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नई दिल्ली: पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में 13,000 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी मामले में मेहुल चोकसी को बेल्जियम में गिरफ्तार किया गया। भगोड़े मेहुल चोकसी के खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के प्रत्यर्पण अनुरोध के आधार ये कार्रवाई की गई। भारतीय जांच एजेंसियां उसे जल्द ही वापस भारत लाने की तैयारी में जुटी हुई है। इस बीच मेहुल चौकसी के वकील विजय अग्रवाल ने कहा कि वह इस गिरफ्तारी के खिलाफ अपील दायर करने की प्रक्रिया शुरू करने वाले हैं।

'इतनी आसानी से नहीं हो सकता प्रत्यर्पण': वकील

मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक मेहुल चौकसी के वकील ने कहा कि अगर उन्हें भारत प्रत्यर्पित किया जाता है तो यह उनके मानवाधिकार का उल्लंघन होगा। उन्होंने कहा, "यह किसी भी देश की प्रक्रिया होती है। यदि कोई देश दूसरे देश को रिक्वेस्ट करती है तो औपचारिक तौर पर गिरफ्तारी होती है और फिर उसकी बेल भी दी जाती है। उसके बाद प्रत्यर्पण को चुनौती दी जाती है।" इस दौरान उन्होंने संजीव भंडारी केस का भी हवाला दिया।

विजय अग्रवाल ने कहा, "संजीव भंडारी का केस हारने के बाद भारत सरकार के लिए यह बहुत मुश्किल हो गया है। मुझे नहीं लगता है कि प्रत्यर्पण इतनी आसानी से हो सकता है।" उन्होंने दावा किया कि मेहुल को भगोड़ा घोषित नहीं किया गया है, क्योंकि वह भारतीय जांच एजेंसी के साथ सहयोग करते रहे हैं।

मेहुल चौकसी की मेडिकल कंडीशन का दिया हवाला

वकील विजय अग्रवाल ने कहा, "यह केस लंबे समय से चल रहा है। हमने हमेशा कोर्ट में कहा है कि मेहुल जांच में शामिल होने के लिए तैयार हैं, लेकिन मेडिकल कंडीशन के कारण वह यात्रा नहीं कर सकते हैं। वह वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरीए जांच में शामिल होंगे।" उन्होंने कहा, "मेहुल चौकसी बीमार हैं और कैंसर का इलाज करवा रहे हैं। हम जो अपील करेंगे उसमें यह अनुरोध किया जाएगा कि मेहुल को हिरासत में न रखा जाए। अपील का स्पष्ट आधार ये होगा कि मेहुल चौकसी के भागने का जोखिम नहीं है।"

 

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