ताज़ा खबरें
जिस हॉस्पिटल से बच्चा चोरी हो, उसका लाइसेंस रद्द करो: सुप्रीम कोर्ट
गड़े मुर्दे मत उखाड़ो भारी पड़ेगा, हर मंदिर के नीचे बौद्ध मठ: सुमन

पटना: बिहार में 12वीं की परीक्षा में फर्जी तरीके से टॉप करने के आरोप में गिरफ्तार छात्रा रूबी राय को करीब पांच हफ्ते बाद आज (सोमवार) जमानत मिल गई। उसे बिहार पुलिस ने गिरफ्तार किया था, जिस पर काफी विवाद हुआ था। बाद में उसे जुवेनाइल होम में भेज दिया गया और उसकी जमानत याचिका दो बार नामंजूर कर दी गई थी। जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने कहा था कि रूबी राय ने 12वीं की आर्ट्स टॉपर बनने के लिए दूसरे लोगों के साथ मिलकर गंभीर अपराध किया था। रूबी राय की पोल उस वक्त खुली जब टीवी इंटरव्यू में उसने कहा कि राजनीति विज्ञान (पोलिटिकल साइंस) में खाना पकाने के बारे में पढ़ाया जाता है. इस मामले ने खूब तूल पकड़ा। बाद में कई वरिष्ठ शिक्षा अधिकारी और उस कॉलेज के प्रिंसिपल समेत करीब 30 लोग गिरफ्तार कर लिए गए। री-टेस्‍ट और इंटरव्यू में रूबी एक भी सवाल का जवाब नहीं दे पाई थी। पुलिस के मुताबिक, पूछताछ में रूबी ने बताया था कि पिता ने उससे कहा था कि वे 'उसके रिजल्‍ट का ध्‍यान रख लेंगे।' परीक्षा में टॉप करने के लिए रूबी के पिता ने कई अधिकारियों को घूस दी थी। रूबी ने जांचकर्ताओं को बताया था कि 'मैं केवल सेकंड डिवीजन चाहती थी, मैंने कभी सोचा नहीं था कि टॉप करूंगी।'

पटना: बिहार में प्रमुख विपक्षी पार्टी भाजपा ने राज्य की नौकरियों में तथा व्यवसायिक महाविद्यालयों में 80 प्रतिशत का आरक्षण संबंधी आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद का समर्थन किया और कहा कि हालांकि इस दिशा में 'बयानबाजी' के अलावा कोई ठोस कार्य नहीं किया जा रहा है. बिहार विधान परिषद स्थित अपने कक्ष में सोमवार को पटना में पत्रकारों से नेता प्रतिपक्ष सुशील कुमार मोदी ने कहा कि आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद की मांग कि राज्य के व्यावसायिक संस्थानों में तथा प्रदेश की नौकरियों में 80 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया जाए, जिसका मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा सैद्धांतिक तौर पर समर्थन किया गया है. बीजेपी भी इसका समर्थन करती है पर ऐसा प्रतीत होता है कि नीतीश कुमार और लालू प्रसाद राजनीतिक लाभ के लिए केवल 'बयानबाजी' करते हैं. इस दिशा में कोई ठोस कार्य नहीं किया जा रहा है. बिहार विधान परिषद में सोमवार को इस मामले को भाजपा सदस्य रजनीश कुमार द्वारा लाए गए एक कार्यस्थगन प्रस्ताव पर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मंगल पाण्डेय ने भी इसे उठाया. इस मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हस्तक्षेप करने की बात पर सुशील मोदी ने कहा कि देश के अन्य राज्यों में भी लागू इस मामले में केंद्र सकार का कोई सरोकार नहीं, इसलिए उसके द्वारा हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं.

पटना: बिहार में बाढ़ से 12 जिलों की 27.50 लाख आबादी प्रभावित हुई है तथा 26 लोगों की जानें गई हैं। आपदा प्रबंधन विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक पड़ोसी देश नेपाल के तराई क्षेत्रों में भारी बारिश से उत्तरी बिहार के कुछ जिलों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। वर्तमान में महानंदा, बखरा, कंकई, परमार, कोसी एवं अन्य नदी में बाढ़ से बिहार के 12 जिलों - पूर्णिया, किशनगंज, अररिया, दरभंगा, मधेपुरा, भागलपुर, कटिहार, सहरसा, सुपौल, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर एवं पूर्वी चंपारण के 62 प्रखंडों के 2162 गांव की 27.50 लाख आबादी प्रभावित हुई है। बिहार में घाघरा नदी सीवान जिले के दरौली और गंगपुर-सिसवन में, बागमती नदी मुजफ्फरपुर के बेनिबाद में, कोसी नदी खगड़िया के बलतारा में, महानंदा नदी पूर्णिया के ढेंगरा घाट में तथा कटिहार जिले के झावा में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। बाढ़ से बिहार में अबतक 26 लोगों की जान गई है। सुपौल में 8, पूर्णिया में 7, किशनगंज में 5 कटिहार एवं मधेपुरा में 2-2 और सहरसा एवं अररिया में 1-1 लोगों की मौत हुई है। बिहार में बाढ़ के कारण 3.39 लाख हेक्टेयर में लगी फसलों की क्षति हुई, जिसके अनुमानित मूल्य का आकलन किया जा रहा है. बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य चलाने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की तैनाती की गई है। एनडीआरएफ की एक-एक टीम सुपौल, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, दरभंगा एवं पटना के दीदारगंज में तथा एसडीआरएफ की एक-एक टीम खगड़िया, सीतामढ़ी, पूर्णियां, भागलुपर, मधुबनी और मधेपुरा जिलों में तैनाती की गई है।

पटना: बिहार में बाढ़ से अब तक 26 लोगों की मौत हो गई, जबकि 22 लाख लोग प्रभावित हुए हैं. राज्य में कोसी समेत कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. बिहार आपदा प्रबंधन विभाग ने बताया कि अकेले किशनगंज में बाढ़ की वजह से आठ लोगों की मौत हो गई, जबकि पूर्णिया में सात अन्य कालकवलित हो गए. कटिहार और मधेपुरा जिले में दो-दो व्यक्तियों की जान चली गई. अररिया एवं सहरसा में एक एक व्यक्ति बाढ़ में अपनी जान गंवायी. विभाग के बयान के अनुसार पूर्णिया, किशनगंज, अररिया, दरभंगा, मधेपुरा, भागलपुर, कटिहार, सहरसा, सुपौल और गोपालगंज जिलों में बाढ़ से करीब 21.99 लाख लोग प्रभावित हुए हैं. इस बाढ़ में करीब 1.83 लाख हेक्टेयर जमीन भी डूब गई है. विशाल क्षेत्र में लगी फसल नष्ट हो गई. वैसे क्षति का आकलन किया जा रहा है. कुल 392 पक्के मकान क्षतिग्रस्त हो गए, जबकि 4703 कच्चे मकानांे को भारी नुकसान पहुंचा. करीब 4639 झोपड़ियां भी बाढ़ में डूब गईं. मकानों की क्षति करीब 67.91 लाख रुपये की है. आपदा प्रबंधन विभाग ने बयान में बताया कि मुजफ्फरपुर के बेनीबाद में बागमती, दरभंगा के कमतौल में अघवारा, खगड़िया के बालटारा में कोसी, कटिहार के कुरसेवा में कोसी, पूर्णिया के धेंगरा में महानंदा और कटिहार में झावा नदियां खतरे के निशान से उपर बह रही हैं. बाढ़ वाले क्षेत्रों से लोगों को निकालने के लिए 8,850 नौकाएं लगायी गई हैं. अब तक 3.89 लाख लोग बाढ़ वाले क्षेत्र से निकाले गए हैं.

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख