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लखनऊ: सपा के घमासान पर मुखिया मुलायम सिंह यादव ने कहा कि पार्टी में मतभेद नहीं हैं, हम सब साथ हैं। मेरे रहते पार्टी में फूट नहीं हो सकती, हालांकि परिवार में कभी-कभी मतभेद हो जाता है। मुलायम ने आगे यह भी कहा कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव मेरी बात कभी नहीं टालेंगे। अखिलेश-शिवपाल-रामगोपाल में कोई झगड़ा नहीं है. उन्होंने यह भी साफ किया कि गायित्री प्रजापति फिर मंत्री बनेंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई रद्द कर दी गई है। इससे पूर्व मुलायम सिंह यादव ने आज शिवपाल यादव का यूपी अध्यक्ष पद से इस्तीफा नामंजूर कर दिया था। मुलायम सिंह यादव ने आज अखिलेश यादव और शिवपाल से मुलाकात भी थी। उधर, आज लखनऊ में शिवपाल यादव के घर के बाहर उनके समर्थकों ने जमकर प्रदर्शन किया। इन समर्थकों ने शिवपाल यादव के समर्थन में जमकर नारेबाज़ी की और रामगोपाल यादव के खिलाफ नारे लगाए। समर्थकों ने 'रामगोपाल यादव को बाहर करो' के नारे लगाए। इस पर शिवपाल यादव ने अपने समर्थकों से कहा कि अपनी बात पार्टी कार्यालय जाकर नेताजी से कहें। हम सब नेताजी के साथ हैं। उनका संदेश ही हमारे लिए आदेश होगा। गुरुवार को शिवपाल यादव ने अपने मंत्री पद और पार्टी की यूपी इकाई के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। शिवपाल ने मंत्री पद से इस्तीफा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और यूपी अध्यक्ष पद से इस्तीफा राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव को भेज दिया था।

इलाहाबाद: अखिलेश यादव का उनके चाचा शिवपाल यादव के साथ चल रहे टकराव की पृष्ठभूमि में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज उन पर निशाना साधते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अपनी ‘टूटी साइकिल का पहिया बदलकर’ सरकार की छवि बदलने की कोशिश कर रहे है। लेकिन अब बहुत देर हो चुकी है। अगले साल के विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए निकाली गई अपनी यात्रा के दैरान राहुल ने कहा कि अखिलेश कुछ महीने के भीतर बहुत अधिक भरपाई नहीं कर सकते। उन्होंने कहा, ‘अखिलेश यादव अपनी सरकार की छवि बदलने की कोशिश कर रहे हैं। वह अपनी टूटी साइकिल का पहिया बदलने का प्रयास कर रहे हैं। परंतु उनको यह पता होना चाहिए कि बहुत देर हो चुकी है। साढ़े चार साल बर्बाद हो गए हैं।’ राहुल ने अखिलेश यादव पर बतौर मुख्यमंत्री नाकाम रहने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘यहां क्षतिग्रस्त बिजली के तारों को छूने से किसी को डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि इसमें करंट नहीं होता है।’ नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि इसने चुनावी वादों को लेकर देश के साथ ‘विश्वासघात’ किया है। उन्होंने कहा, ‘मोदी सरकार ने बड़े औद्योगिक घरानों के 1.1 लाख करोड़ रूपये का कर्ज माफ कर दिया। मनमोहन सिंह सरकार ने किसानों के 74,000 करोड़ रूपये का कर्ज माफ किया था।

लखनऊ: प्रदेश की सियासत में यादव परिवार में तनातनी के बीच शि‍वपाल यादव ने अखि‍लेश कैबिनेट के मंत्री और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने गुरुवार देर शाम मुख्यमंत्री को मंत्री पद का इस्तीफा सौंपा जबकि प्रदेश अध्यक्ष का इस्तीफा पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह को सौंप दिया है। आज दिल्ली से लेकर लखनऊ तक दिनभर रही गहमागहमी के बीच शाम को उन्होंने अपना इस्तीफा सौंप दिया। विवाद शुरू होने के बाद पहली बार श‍िवपाल यादव और अखिलेश यादव के बीच भी 20 मिनट की मुलाकात हुई। सूत्रों के मुताबिक शिवपाल यादव के बेटे आदित्य ने भी प्रादेशिक को‌-ऑपरेटिव फेडरेशन के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। सूत्रों का कहना है, मुलायम सिंह ने सीएम अखिलेश को शिवपाल के पुराने विभाग लौटाने को कहा था, लेकिन उन्होंने बात नहीं मानी। इससे पहले परिवार का झगड़ा खुलकर सामने आने के बाद सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव गुरुवार शाम दिल्ली से लखनऊ पहुंचे और अपने बेटे और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और भाई शिवपाल यादव से मिलकर कलह को निपटाने की कोशिश शुरू की। मुलायम ने यहां पहुंचते ही शिवपाल को तलब किया और हालात को सामान्य बनाने के लिए बंद कमरे में उनके साथ बैठक की. शिवपाल ने बाद में अखिलेश से उनके आधिकारिक निवास पर मुलाकात की। सूत्रों ने बताया कि मुलायम के निर्देश पर दोनों के बीच करीब 20 मिनट तक बैठक हुई।

लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) में जारी तनातनी को ‘ड्रामेबाजी’ बताते हुए आज (गुरूवार) कहा कि अगर इसमें सचाई है तो जनता के व्यापक हित में सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव को पुत्रमोह त्याग कर सक्रिय राजनीति से तुरन्त सन्यास ले लेना चाहिये। मायावती ने बसपा राज्य मुख्यालय पर वरिष्ठ पदाधिकारियों की बैठक में कहा ‘सपा के परिवार के दर्जनों लोग किसी-ना-किसी रूप में राजनीति में शामिल हंै और उन सबके अपने-अपने स्वार्थ हैं। ऐसे में सपा परिवार की आपसी घमासान, कलह तथा गम्भीर विवादों की समय-समय पर आने वाली खबरें चुनाव के समय जनता का ध्यान बाँटने के लिये ड्रामेबाजी के रूप में होती हैं।’’ उन्होंने कहा ‘‘फिर भी अगर इसमें सचाई है तो प्रदेश की जनता के व्यापक हित में सपा परिवार के मुखिया मुलायम सिंह यादव को पुत्रमोह त्याग कर सक्रिय राजनीति से तुरन्त सन्यास ले लेना चाहिये।’’ मालूम हो कि विगत कुछ महीनों से गम्भीर मतभेदों से दो-चार मुलायम परिवार का द्वंद्व गत 13 सितम्बर को उस समय बढ़ गया था, जब मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रदेश के मुख्य सचिव दीपक सिंघल को हटा दिया था। सिंघल अखिलेश के चाचा कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव के करीबी समझे जाते हैं। जैसे को तैसा की तर्ज पर मुलायम ने बेटे अखिलेश से प्रदेश सपा अध्यक्ष का पद छीनकर शिवपाल को दे दिया, लेकिन कुछ ही घंटों में मुख्यमंत्री अखिलेश ने शिवपाल से लोक निर्माण, सिंचाई और सहकारिता जैसे महत्वपूर्ण विभाग छीन लिये थे।

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