कोलकाता: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ जारी प्रदर्शन से कथित रूप से जुड़ी हिंसक झड़पों में पिता-पुत्र समेत तीन लोगों की मौत हो गई। संशोधित वक्फ कानून के मद्देनजर पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में जारी हिंसा के बाद, बीएसएफ ने राज्य पुलिस के सहयोग के लिए पांच कंपनियां तैनात की हैं। आईजी साउथ बंगाल फ्रंटियर करणी सिंह शेखावत ने शनिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बीएसएफ पुलिस के साथ काम करेगी और क्षेत्र में शांति बहाल करने में मदद के लिए जरूरत पड़ने पर और बल भेजने के लिए तैयार है।
सुती और शमशेरगंज जैसे इलाकों में बढ़ती अशांति के बीच, कलकत्ता हाईकोर्ट ने नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए प्रभावित क्षेत्रों में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की तैनाती का आदेश दिया। जज सौमेन सेन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा कि जब ऐसे हालात पैदा हो जाते हैं तो कोर्ट ‘‘अपनी आंखें मूंदे नहीं रह सकता'' और आम लोगों को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने की आवश्यकता पर बल दिया।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को घोषणा की कि राज्य में वक्फ (संशोधन) अधिनियम लागू नहीं किया जाएगा।
बीएसएफ हर स्थिति से निपटने को तैयार
मीडिया रिपोर्टर्स से बात करते हुए शेखावत ने कहा, "हमें इस स्थिति में उनके साथ मिलकर काम करना होगा। इसी पर चर्चा हुई। हमने पुलिस की मदद के लिए अपनी पांच कंपनियां भेजी हैं। हम यहां स्वतंत्र कार्रवाई के लिए नहीं, पुलिस की मदद करने के लिए हैं। हम राज्य पुलिस की मांग के अनुसार काम करेंगे। हमें उम्मीद है कि यहां जल्द ही शांति बहाल हो जाएगी। अगर पुलिस को और कंपनियों की जरूरत होगी, तो हम उन्हें मुहैया कराएंगे। बीएसएफ हर स्थिति के लिए तैयार है।" कलकत्ता हाई कोर्ट द्वारा प्रभावित क्षेत्र में केंद्रीय बलों की तैनाती के आदेश के बाद शेखावत हिंसा प्रभावित क्षेत्र में पहुंचे। हाल ही में, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुए दंगों पर चिंता व्यक्त की और कहा कि उन्हें खुशी है कि कलकत्ता हाई कोर्ट ने हस्तक्षेप किया और उचित निर्णय दिया।
ममता बनर्जी ने हिंसा पर क्या कहा
प्रदर्शनकारियों को शांत करने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने साफ कर दिया कि संबंधित कानून केंद्र सरकार ने बनाया गया है, उनकी सरकार ने नहीं। मुख्यमंत्री ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, “याद रखें, हमने वह कानून नहीं बनाया, जिस पर बहुत लोग नाराज हैं। यह कानून केंद्र सरकार ने बनाया है। इसलिए आप जो जवाब चाहते हैं, वह केंद्र सरकार से मांगना चाहिए।” उन्होंने पूछा, “हमने इस मामले में अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है- हम इस कानून का समर्थन नहीं करते। यह कानून हमारे राज्य में लागू नहीं होगा। तो दंगा किसलिए।”
गृह मंत्रालय ने कहा कि हिंसा प्रभावित मुर्शिदाबाद में स्थानीय तौर पर उपलब्ध लगभग 300 बीएसएफ कर्मियों के अलावा पश्चिम बंगाल सरकार के अनुरोध पर 5 और कंपनी तैनात की गईं। गृह मंत्रालय के अनुसार केंद्रीय गृह सचिव ने कहा कि केंद्र स्थिति पर करीब से नजर रख रहा है, उन्होंने पश्चिम बंगाल को हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया।
प्रदर्शनकारियों ने पुलिस वाहनों को आग लगा दी, सड़कें जाम कर दीं और रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुंचाया। पूर्व रेलवे के न्यू फरक्का-अजीमगंज रेल मार्ग पर शुक्रवार को धुलियानगंगा और निमतिता स्टेशनों के बीच ट्रेन सेवाएं लगभग छह घंटे तक बाधित रहीं। मुर्शिदाबाद के कई हिस्सों में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है तथा स्थिति को और बिगड़ने से रोकने के लिए इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं। पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार ने हिंसा में संलिप्त लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी।