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बक्सर: बसपा सुप्रीमो मायावती पर टिप्पणी कर चर्चा में आए दयाशंकर सिंह को शुक्रवार को दिन के 2 बजे बक्सर से गिरफ्तार कर लिया गया। दयाशंकर को शिकंजे में लेते ही यूपी पुलिस उन्हें लखनऊ ले गई। दयाशंकर के खिलाफ लखनऊ के हजरतगंज पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज है। उत्तर प्रदेश पुलिस ने बक्सर पुलिस के सहयोग से दयाशंकर को बक्सर रेलवे स्टेशन के पास चीनी मिल मोहल्ले से गिरफ्तार किया। वहां वे किसी रंजीत सिंह के घर छुपे हुए थे। पुलिस के अनुसार, रंजीत सिंह दयाशंकर की जान-पहचान का है। पुलिस चार दिनों से दयाशंकर का मोबाइल लोकेशन ट्रेस कर रही थी। गुरुवार की रात दयाशंकर का मोबाइल लोकेशन देवघर दिखा रहा था। शुक्रवार को उनका मोबाइल लोकेशन बक्सर दिखाने लगा। इसके बाद उत्तर प्रदेश पुलिस सक्रिय हुई और बक्सर पुलिस के सहयोग से छापेमारी की। चीनी मिल मोहल्ले में छापेमारी में दयाशंकर पकड़े गए। बक्सर के एसपी उपेन्द्र शर्मा ने कहा कि यूपी पुलिस की टीम यहां छापेमारी को पहुंची थी। बक्सर पुलिस के सहयोग से दयाशंकर की गिरफ्तारी हुई है। दयाशंकर बक्सर के ही सिमरी प्रखंड के छोटका राजपुर गांव के रहनेवाले हैं। वे विंध्याचल सिंह के पांच पुत्रों में तीसरे नंबर पर हैं। दयाशंकर की प्रारंभिक शिक्षा छोटका राजपुर गांव के विद्यालय में हुई थी। उसके बाद दयाशंकर उत्तर प्रदेश के बलिया जिला स्थित करमानपुर गांव अपने मामा के घर चले आए। यहीं दयाशंकर की स्कूली शिक्षा पूरी हुई।

मामा मैनेजर सिंह राजनीति में सक्रिय थे। उसका असर भांजा के जीवन पर भी पड़ा। लखनऊ विश्वविद्यालय में दाखिले के बाद दयाशंकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े और परिषद के अध्यक्ष बने। यही से राजनीति में उनकी सक्रियता बढ़ी।

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