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नई दिल्ली: भारतीय शेयर बाजार में लगातार दूसरे दिन गिरावट का दौर जारी है। बुधवार को सेंसेक्स में करीब 300 अंक की गिरावट आयी है। जबकि निफ्टी 22450 के नीचे खुला है। इससे एक दिन पहले स्थानीय शेयर बाजार में मंगलवार को पिछले तीन कारोबारी सत्रों से जारी गिरावट पर विराम लगा और बीएसई सेंसेक्स 1,089 अंक चढ़ गया, जबकि एनएसई के निफ्टी में 374 अंक की बढ़त रही। एशिया और यूरोप के बाजारों में मजबूती के बीच निचले स्तर पर चौतरफा लिवाली से बाजार बढ़त में रहा। एक दिन पहले बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी में 10 महीने की सबसे बड़ी गिरावट आई थी। तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 1,089.18 अंक यानि 1.49 प्रतिशत की बढ़त के साथ 74,227.08 अंक पर बंद हुआ।

कारोबार के दौरान एक समय यह 1,721.49 अंक तक चढ़ गया था। सेंसेक्स के 29 शेयर लाभ में रहे। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 374.25 अंक यानी 1.69 प्रतिशत की बढ़त के साथ 22,535.85 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 535.6 अंक तक चढ़ गया था।

अमेरिका के जवाबी शुल्क को लेकर चिंता के बीच सेंसेक्स सोमवार को 2,226.79 अंक यानि 2.95 प्रतिशत लुढ़क गया था जबकि निफ्टी में 742.85 अंक यानि 3.24 प्रतिशत की गिरावट आई थी। यह पिछले 10 महीने में एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट थी। मेहता इक्विटीज लि. के वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रशांत तापसे ने कहा, ‘‘वैश्विक स्तर पर सकारात्मक रुख से स्थानीय मानक सूचकांकों में अच्छी तेजी आई। अमेरिकी शुल्क को लेकर चिंता कुछ हद तक इस बात से दूर हुई है कि ज्यादातर देश चुनौतियों से पार पाने के लिए उपाय तलाशेंगे।

ग्लोबल मार्केट में हलचल

ट्रंप के टैरिफ एलान के बाद से लगातार अमेरिका और चीन की ट्रेड टेंशन बढ़ती जा रही है। इसका असर वैश्विक बाजार पर बहुत ही बुरा पड़ रहा है। बाजार धाराशयी होता नजर आ रहा है। डाउ जोन्स में करीब 2000 अंक की भारी गिरावट आयी है। जबकि नैस्डैक भी 2.5% नीचे आ गया है।

इधर, अमेरिका और चीन के बीच तनाव इस कदर बढ़ चुका है कि व्हाइट हाउस ने 9 अप्रैल से चीन से आयातित सामानों पर 104 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ वसूलने की बात तक कह दी है। अमेरिका की तरफ से ऐसा कड़ा कदम उठाने का एलान ऐसे वक्त पर किया गया जब चीन ने यूएस के सामानों पर 34 फीसदी जवाबी शुल्क हटाने से इंकार किया है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ लगाने के बाद सोमवार को एशियाई शेयर मार्केट में भारी गिरावट देखी गई। शंघाई से लेकर टोक्यो और सिडनी से लेकर हांगकांग तक एशिया-पैसिफिक रीजन के शेयरों में सोमवार को इतनी जबरदस्त गिरावट आई जैसा पिछले दशकों में होते नहीं देखा गया।

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