मुंबई: शिवसेना यूबीटी प्रमुख और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने एक बार फिर अपने पारंपरिक गढ़ कोंकण की ओर रुख किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे आगामी चुनावों में मैदान में उतरने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
आज मातोश्री में कोंकण के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने कहा, “मैं फिर से कोंकण जाऊंगा। जीत की मनगढंत कहानियां सुनाई जा रही हैं। झूठ बोलने वाले अब बेनकाब हो चुके हैं।” उन्होंने बीजेपी के नेता नारायण राणे की तरफ इशारा करते हुए कहा कि रोक सके तो रोक लो।
उद्धव ठाकरे का यह बयान, न सिर्फ उनकी राजनीतिक वापसी का एलान है, बल्कि बागी गुट खासकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना पर सीधा हमला भी है।
2022 में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के भीतर बड़ी बगावत हुई थी। कई विधायकों ने उद्धव ठाकरे का साथ छोड़ दिया। इस घटनाक्रम के बाद शिवसेना दो भागों में बंट गई। इसके बावजूद उद्धव ठाकरे का दावा है कि सच्ची शिवसेना की आत्मा, उसकी वैचारिक नींव और उसका कार्यकर्ता वर्ग आज भी उनके साथ है।
हालांकि इस बार के विधानसभा और लोकसभा में ठाकरे को कोंकण में हार मिली। बालासाहेब ठाकरे के जमाने से कोंकण पर शिवसेना का वर्चस्व रहा है, लेकिन लोकसभा और विधानसभा के चुनाव में ठाकरे को बुरी हार का सामना करना पड़ा।
अब कोंकण हासिल करना उद्धव ठाकरे के लिए चुनौती है। इसकी शुरुआत करने के लिए उद्धव ठाकरे कोंकण का दौरा जल्द शुरू करेंगे। वे जनता से सीधा संवाद करेंगे, पार्टी के संगठन को मजबूत करेंगे और बागी नेताओं के दावों का जवाब देंगे।
कोंकण से पहले नासिक जाएंगे ठाकरे
16 अप्रैल को नासिक में एक शिविर आयोजित किया जाएगा, जिसमें कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण और प्रेरणा दी जाएगी। महाराष्ट्र में अब लोकसभा और विधानसभा चुनाव के बाद स्थानीय चुनाव होने जा रहे हैं, इसलिए ठाकरे ने अपनी पार्टी की तैयारी शुरू की है।
पिछले महीने में मुंबई के ईशान्य विभाग में ऐसा ही शिविर आयोजित किया गया था। महाराष्ट्र के ऐसे ही अलग अलग क्षेत्रों में ठाकरे एक दिवसीय शिविर का आयोजन करेंगे।