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लखनऊ: सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने नोटबंदी से बर्बाद हुई अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर केंद्र सरकार की कड़ी आलोचना की है। अखिलेश ने कहा कि नोटबंदी से व्यापार बर्बाद हो गए हैं। युवाओं की नौकरियां चली गई हैं। कहा तो ये गया था कि आतंकवाद और नक्सलवाद खत्म हो जाएगा लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। लेकिन सरकार लगातार लोगों का ध्यान बंटाने का काम कर रही है। अखिलेश यादव शुक्रवार को सपा मुख्यालय में मीडिया को संबोधित कर रहे थे।

अखिलेश ने कहा कि लोगों के दुख और तकलीफें देखकर हम कह सकते हैं कि वो इस सरकार से छुटकारा पाना चाहते हैं और यूपी में 2022 में सपा की सरकार बनेगी। लोग परेशान हैं उनके पास काम नहीं और जानवर किसानों की फसलें बर्बाद कर रहे हैं। नोटबंदी ने बैंकिंग सिस्टम को बर्बाद कर दिया है। सरकार को युवाओं को रोजगार देने पर ध्यान लगाना चाहिए। उन्होंने सपा कार्यालय में नोटबंदी के दौरान पैदा हुए बच्चे खजांची का केक काटकर जन्मदिन मनाया और उसे शुभकामनाएं दी।

लखनऊ: बसपा सुप्रीमो मायावती सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के खिलाफ गेस्ट हाउस कांड में दर्ज केस वापस लेंगी। इसकी पुष्टि बसपा के उच्च पदस्थ सूत्रों ने कर दी है। सूत्रों ने बताया कि सपा-बसपा गठबंधन के बाद लोकसभा चुनाव की साझा चुनावी रैलियों के बीच सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बसपा नेतृत्व से गेस्ट हाउस कांड में नामजद मुलायम सिंह के खिलाफ दर्ज कराया गया मुकदमा वापस लेने का आग्रह किया था। लेकिन अब तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि इस कांड के सभी आरोपियों के नाम मुकदमे से वापस होंगे या फिर सिर्फ मुलायम सिंह यादव का।

इधर, सपा-बसपा गठबंधन टूटने के बाद अचानक मुकदमा वापसी की चर्चा फैलते ही सियासी गलियारों में तरह-तरह की अटकलबाजी शुरू हो गई है। इसके सियासी मायने तलाशे जाने लगे हैं। विधानसभा उपचुनाव में सपा और बसपा ने अलग-अलग चुनाव​ लड़े। सपा को तीन सीटें मिलीं लेकिन बसपा खाता भी नहीं खोल सकी।

गाजियाबाद: गाजियाबाद पुलिस की कोशिश उस वक्त रंग लाती दिखी जब भ्रष्टाचार के आरोप में एक माह से अधिक समय से फरार चल रही इंस्पेक्टर लक्ष्मी चौहान ने गुरुवार को मेरठ की एंटी करप्शन कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस ने गुरुवार को ही इंस्पेक्टर लक्ष्मी सिंह चौहान समेत सभी सातों पुलिस कर्मियों पर 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था। इसके साथ ही उनके मकानों पर कुर्की नोटिस भी चस्पा कर दिए गए थे।

जानकारी के अनुसार, गिरफ्तारी से बचने के लिए किसी शातिर अपराधी की तरह पुलिस के साथ तू डाल-डाल, मैं पात-पात वाला खेल खेल रही फरार महिला इंस्पेक्टर लक्ष्मी सिंह चौहान और सात अन्य पुलिसकर्मियों पर गाजियाबाद पुलिस द्वारा शिकंजा कसे जाने के चंद घंटों के अंदर ही लक्ष्मी चौहान ने आत्मसमर्पण कर दिया। ज्ञात हो कि बदमाशों से लूट की बरामद रकम में से 70 लाख रुपये डकारने के आरोप में एक माह से अधिक समय से फरार इंस्पेक्टर लक्ष्मी चौहान पुलिस की गिरफ्त से दूर थीं।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भ्रष्टाचार और कार्य में ढिलाई को लेकर बेहद सख्त नजर आ रहे हैं। इसकी बानगी आज सात पीपीएस अफसरो को नौकरी से बर्खास्त करके दिखा दी गई है। शासन ने सात पुलिस उपाधीक्षकों को अनिवार्य सेवानिवृत्त दी है।

प्रदेश सरकार ने सहायक सेनानायक 15वीं वाहिनी पीएसी आगरा अरुण कुमार, फैजाबाद में डिप्टी एसपी विनोद कुमार राणा, आगरा में डिप्टी एसपी नरेंद्र सिंह राणा, सहायक सेनानायक 33वीं वाहिनी पीएसी झांसी तेजवीर सिंह यादव, डिप्टी एसपी मुरादाबाद संतोष कुमार सिंह तथा सहायक सेनानायक 30वीं वाहिनी पीएसी गोंडा में कार्यरत तनवीर अहमद खां को जबरन सेवानिवृत्ति दे दी गई है। इन सभी की आयु 50 वर्ष या इससे अधिक है और इनके ऊपर कार्य में शिथिलता बरतने व दूसरे कई आरोप लगे हैं। सरकार ने स्क्रीनिंग कमेटी की रिपोर्ट पर निर्णय लेते हुए इन अफसरों को सेवानिवृत्ति दे दी। हर विभाग में सुस्त तथा भ्रष्टाचार में लिप्त कर्मचारियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है।

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