में सवा साल की बच्ची चंपक के पिता महमूरगंज निवासी रवि शेखर भी शामिल रहे। चंपक की मां एकता शेखर समेत 12 लोगों को गुरुवार को रिहा किया गया था। इस मामले में 56 में से अब तक 52 को रिहा किया जा चुका है। जिला जेल के जेलर पीके त्रिवेदी ने बताया कि अब इस मामले में चार अन्य जेल में है। इसमें से तीन की रिहाई नहीं होगी। वे अन्य मामलों में गिरफ्तार हैं।

एक आरोपित के कागजात में खामियों के कारण रिहा नहीं किया जा सका। शनिवार को उसकी रिहाई होगी। जेल से रिहा होने वालों में बीएचयू के छात्र भी थे।

रिहाई के दौरान काफी संख्या में कांग्रेसी भी जेल पर पहुंचे और फूल मालाओं से प्रदर्शनकारियों का स्वागत किया।जेल से निकलते ही प्रदर्शनकारियों ने एक बार फिर नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ आवाज बुलंद की। जेल के ठीक बाहर ही नारेबाजी की। इसके बाद कचहरी स्थित आंबेडकर प्रतिमा के पास जाकर नागरिकता संशोधन कानून के विरोध का संकल्प लेने के साथ ही एनआरसी या किसी भी तरह के कानून में कागजात नहीं दिखाने का संकल्प लेते हुए नारेबाजी की। जुलूस और संकल्प का वीडियो फेसबुक पेज ज्वाइंट एक्शन कमेटी-बीएचयू पर भी अपलोड किया गया है।

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