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सासाराम: सासाराम के बाराहखन्ना गांव की एक महिला ने घर में शौचालय बनाने के लिए अपना मंगलसूत्र गिरवी रख दिया जिसके बाद रोहतास जिला प्रशासन ने उसके प्रयासों को एक नई पहचान प्रदान करते हुए उसे संपूर्ण स्वच्छता कार्यक्रम का ब्रांड एंबैसडर बनाया है। स्थानीय पंचायत ने बताया कि एक स्थानीय प्राथमिक विद्यालय में रसोइया का काम करते हुए फूलकुमारी पर्याप्त धनराशि नहीं जुटा पायी, दूसरा खेतिहर मजदूर होने के कारण उसके पति की आय भी मामूली है। पंचायत ने बताया कि उसने जरूरी धनराशि जुटाने के वास्ते मंगलसूत्र गिरवी रखने के समय परिवार के पुरुष सदस्यों के विरोध का डटकर मुकाबला किया। रोहतास के जिलाधिकारी अनीमेश कुमार पराशर ने कहा, ‘बुधवार को मैं और जिला प्रशासन के अन्य अधिकारी कुमारी के घर पर उसके पति और ससुर की उपस्थिति में निर्माण कार्य के उद्घाटन में हिस्सा लेंगे।’ जिलाधिकारी ने बताया कि जिले में अन्य को प्रेरित करने के लिए इस महिला को संपूर्ण स्वच्छता कार्यक्रम का ब्रांड एंबैसडर बनाया गया है।

पटना: जोरदार वर्षा के कारण कोसी नदी में उफान आने से बिहार में सुपौल जिले के करीब 50 गांवों में बाढ़ का पानी भर गया है, जिससे लोगों को अपना घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा है। अधिकारियों ने कहा कि राज्य के आधा दर्जन जिलों के सैकड़ों गांवों पर कोसी नदी की बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। जिले के एक अधिकारी ने कहा, "सुपौल जिले में घोघरिया पंचायत के करीब 200 फूस के घर कोसी की बाढ़ में बह गए हैं।" राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी ने कहा, "विगत दो दिनों से कोसी नदी का जलस्तर बढ़ रहा है। कई जिलों के सैकड़ों गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है।" विभाग के अधिकारियों ने कहा कि बिहार और नेपाल में भारी वर्षा होने से कोसी और अन्य नदियों के जलस्तर बढ़ने के साथ सुपौल जिले के गांवों में फिर बाढ़ का डर सताने लगा है। राज्य सरकार ने इंजीनियरों को सतर्क कर दिया है और उन्हें 24 घंटे निगरानी करने को कहा है। बिहार के जल संसाधन मंत्री ललन सिंह ने कहा कि सभी बांध सुरक्षित हैं और घबराने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि कोसी का वह पूर्वी बांध बिल्कुल सुरक्षित है, जिसके टूटने से साल 2008 में उत्तर बिहार के पांच जिलों में बाढ़ आई थी। सिंह ने कहा कि बांध को मजबूत किया गया है और दरारों की मरम्मत का काम पूरा हो चुका है। नेपाल में कोसी नदी पर बने बांध के टूटने और नदी की धारा बदलने से बिहार में साल 2008 में 30 लाख लोग बेघर हो गए थे।

पटना: बिहार का मेधा घोटाला भगवान द्वारा दिया गया एक मौका हैं, राज्य की शिक्षा-व्‍यवस्‍था को चुस्त-दुरुस्त करने का। ये कहना हैं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का, जो शुक्रवार को बिहार कौशल विकास मिशन की वेबसाइट के कार्यक्रम में राज्य के मेधा घोटाले के मुद्दे पर जमकर बोले। नीतीश ने दावा किया कि बिहार के छात्र बहुत मेधावी होते हैं और एक कॉलेज के कुछ लड़कों के कारण पूरे राज्‍य के इंटर के छात्रों पर शक करना गलत हैं। नीतीश ने कहा कि जिन्‍होंने फर्जीवाड़ा किया, वो जेल जा रहे हैं और इस घटना में शामिल लोगों के साथ राज्य सरकार कोई नरमी नहीं बरत रही हैं, लेकिन नीतीश कुमार के अनुसार अगले साल से कोई इंटर के परीक्षा में दाएं-बाएं नहीं कर सकता। मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने इस पूरे स्कैंडल को ऊपर वाले की मेहरबानी बताते हुए कि 'अब एक ऐसा अवसर मिल गया हैं कि सब कुछ इस आधार पर अगले साल से चुस्त-दुरुस्त हो जाएगा।' नीतीश ने माना कि राज्य में मैट्रिक की परीक्षा में इस साल कदाचार मुक्त हुआ तो उसका श्रेय मीडिया में हाजीपुर के उस फोटो और विज़ुअल्स का हैं, जिसमे एक चार मंजिला बिल्डिंग के ऊपर छात्रों को चोरी से नकल करा रहे थे और और मेधा घोटाला भी इंटर की परीक्षा को को चुस्त-दुरुस्त करने में राज्य सरकार के लिए मार्गदर्शक का काम करेगी, लेकिन नीतीश ने इस मुद्दे पर अपनी आलोचना पर सफाई देते हुए कहा कि 'बिना किसी मांग के उन्होंने पूरे स्कैंडल को आपराधिक कार्रवाई मानते हुए मुक़दमा दर्ज करने का निर्देश दिया था।

पटना: युवाओं को रोजगार के लायक बनाने की जरूरत पर बल देते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को कहा कि राज्य सरकार बिहार में 2020 तक एक करोड़ लोगों को कौशल विकास प्रशिक्षण उपलब्ध कराएगी। नीतीश ने कहा, ‘हमारे युवा प्रतिभावान हैं और उन्हें बस अवसर मिलने की दरकार है। मुझे पूरा विश्वास है कि हम अपने लक्ष्यों को हासिल करेंगे।’ मुख्यमंत्री यहां ‘विश्व युवा कौशल विकास दिवस’ के मौके पर बिहार कौशल विकास मिशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। बिहार सरकार के महत्वाकांक्षी ‘सात संकल्पों’ में कौशल विकास के आंकड़े इस राज्य के और यहां के लोगों के सर्वांगीण विकास की गाथा गाते हैं। राज्य के श्रम संसाधन विभाग ने बिहार कौशल विकास मिशन के साथ मिलकर महाराष्ट्र नॉलेज कॉरपोरेशन (एमकेसीएल) के साथ एक सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया। कुमार ने कहा कि एमकेसीएल कौशल विकास के क्षेत्र में राज्य सरकार का ज्ञान साझीदार होगा। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘राज्य में कौशल विकास के लिए अच्छी गुणवत्ता के संस्थानों और केन्द्रों की जरूरत है ताकि युवाओं को उचित प्रशिक्षण मिल सके न कि प्रशिक्षण के नाम पर केवल प्रमाण पत्र मिले।’

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