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मुंबई: शरद चंद्र पवार वाली राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (एनसीपीएसपी) के प्रमुख ने साफ कर दिया है कि उनकी पार्टी कांग्रेस और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना के साथ मिलकर महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव लड़ेगी। बता दें, चुनाव इस साल अक्तूबर में होने वाले हैं।

शरद पवार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि राज्य विधानसभा चुनावों में छोटे सहयोगियों के हितों की रक्षा करना महाराष्ट्र में प्रमुख विपक्षी दलों की नैतिक जिम्मेदारी है, जो 2024 के लोकसभा चुनावों में गठबंधन का हिस्सा थे।

महा विकास अघाड़ी का हिस्सा ये दल

कांग्रेस, शरद चंद्र पवार वाली एनसीपी और शिवसेना (यूबीटी) विपक्षी महा विकास अघाड़ी का हिस्सा हैं। ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार के गिरने से पहले नवंबर 2019 से जून 2022 तक महा विकास अघाड़ी राज्य में सत्ता में था।

पवार ने कहा कि महाराष्ट्र के लोगों के सामने विपक्ष एकजुट होकर रहेगा। उन्होंने आगे कहा कि राज्य में बदलाव की जरूरत है और इसका निर्वहन करना विपक्षी गठबंधन की नैतिक जिम्मेदारी है।

शरद पवार ने महाभारत का किया जिक्र

उन्होंने कहा कि जैसे महाभारत में अर्जुन का निशाना मछली की आंख थी, हमारी नजरें महाराष्ट्र चुनाव पर टिकी हैं। कांग्रेस, एनसीपी (एसपी) और शिवसेना (यूबीटी) मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ेंगी। पूर्व सीएम ने कहा कि राज्य में सीट बंटवारे को लेकर फिलहाल कोई बात शुरू नहीं हुई है। हालांकि, जल्द ही इस पर चर्चा होगी।

दलों के हितों की रक्षा करना हमारी नैतिक जिम्मेदारी

उन्होंने कहा कि लोगों ने 2024 के लोकसभा चुनाव में एनसीपी (एसपी), शिवसेना (यूबीटी) और कांग्रेस पर विश्वास दिखाया है। शरद पवार ने आगे कहा, 'लेकिन इन तीन पार्टियों की तरह वाम पार्टियां, पीजेंट्स एंड वर्कर्स पार्टी (पीडब्ल्यूपी) भी गठबंधन का हिस्सा थीं, लेकिन हम उन्हें लोकसभा में सीट नहीं दे सके। इन दलों के हितों की रक्षा करना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है। इसलिए उनके साथ (राज्य विधानसभा चुनाव में) आगे बढ़ने का प्रयास किया जाएगा।'

राज्य के बजट पर कही ये बात

एकनाथ शिंदे सरकार द्वारा शुक्रवार को पेश किए गए राज्य के बजट के बारे में पूछे जाने पर एनसीपी (एसपी) प्रमुख ने कहा, 'अगर आप बाजार में खाली जेब लेकर जाते हैं तो क्या होगा? कुछ दिनों की बात है, वास्तविकता जल्द ही देखने को मिलेगी।'

महाराष्ट्र सरकार द्वारा राज्य विधानसभा चुनाव से चार महीने पहले शुक्रवार को पेश किए गए बजट में 21 से 60 आयु वर्ग की महिलाओं को 1,500 रुपये का मासिक भत्ता, परिवारों के लिए साल में तीन मुफ्त एलपीजी सिलेंडर, किसान हितैषी कदम और कौशल प्रशिक्षण के लिए युवाओं को प्रति माह 10,000 रुपये का भत्ता दिया गया।
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