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महाकुंभ हादसा:अस्पतालों के बाहर खड़े परिजनों को नहीं दिया जा रहे शव

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के ‘समाजवादी’ कुनबे में मचा घमासान आज (शनिवार) सड़कों पर उतर आया। परिवार में तल्खी की धुरी बने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उनके चाचा काबीना मंत्री शिवपाल यादव के समर्थकों ने परस्पर बगावत का सूर फूंकते हुए पार्टी मुख्यालय पर पहुंचकर अपने-अपने नेता के पक्ष में नारेबाजी की। लगातार बदलते घटनाक्रम में मुख्यमंत्री अखिलेश ने अपने समर्थकों से कहा कि वह शिवपाल को पार्टी प्रदेश अध्यक्ष बनाने के नेताजी :मुलायम सिंह यादव: के निर्णय के खिलाफ अपना आंदोलन बंद करें और चुनाव की तैयारियों में जुटें। सपा के चारों युवा संगठनों सपा छात्रसभा, लोहिया वाहिनी, युवजन सभा और यूथ ब्रिगेड के कार्यकर्ताओं ने सपा मुख्यालय के सामने शिवपाल को हटाकर अखिलेश को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद पर वापस लाने की मांग करते हुए नारेबाजी की। इस बीच, शिवपाल के समर्थकों ने भी पार्टी मुख्यालय पर पहुंचकर उनके पक्ष में नारेबाजी की। हालात के मद्देनजर सपा मुखिया ने शिवपाल से मुलाकात और अखिलेश से टेलीफोन पर बात की। इसके अलावा अखिलेश भी शिवपाल के घर पहुंचे। नाराज अखिलेश समर्थकों ने सपा मुखिया के खिलाफ भी नारेबाजी की। इस दौरान, कार्यकर्ताओं के बीच हल्की धक्का-मुक्की भी हुई। करीब तीन घंटे तक सपा राज्य मुख्यालय से लेकर सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव के आवास के सामने सड़क पर परस्पर विरोधी समर्थकों का कब्जा रहा। इस दौरान पुलिस को उन्हें सम्भालने में काफी मशक्कत करनी पड़ी।

लखनऊ: भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने उत्तर प्रदेश में 2017 के विधानसभा चुनावों में दलितों को पार्टी के पक्ष में करने की कवायद में शुक्रवार को कांग्रेस, बसपा और सपा पर दलितों के उत्पीड़न का आरोप लगाया। शाह ने कहा कि केन्द्र की भाजपा सरकार दलितों और गरीबों की सरकार है। शाह ने यहां कांशीराम स्मृति उपवन में मानवता सदभावना समारोह में कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार ने दलितों के लिए काम किया है। ये गरीबों की सरकार है।’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी दावा करते हैं कि वह दलितों के मसीहा हैं, लेकिन खुद राहुल के नाना ने संविधान निर्माता भीमराव अंबेडकर को संसद नहीं जाने दिया था। समाजवादी पार्टी मुखिया मुलायम सिंह यादव ने दलितों को प्रताडित किया, जबकि बसपा सुप्रीमो मायावती ने दलितों का शोषण किया। शाह ने कहा कि केवल भाजपा ही ऐसी पार्टी है जिसने अंबेडकर से जुडे तमाम स्मारकों का निर्माण कराया। उन्होंने कहा कि पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा को दलितों का समर्थन हासिल हुआ था। मोदी दलितों के आशीर्वाद से सत्ता में आये। शाह ने जन धन योजना, स्वच्छ भारत मिशन सहित केन्द्र सरकार की तमाम योजनाओं का भी उल्लेख किया। साथ ही विश्वास जताया कि उत्तर प्रदेश में भाजपा की दो तिहाई बहुमत से सरकार बनेगी। उन्होंने कहा कि अगर उत्तर प्रदेश का विकास करना है तो भाजपा ही एकमात्र विकल्प है।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शुक्रवार को अपना फैसला बदलते हुए अपने चाचा शिवपाल सिंह यादव को उनसे लिए गए सारे विभाग वापस देने और बर्खास्त खनन मंत्री गायत्री प्रजापति को फिर से मंत्रिमंडल में शामिल करने का निर्णय लिया। इसके साथ ही सपा परिवार में पिछले 5 दिन से चले आ रहे तल्खी के दौर का भी पटाक्षेप हो गया। मुख्यमंत्री ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से किए गए ट्वीट में कहा कि शिवपाल सिंह यादव को उनके विभाग वापस कर दिए जाएंगे। अखिलेश ने अपने एक और ट्वीट में बताया कि उन्होंने भ्रष्टाचार के आरोप में गत 12 सितंबर को बर्ख्रास्त किए गए गायत्री प्रजापति को मंत्रिमंडल में दोबारा शामिल करने पर रजामंदी दे दी है। मालूम हो कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गत 13 सितंबर को खुद को समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाकर यह जिम्मेदारी शिवपाल को दिए जाने के बाद शिवपाल से लोक निर्माण, राजस्व तथा सहकारिता जैसे महत्वपूर्ण विभाग वापस ले लिए थे। उसके बाद शिवपाल ने कल रात एक नाटकीय घटनाक्रम में मंत्री पद तथा सपा के प्रदेश अध्यक्ष के ओहदे से इस्तीफा दे दिया था। पार्टी में मचे घमासान के बीच सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने स्थिति संभालने के लिए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और शिवपाल यादव से मुलाकात की थी। माना जा रहा है कि इस बैठक में शिवपाल यादव के सभी विभाग वापस दिए जाने का फैसला किया गया था जबकि मुलायम सिंह यादव ने गायत्री प्रजापति की बर्ख्रास्तगी रद करने का फैसला आज दोपहर सपा प्रदेश मुख्यालय पर पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए किया था।

वाराणसी: चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में एक अजीबोगरीब मामला देखने को मिला है वाराणसी के एक निजी अस्पताल में झारखंड के गढ़वा जिले के निवासी 6 वर्षीय रितेश के पेट में अविकसित भ्रूण मिला है डॉक्टरों ने दावा किया है कि ऐसा मामला 5 लाख में से किसी एक बच्चे में पाया जाता है गौरतलब है कि वाराणसी के एक निजी अस्पताल में झारखंड गढ़वा जिले का रहने वाले 6 वर्षीय रितेश को पेट दर्द की शिकायत के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया, जिसके बाद डॉक्टरों ने पेट में गांठ होने की बात कहकर बच्चे के परिवारवालों को ऑपरेशन की सलाह दी मगर ऑपरेशन के बाद डॉक्टरों ने पाया कि जिसे वे गांठ समझ रहे थे वह एक अविकसित भ्रूण है डॉक्टरों ने दावा किया है कि ऐसा मामला पहले भी देखा गया है और आमतौर पर 5 लाख में से किसी एक बच्चे में ही ऐसी शिकायत पाई जाती है सुनकर आप भी हैरान होंगे मगर एक्सपर्ट्स का मानना है कि इसके पीछे की वजह यह है कि जब रितेश अपनी मां के गर्भ में था तब उसके साथ ही एक जुड़वां भ्रूण विकसित हुआ मगर किसी कारण वश उसका विकास नहीं हो पाया और गर्भ में पल रहे रितेश के भ्रूण ने अपने साथी भ्रूण पर कब्जा कर लिया लिहाजा जन्म के दौरान ही यह परजीवी के तौर पर रितेश के पेट में आ गया हालांकि इस हकीकत से बच्चे के मां-बाप अब भी अनभिज्ञ हैं और परिवारवालों का कहना है कि जब डॉक्टरों ने यह बात उन्हें बताई तब जाकर उन्हें पता चला

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