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लखनऊ: उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के कर्मचारियों की भविष्य निधि के करीब 2,600 करोड़ रुपये का अनियमित तरीके से निवेश किए जाने के मामले में राज्य के बिजली मंत्री श्रीकांत शर्मा और मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला शुरु हो गया है। शर्मा ने रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के शासनकाल में इस भ्रष्टाचार का दरवाजा खोले जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि माफिया सरगना दाऊद इब्राहीम से कथित तौर पर जुड़ी कम्पनी डीएचएफएल में पीएफ निवेश कराने वाली पूर्ववर्ती सरकार के मुखिया रहे अखिलेश उस कम्पनी से अपने रिश्तों के बारे में बतायें। वहीं, सपा ने 'ट्वीट' कर कहा कि डीएचएफएल से चंदा लेने वाले बिजली मंत्री बतायें कि 'ये रिश्ता क्या कहलाता है?'

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि अखिलेश के शासनकाल में 21 अप्रैल 2014 को सीपीएफ ट्रस्ट और जनरल प्रॉविडेंट फंड ट्रस्ट के बोर्ड आफ ट्रस्टी ने यह निर्णय लिया था कि राष्ट्रीयकृत बैंकों में जमा की जाने वाली जीपीएफ और सीपीएफ धनराशि पर अगर बैंक निवेश की तरह सुरक्षित और अधिक ब्याज देने वाले विकल्प हो तो उसमें निवेश किया जाए।

शाहजहांपुर: पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद के खिलाफ यौन उत्पीड़न मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल ने मुमुक्षु आश्रम के पास एक नाले में खोज के दौरान पीड़िता का पर्स बरामद किया। सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी। अब एसआईटी को उस चश्मे की तलाश है जिसमें लगे जासूसी कैमरे की मदद से पीड़िता ने पूर्व केंद्रीय मंत्री की मालिश करते हुए वीडियो बनाया था एसआईटी सूत्रों ने बताया पीड़िता ने जिस चश्मे की मदद से वीडियो बनाया था, वह चश्मा छात्रा के हॉस्टल से नहीं मिला। इस चश्मे को अहम सबूत मान रही एसआईटी के एक दल ने आज सुबह मुमुक्षु आश्रम के पास नाले में स्थानीय पुलिस तथा मजदूरों की मदद से खोज की। खोज के दौरान नाले में पीड़िता का पर्स मिला परंतु चश्मा अभी तक नहीं मिल पाया है।

बताया जाता है कि मामले में एसआईटी ने अंतिम चरण में अपनी जांच तेज कर दी है क्योंकि चिन्मयानंद की जमानत अर्जी पर आठ नवंबर को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में बहस होनी है। अदालत ने एसआईटी से सात नवंबर तक जवाब मांगा है।

रामपुर: सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर पर हुए आतंकी हमले के मामले में कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। इस मामले में कोर्ट ने छह दोषियों में से चार को फांसी की सजा सुनाई गई है। जबकि दोषी जंग बहादुर को उम्र कैद तो वहीं फहीम को दस साल की सजा सुनाई है। बता दें कि फहीम का नाम मुंबई में ताज होटल में हुए आतंकी हमले में भी आया था, हालांकि उसे बाद में बरी कर दिया गया था। कोर्ट ने बृहस्पतिवार को ही इन छह आरोपियों को दोषी करार दिया था, और दो को बरी कर दिया है।

सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर पर 31 दिसंबर 2007 की रात आतंकी हमला हुआ था। हमले में सीआरपीएफ के सात जवान शहीद हो गए थे और एक रिक्शा चालक की मौत हो गई थी। इस हमले में सिविल लाइंस कोतवाली के दरोगा, सिपाही और होमगार्ड समेत छह लोग घायल हुए थे। हमले के 40 दिन बाद एटीएस और पुलिस ने रामपुर और लखनऊ से संदिग्धों को गिरफ्तार किया था। पूछताछ के बाद सीआरपीएफ कांड को अंजाम देने के आरोप में उनकी गिरफ्तारी दिखाई गई थी।

लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव समेत भाजपा विधायकों पंकज सिंह व नीरज वोरा और अपना दल के एमएलसी आशीष पटेल को बड़े सरकारी बंगले आवंटित करने के मामले में राज्य सरकार से जवाब तलब किया है। अदालत ने इन चारों विधायकों को भी नोटिस जारी किया है। जस्टिस पंकज कुमार जायसवाल और जस्टिस इरशाद अली की बेंच ने शुक्रवार को यह आदेश वकील मोतीलाल यादव की जनहित याचिका पर दिया।

याची का कहना था कि नियमों की अनदेखी कर राजनीतिक वजहों से इन चारों विधायकों को बड़े बंगले दिए गए हैं। जसवंत नगर से विधायक शिवपाल यादव को लाल बहादुर शास्त्री मार्ग स्थित बंगला न. 6 दिया गया है जो पहले पूर्व मुख्यमंत्री मायावती को आवंटित था। बंगला न. 1 ए माल एवेन्यू विधान परिषद सदस्य आशीष पटेल को दिया गया है। यह बंगला पहले पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी को आवंटित था। बंगला न. ए 4 दिलकुशा कॉलोनी व ए 6 दिलकुशा कॉलोनी क्रमश: पंकज सिंह व नीरज वोरा को दिए गए हैं।

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