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गाज़ियाबाद: निठारी कांड में सीबीआई की विशेष कोर्ट ने आरोपी सुरेंद्र कोली को फांसी की सजा सुनाई है। मालूम हो कि कोली पर 16 मामले चल रहे हैं जिसमें से छठवें मामले में सीबीआई जज पवन कुमार तिवारी ने उसे फांसी की सजा दी है। सुरेंद्र कोली को पांच अक्टूबर को ही अपहरण, रेप और हत्या की धाराओं में दोषी करार दिया जा चुका है। कोर्ट ने कोली को साक्ष्य छिपाने का भी दोषी माना है। डासना जेल में बंद आरोपी सुरेंद्र कोली को शुक्रवार सुबह कड़ी सुरक्षा में सीबीआई विशेष कोर्ट में पेश किया गया। सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक जेपी शर्मा के अनुसार महिला कोठी संख्या डी-5 के पास ही एक गांव में अपने पति के साथ किराए पर रहती थी। 31 अक्तूबर 2006 को गरीब परिवार की इस महिला को कोली ने घरेलू कामकाज करने के बहाने कोठी संख्या-डी-5 पर बुलाकर उससे रेप का प्रयास किया और फिर उसकी हत्या कर दी।शाम तक महिला घर नहीं पहुंची तो उसके पति ने उसकी गुमशुदगी दर्ज करा दी थी। बाद में निठारी कांड के खुलासे में पता चला था कि कोली महिला की हत्या कर चुका है। कोर्ट ने इस फाइल को फैसले में लगाया था। इसी के चलते फैसला जानने के लिए बुधवार सुबह से ही कोर्ट के बाहर बड़ी संख्या में लोगों का जमावड़ा लगा था। न्यायाधीश पवन तिवारी ने सुरेंद्र कोली को आईपीसी की धारा-364,376,302,201 और 511 का दोषी करार दिया है। कोली को दोषी करार दिए जाने के साथ ही पुलिस बल उसे लेकर जेल की ओर रवा0ना हो गया।

इटावा: सूबे के सबसे बडे़ सियासी परिवार में उठे तूफान के बाद पहली बार जिले के दौरे पर आए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ सपा महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव की मौजूदगी के निहितार्थ तलाशे जा रहे हैं। दरअसल सैफई में अंतर्राष्ट्रीय आल वेदर तरणताल के उद्घाटन समारोह में केबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव एवं उनके पुत्र पीसीएफ चेयरमैन आदित्य यादव अंकुर को छोड़कर पूरा परिवार मंच पर मुख्यमंत्री के साथ नज़र आया। परिवार में उठे तूफान के बाद जहां पूरे परिवार की एकजुटता मंच पर दिखी वहीं मुख्यमंत्री ने एक मजे हुए राजनीतिज्ञ की तरह पार्टी के आंतरिक मसले पर किसी प्रकार की बयानवाजी से अपने को दूर रखा। उनका पूरा फोकस विकास के एजेंडे पर रहा। विपक्षी दलों पर हमला करते हुए उन्होंने प्रदेश को विकास के मामले में अग्रणी राज्य बनाने का संकल्प दोहराते हुए सत्ता में वापसी का दावा किया। मुख्यमंत्री की इटावा यात्रा ने पार्टी की आंतरिक कहानी बिना किसी बयानबाज़ी के बाएं कर दी। ये पहली बार नहीं हुआ , जब रामगोपाल यादव और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव साथ साथ नज़र आये हों, पर मुख्यमंत्री के पैतृक ज़िले इटावा में ऐसा पहली बार हुआ, जब रामगोपाल यादव पुलिस लाइन हैलीपेड पर पहुंचे। इसके बाद लायन सफारी से लेकर सैफई में समारोह स्थल तक पांच घंटे से ज़्यादा समय तक लगातार साथ-साथ रहे।

कानपूर: मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि 2017 चुनाव में समाजवादी पार्टी के मुख्यमंत्री का चेहरा सिर्फ मैं ही हूं। उन्होंने दावा किया कि पार्टी दोबारा सरकार बनाएगी और मैं ही दोबारा सीएम बनूंगा। मुख्यमंत्री ने भाजपा को निशाने पर लेकर कहा कि जो लोग कहते हैं कि सपा में पांच मुख्यमंत्री हैं, उन लोगों को अभी तक अपनी पार्टी में चेहरा ढूंढने में मुश्किल हो रही है। होटल लैंडमार्क में अमर उजाला के बैनरतले सामूहिक विधवा विवाह समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में आए मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से कहा कि सपा के अंदर जो भी घमासान है, वह पारिवारिक हैं। फील्ड में सभी एक हैं। ऐसी कई बातें हैं जो अभी नहीं कहीं जा सकती हैं। मौका आने पर वे सामने आएंगी। यह पूछे जाने पर कि जैसे प्रदेश अध्यक्ष बदल दिया गया है, उसी तरह नेताजी कहीं किसी ओर को मुख्यमंत्री न प्रोजेक्ट कर दें, अखिलेश ने कहा कि ऐसा नहीं होगा। उनका कहना है कि दूसरी पार्टियां उनके लैपटॉप बांटने पर तरह-तरह की बातें कर रही थीं पर जनता ने उनकी योजना को हाथोहाथ लिया। अब उन्होंने युवाओं को स्मार्टफोन देने की घोषणा की तो दूसरी पार्टियों को कुछ भी समझ नहीं आ रहा है। स्मार्ट फोन के जरिये लोगों को सरकार की योजनाओं, विकास कार्र्यों की जानकारी मिलेगी। यह पूरे प्रदेश को स्मार्ट बनाने की योजना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि दूसरी पार्टियां यहां तक नहीं सोच पा रही हैं, इसीलिए वे सिर्फ आलोचना कर रही हैं।

लखनऊ: समाजवादी पार्टी में चले रहे घमासान को थामने की कोशिशें तेज हो गई हैं। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि अनुशासनहीनता के आरोप में निष्कासित किए गए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव नज़दीकी कुछ युवा नेताओं की बहाली हो सकती है। सीएम अखिलेश यादव और रामगोपाल यादव पार्टी नेतृत्व से इसका आग्रह कर चुके हैं। अखिलेश की जगह शिवपाल यादव को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने पर सपा मुखिया के आवास के बाहर उग्र प्रदर्शन करने पर एमएलसी आनंद भदौरिया, सुनील यादव साजन, संजय लाठर व युवा संगठनों के अध्यक्षों को पार्टी से बाहर कर दिया था। यह भी संभावना जताई जा रही है कि मुख्यमंत्री समर्थक कुछ प्रत्याशियों के टिकटों पर भी पुनर्विचार हो सकता है।

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