पटना: दलित छात्रों को लेकर विपक्ष के हंगामे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि उनके पास कोई काम नहीं है। हमें काम करने के लिए जनादेश मिला है और काम कर रहे हैं। वे नाहक राजनीति कर रहे हैं। घुटना से आंसू बहा रहे विपक्ष को दलितों की चिंता है तो वह क्यों नहीं छात्रवृत्ति की पूरी राशि केन्द्र से दिलवा देते हैं। विधानमंडल परिसर में पत्रकारों से बातचीत में सीएम ने कहा कि पैरों में जूता-चप्पल पहनते हैं और चमड़ा निकालने वाले दलितों को गुजरात में पीटते हैं। आखिर किन कारणों से रोहित वेमुला को आत्महत्या करनी पड़ी। बिहार सरकार प्रतिभावान छात्रों को छात्रवृत्ति दे रही है। निजी संस्थानों के लिए असीमित राशि की मांग हो रही है। आखिर प्रतिभावान छात्रों से अधिक पैसा निजी संस्थानों में पढ़ने वालों को देकर कैसा न्याय होगा। सरकार की यूनिवर्सल (समावेशी) नीति है। दो अक्टूबर से स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड (एससीसी) योजना में 12वीं पास छात्रों को चार लाख मिलेगा। वैट वृद्धि पर विपक्ष के हो-हल्ला पर कहा कि सात निश्चय व अन्य विकास योजनाओं को पूरा करने के लिए राशि की जरूरत है। आय बढ़ने पर टैक्स में वृद्धि होती है। मामूली वृद्धि से जो राशि हासिल होगी, विपक्ष उसे केन्द्र से दिलवा दे तो हम वैट में वृद्धि को वापस ले लेंगे। उत्पाद विधेयक पर सीएम ने कहा कि भाजपा खुलकर क्यों नहीं कहती है कि शराब बेचने दें। जब गांव में शराबबंदी की तो कहते थे कि शहर में कब बंद करेंगे। राज्यभर में शराबबंदी लागू हुई तो मीन-मेख निकाल रहे हैं। यह नहीं चलेगा कि शराबबंदी कानून भी लागू हो और होम डिलिवरी भी जारी रहे। सामाजिक बुराई को मिटाने के लिए ही कड़े कानून का प्रावधान किया गया है। पड़ोसी राज्य झारखंड ने सीमावर्ती जिले में मिनिमम गारंटी कोटा बढ़ा दिया है।
हम तो प्रधानमंत्री से अनुरोध कर रहे हैं कि पूरे देश में शराबबंदी लागू करें। इसकी शुरुआत भाजपा शासित या समर्थित राज्यों से लागू हो। नारकोटिक्स ब्यूरो भी कड़ाई करे। शराब से आय तात्कालिक है। लोगों को आश्वस्त करते हुए कहा कि सब निश्चिंत रहें। कोई किसी को फंसा नहीं सकता है। गलत करने वाले अधिकारियों के लिए तीन साल की सजा और एक लाख जुर्माने का प्रावधान है। जहां तक बालिग का सवाल है तो किसी के जिम्मेवारी नहीं लेने पर ही बालिग दोषी होंगे। आखिर कौन शख्स चाहेगा कि उसके बदले उसकी बेटी, बेटा या पत्नी जेल जाए। शराबबंदी के बावजूद बिहार की कौन सशक्त महिला, युवा व युवती घर में शराब रखने की अनुमति देगी। पाकिस्तान दौरे के क्रम में गृह मंत्री राजनाथ सिंह के भाषण का ब्लैकआउट के सवाल पर सीएम ने कहा कि विदेश मामले में केन्द्र सरकार हर मोर्चे पर विफल है। ठोस कदम उठाने चाहिए। विदेशी मामलों में केन्द्र को निर्णय लेना है। यह देश की प्रतिष्ठा का सवाल है। जो भी केन्द्र निर्णय लेगा, हम उसका समर्थन करेंगे। लेकिन लोकसभा चुनाव से पहले पाकिस्तान से लवलेटर लिखने की परिपाटी को बंद करने की बात करने वाले प्रधानमंत्री के तेवर न जानें चुनाव के बाद क्यों माइल्ड हो गए हैं। गुजरात प्रकरण पर कहा कि जिस तरीके से पाटीदारी आंदोलन के बाद वहां स्थिति उत्पन्न हुई, उससे वहां का विकास मॉडल का पता चलता है। आखिर यह कैसा विकास है कि पाटीदारों को आरक्षण मांगना पड़ा। इससे साफ हो गया कि गुजरात का विकास मॉडल सफल नहीं है। आंदोलन के कारण स्थिति को संभालने के लिए भाजपा ने सीएम बदलने का निर्णय लिया है। यह उनका अंदरूनी मामला है। यूपी दौरे पर कहा कि वे पार्टी के मंडलीय सम्मेलन में शामिल होने जा रहे हैं। चुनावी साल है, नई सरकार पर जनता तय करेगी। हम तो युवा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को सुझाव दे रहे हैं कि हिम्मत करके शराबबंदी करें। राज्यपाल के सवाल पर कहा कि अंतरराज्यीय परिषद की बैठक में कहा था कि या तो इसे समाप्त किया जाए या सीएम से एक्टिव कंसलटेंट किया जाए। आखिर सरकार के शपथ दिलाने के बजाए राज्यपाल का क्या औचित्य है। उन्हें तो सरकार के ही सलाह पर काम करना है। कांग्रेस को छोड़ देश की सभी पार्टियों ने यह मांग की है। यह दीगर है कि भाजपा सत्ता में आने पर भूल गई है। जहां तक विधान परिषद का सवाल है तो इसकी परम्परा है। विप में स्थानीय निकाय, शिक्षक, स्नातक, विस के कोटे और राज्यपाल के मनोनयन से सदस्य बनते हैं। विचार-विमर्श होता है।