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लखनऊ: बसपा अध्यक्ष मायावती ने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (एनआरसी) के खिलाफ हाल में हुई हिंसा में बिना जांच-पड़ताल किये निर्दोष लोगों को जेल भेजने का आरोप लगाते हुए पूरे मामले की न्यायिक जांच की मांग की है। मायावती ने रविवार को 'ट्वीट' कर कहा कि उत्तर प्रदेश में सीएए और एनआरसी के खिलाफ हुए प्रदर्शनों में बिना जाँच-पड़ताल के ही विशेषकर बिजनौर, सम्भल, मुजफ्फरनगर, मेरठ, फिरोज़ाबाद तथा अन्य कुछ ज़िलों में भी निर्दोषों को जेल भेज दिया गया है। इसे मीडिया ने भी उजागर किया है। यह अति-शर्मनाक और निन्दनीय है।

उन्होंने सीएए और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा की तमाम वारदात की न्यायिक जाँच करने की मांग करते हुए कहा कि इस सिलसिले में बसपा का एक प्रतिनिधिमण्डल सोमवार को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को एक ज्ञापन सौंपेगा। प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी मांग की कि योगी सरकार हिंसा के आरोप में पकड़े गये बेगुनाह लोगों को फौरन छोड़े, अपनी गलती की माफी मांगे और हिंसा में जान गंवाने वाले निर्दोष लोगों के परिवारों की मदद करे।

लखनऊ: नागरिकता संशोधन कानून को लेकर आंदोलन के दौरान गिरफ्तार कांग्रेस नेता सदफ जफर व एसआर दारापुरी सहित कई लोगों को जमानत मिल गई है। जिन लोगों को जमानत मिली है उनमें पवन राव आंबेडकर और पूर्व आईपीएस अधिकारी एसआर दारापुरी के अलावा भी कई लोग हैं। इन सभी लोगों को लखनऊ में हुए प्रदर्शन व हिंसा के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

सदफ जफर की गिरफ्तारी काफी सुर्खियों में रहीं थी। उनके गिरफ्तार होने के बाद प्रियंका गांधी भी उनके बचाव में उतरी थीं और उन्होंने कहा था कि उत्तर प्रदेश सरकार ने अपनी सारी हदें पार कर दी हैं। इसके बाद प्रियंका गांधी ने उनके गोखले मार्ग स्थित आवास पर कांग्रेस की पूर्व प्रवक्ता सदफ जफर के बच्चों एवं उनकी बहन ने मुलाकात की थी। प्रियंका ने ट्वीट करके कहा था कि सदफ के दोनों बच्चे अपनी मां की रिहाई का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। प्रियंका ने यूपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि संवेदनहीन सरकार ने बच्चों को अपनी मां से, बूढ़ों को अपने बच्चों से जुदा करके रखा है।

लखनऊ: ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत मंत्री व यूपी सरकार के प्रवक्ता पं. श्रीकांत शर्मा ने कांग्रेस को दंगाइयों का अगुआ बताया। शनिवार को जारी अपने बयान में उन्होंने कहा कि पहले कांग्रेस समेत विपक्ष ने शांत उत्तर प्रदेश को आग लगाई। अब जब सरकार ने दंगाइयों पर कार्रवाई शुरू की तो वे उनके पीछे खड़े हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अतिवादी और हिंसा में लिप्त संगठनों का बचाव कर रही है। उसका हाथ साफ तौर पर दंगाइयों के साथ है।

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि कांग्रेस, सपा और बसपा ने अफवाह गैंग के साथ मिलकर नागरिकता संशोधन कानून के बारे में भ्रम फैलाने का काम किया। उसके बाद पीएफआई जैसे अतिवादी संगठन ने सुसंगठित तरीके से यूपी को हिंसा और दंगे की आग में झोंका। हिंसा करने वाले लोग प्रशिक्षित थे। सरकार के पास ऐसे पुख्ता सबूत हैं जो इसकी पुष्टि के साथ संगठन की संलिप्तता को भी साबित करते हैं। इस संगठन में ऐसे लोग शामिल हैं जो पहले प्रतिबंधित आतंकी संगठन सिमी में रहे हैं।

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा की नीतियां और भाषा जनसामान्य को भयभीत कर रही हैं। बुनियादी समस्याओं के समाधान में उसकी तनिक भी रुचि नहीं है। भाजपा सरकार असहमति की आवाज को कुचलने में कोई कसर नहीं छोड़ी रही है। भाजपा लोकतंत्र को धता बताकर मनमानी पर उतर आई है। इसीलिए भाजपा पर जनता का भरोसा नहीं रह गया है।

अखिलेश शनिवार को पार्टी मुख्यालय पर कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि जनविरोधी काम करने के साथ संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर कर रही है। भाजपा राज में किसानों, महिलाओं और बच्चियों का उत्पीड़न बढ़ा है। अजीब बात है कि भाजपा नेतृत्व ने ही विद्वत्ता की ठेकेदारी अपने नाम कर ली है। उनका एक मात्र काम अपने हर गलत काम को सही ठहराना है। भाजपा सीएए, एनपीआर और एनआरसी पर भ्रम फैलाने से बाज नहीं आ रही है। कई राज्य सरकारों ने इनके नए कानूनों के प्रति विरोध जता रही है।

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