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पटना: बिहार में बाढ से 91 लोगों की मौत होने के साथ इससे अब तक 33 लाख आबादी प्रभावित हो गयी है। आपदा प्रबंधन विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक बाढ के कारण पिछले 24 घंटे के दौरान पूर्णिया में 2 और की मौत के साथ अब तक इस आपदा से मरने वालों की संख्या कुल 91 हो गयी है। बिहार में बाढ से मरने वाले लोगों में पूर्णिया में 28, अररिया में 21, कटिहार में 15, सुपौल में 8, किशनगंज में 5, मधेपुरा एवं गोपालगंज में 4-4 तथा मुजफ्फरपुर एवं सहरसा 1-1 व्यक्ति शामिल हैं। बिहार में बाढ के कारण प्रदेश के 14 जिलों पूर्णिया, किशनगंज, अररिया, दरभंगा, मधेपुरा, भागलपुर, कटिहार, सहरसा, सुपौल, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण और सारण के 78 प्रखंडों के 2371 गांवों की कुल 33 लाख आबादी बेघर हो गयी है जिनमें से 386449 लोग 464 सरकारी राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं। बिहार में बाढ से 2 लाख हेक्टेयर में लगी फसल की क्षति हुई है तथा 354 लाख रूपये के मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं। बाढ प्रभावित इलाकों में लोगों के आवाजाही के लिए कुल 1490 नाव :712 सरकारी देशी नाव एवं 778 निजी नाव: परिचालित की जा रही हैं। बिहार के बाढ प्रभावित इलाके में बीमार लोगों के इलाज के लिए 224 मेडिकल टीमों की प्रतिनियुक्ति की गयी है तथा बाढ पीडितों के बीच राहत एवं बचाव कार्य के लिए सुपौल, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, दरभंगा एवं पटना जिला के दीदारगंज में एनडीआरएफ की एक-एक टीम तथा खगडिया, सीतामढी, पूर्णिया, भागलपुर, मधुबनी और मधेपुरा में एसडीआरएफ की एक एक टीम की प्रतिनियुक्ति की गयी है।

पटना: दलित छात्रों को लेकर विपक्ष के हंगामे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि उनके पास कोई काम नहीं है। हमें काम करने के लिए जनादेश मिला है और काम कर रहे हैं। वे नाहक राजनीति कर रहे हैं। घुटना से आंसू बहा रहे विपक्ष को दलितों की चिंता है तो वह क्यों नहीं छात्रवृत्ति की पूरी राशि केन्द्र से दिलवा देते हैं। विधानमंडल परिसर में पत्रकारों से बातचीत में सीएम ने कहा कि पैरों में जूता-चप्पल पहनते हैं और चमड़ा निकालने वाले दलितों को गुजरात में पीटते हैं। आखिर किन कारणों से रोहित वेमुला को आत्महत्या करनी पड़ी। बिहार सरकार प्रतिभावान छात्रों को छात्रवृत्ति दे रही है। निजी संस्थानों के लिए असीमित राशि की मांग हो रही है। आखिर प्रतिभावान छात्रों से अधिक पैसा निजी संस्थानों में पढ़ने वालों को देकर कैसा न्याय होगा। सरकार की यूनिवर्सल (समावेशी) नीति है। दो अक्टूबर से स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड (एससीसी) योजना में 12वीं पास छात्रों को चार लाख मिलेगा। वैट वृद्धि पर विपक्ष के हो-हल्ला पर कहा कि सात निश्चय व अन्य विकास योजनाओं को पूरा करने के लिए राशि की जरूरत है। आय बढ़ने पर टैक्स में वृद्धि होती है। मामूली वृद्धि से जो राशि हासिल होगी, विपक्ष उसे केन्द्र से दिलवा दे तो हम वैट में वृद्धि को वापस ले लेंगे। उत्पाद विधेयक पर सीएम ने कहा कि भाजपा खुलकर क्यों नहीं कहती है कि शराब बेचने दें। जब गांव में शराबबंदी की तो कहते थे कि शहर में कब बंद करेंगे। राज्यभर में शराबबंदी लागू हुई तो मीन-मेख निकाल रहे हैं। यह नहीं चलेगा कि शराबबंदी कानून भी लागू हो और होम डिलिवरी भी जारी रहे। सामाजिक बुराई को मिटाने के लिए ही कड़े कानून का प्रावधान किया गया है। पड़ोसी राज्य झारखंड ने सीमावर्ती जिले में मिनिमम गारंटी कोटा बढ़ा दिया है।

नवादा: बिहार के नवादा जिले के सिरदला थाना क्षेत्र में डायन होने के आरोप में एक युवती और उसकी मां को तीन दिनों तक बंधक बनाकर मारपीट करने तथा दोनों को निर्वस्त्र कर नचाए जाने का मामला प्रकाश में आया है। पीड़िता ने सिरदला थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है। पुलिस के अनुसार, खरौंध तुरिया टोला के रहने वाले रामचंद्र तुरिया के घर में पांच दिन पूर्व एक बच्चे का जन्म हुआ। जन्म के कुछ समय बाद ही नवजात की मौत हो गई। परिजनों को शक था कि पड़ोस में रहने वाली मां-बेटी डायन हैं, और उन्होंने नवजात की जान ले ली। इसके बाद इन लोगों ने ओझा (तंत्र-मंत्र करने का दावा करने वाले) को बुलाया। इन ओझाओं ने भी पड़ोस की ही महिलाओं को डायन होने की बात कही। प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि इसके बाद रामचंद्र तुरिया ने पड़ोस में रहने वाली महिला और उसकी पुत्री को बंधक बना लिया। आरोप है कि तंत्र-मंत्र के नाम पर दोनों को निर्वस्त्र कर नाचने पर मजबूर किया गया तथा दोनों की पिटाई भी की गई। बुधवार सुबह दोनों अपनी जान बचाकर वहां से निकल भागीं। सिरदला थाना के पुलिस अधिकारी एन.के. सिंह ने कहा कि पीड़ित महिला के बयान के आधार पर सिरदला थाने में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है, जिसमें रामचंद्र तुरिया और घड़िया तुरिया को नामजद किया गया है।

पटना: बिहार विधानसभा ने तीन घंटे लंबी चर्चा पर सरकार के जवाब से नाखुश विपक्ष के बहिर्गमन के बीच पूर्णशराबबंदी को लेकर पेश ‘बिहार मद्य निषेध और उत्पाद विधेयक 2016’ को सोमवार को ध्वनि मत से पारित कर दिया। हालांकि पूर्णशराबबंदी को लेकर बनाए गये इस नये कानून में ‘नीरा’ (अकिण्वित होने के पूर्व ताड के पेड से उतारा गया पेय पदार्थ) के उत्पादन की व्यवस्था होने तक दलित समाज के पासी समुदाय की आजीविका के परंपरागत कारोबार में छूट दी गयी है। राजग सदस्यों ने इस विधेयक पर गरमा-गरम चर्चा के दौरान इसका जोरदार ढंग से विरोध करने के साथ मुख्यमंत्री के जवाब से नाखुश होकर सदन से बहिर्गमन करने के पूर्व इसमें संशोधन के लिए कुल 17 प्रस्ताव लाए, जिनमें से दो पर उनके वोटिंग के लिए अड़ने पर उसमें भी हार के साथ सदन ने इन संशोधनों को ध्वनिमत से अस्वीकृत कर दिया। भाजपा सदस्यों द्वारा इस विधेयक में संशोधन के लिए लाए गए कुल 17 प्रस्तावों में से विधेयक के खंड 17 और 32 में संशोधन को लेकर वोटिंग कराए जाने के लिए अड़ने पर खंड 17 में संशोधन के लिए लाए गए प्रस्ताव लेकर करायी वोटिंग गयी। इसमें उसके पक्ष कुल 46 और विरोध में 150 मत पड़े जबकि खंड 32 में संशोधन को लेकर लाए गए प्रस्ताव को लेकर करायी गयी वोटिंग में उसके पक्ष में 45 और विरोध में 153 मत पड़े।

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